वर्तमान में सरहद पर माहौल गंभीर है। हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है। वजह के बारे में आप सभी जानते हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा सिंधु जल समझौता निलंबित करने साथ ही कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। पहलगाम घटना को लेकर हर तरफ रोष है। सामान्य विषय के तौर पर यह जानना जरूरी है कि आखिर किन परिस्थितियों में दो देशों के बीच युद्ध हो सकता है।
दो देशों के बीच युद्ध विभिन्न कारणों से हो सकता है। इनके कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
क्षेत्रीय विवाद
सीमा विवाद: दो देशों के बीच कई बार सीमा को लेकर असहमति या ऐतिहासिक दावे भी युद्ध का कारण बन सकते हैं। हालांकि, इस तरह के मुद्दे वार्तालाप कर सुलझाए जाते हैं।
संसाधनों पर नियंत्रण: कई बार दो देशों के बीच महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों (जैसे पानी, तेल, खनिज) पर नियंत्रण को लेकर तनाव का माहौल बन जाता है।
रणनीतिक महत्व: दो देशों के बीच किसी विशेष क्षेत्र का बफर जोन या समुद्री मार्ग युद्ध का कारण बन सकता है।
राजनीतिक और विचारधारात्मक कारण:
शासन व्यवस्था में अंतर: कुछ मामलों में दो देशों की राजनीतिक विचारधाराओं या शासन प्रणालियों में गहरा अंतर युद्ध का कारण बनता है।
राजनीतिक अस्थिरता: यदि किसी देश में राजनीतिक अस्थिरता हो, तो दूसरे देश को हस्तक्षेप करने या हमला करने का अवसर मिलता है।
आर्थिक कारण
व्यापार विवाद: कुछ मामलों में व्यापार नीतियों, शुल्कों या आर्थिक प्रभुत्व को लेकर चल रहा संघर्ष युद्ध का रूप ले लेता है।
सुरक्षा संबंधी कारण:
सुरक्षा दुविधा: यदि कोई देश अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाता है, तो इसे दूसरा देश अपने खतरे के रूप में देखता है।
आतंकवाद: यदि एक देश दूसरे देश में सक्रिय आतंकवादी समूहों का समर्थन करता है या उन्हें रोकने में विफल रहने पर रहता है, तो युद्ध का कारण बनता है।
सामाजिक और सांस्कृतिक कारण:
जातीय या धार्मिक तनाव: कुछ मामलों में दो देशों में रहने वाले समान जातीय या धार्मिक समूहों के बीच तनाव भी युद्ध का कारण बन जाता है
कब शुरू होता है युद्ध?
कोई भी युद्ध तब शुरू होता है, जब दो या इससे अधिक देश अपने विवादों का शांतूपूर्ण रूप से हल करने में विफल रहते हैं। साथ ही, वे सेना बल का उपयोग करते हैं।
युद्ध के मामलों में अंतरराष्ट्रीय कानून युद्ध को ही अंतिम उपाय मानता है। हालांकि, संप्रभु राष्ट्रों के पास आत्मरक्षा या अन्य महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए बल का उपयोग करने को लेकर अधिकार रहता है। इसके अतिरिक्त, युद्ध के संचालन और युद्ध को नियंत्रित करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून व संधियां भी मौजूद हैं, जिनसे युद्धों पर नियंत्रण किया जाता है।
संक्षेप में बात करें, तो दो देशों के बीच युद्ध एक जटिल घटना होती है। इसके पीछे राजनैतिक, सामाजिक व आर्थिक कारण होते हैं।
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