उत्तर प्रदेश के किस जिले में है सीताकुंड घाट और क्या है इसका महत्त्व, जानें

Jul 8, 2024, 12:10 IST

उत्तर प्रदेश भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है। यहां की विविध संस्कृति और अनूठी परंपराएं इसे अन्य राज्यों से अलग बनाती हैं। राज्य में आपको कई ऐतिहासिक स्थल भी देखने को मिल जाएंगे, जो कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी  के किस जिले में सीताकुंड घाट है ? यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।  

यूपी में सीताकुंड घाट
यूपी में सीताकुंड घाट

उत्तर प्रदेश में वर्तमान में कई धार्मिक नगरियां मौजूद हैं। इन धार्मिक नगरियों में आपको नदियों और नदी किनारे कई घाट देखने को मिल जाएंगे, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं।

इसके अतिरिक्त भारत का यह राज्य अपनी सांस्कृतिक विरासत और समृद्ध इतिहास के लिए भी जाना जाता है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों का भ्रमण किया होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के किस जिले में सीताकुंड घाट मौजूद है ? यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

उत्तर प्रदेश के कुल जिले

सबसे पहले हम उत्तर प्रदेश के कुल जिलों के बारे में जान लेते हैं, तो आपको बता दें उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। इसके कुल जिलों की बात करें, तो इनकी संख्या 75 है, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। वहीं, यहां 351 तहसील, 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद्, 28 विकास प्राधिकरण, 5 विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण और 75 नगर पंचायत मौजूद हैं। 

उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला

उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिले की बात करें, तो यह लखीमपुर खीरी है, जो कि 7680 वर्ग किलोमीटर में है। वहीं, इसके बाद सोनभद्र, हरदोई और सीतापुर का नाम आता है। 

उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा जिला

उत्तर प्रदेश के सबसे छोटे जिले की बात करें, तो यह हापुड़ है, जो कि 660 वर्ग किलोमीटर में है। इसके बाद गाजियाबाद, भदोही और शामली सबसे छोटे जिलों में आते हैं। 

किस जिले में है सीताकुंड घाट

अब सवाल है कि आखिर यूपी के किस जिले में है सीताकुंड घाट, तो आपको बता दें कि यह प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में मौजूद है। 

क्यों मशहूर है सीताकुंड घाट 

सीताकुंड घाट जिला मुख्यालय के उत्तरी छोर पर आदिगंगा गोमती नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है। रामायण व रामचरित मानस में इस बात का जिक्र किया गया है कि जब श्रीराम को चौदह वर्ष का वनवास हुआ, तो वह वनगमन के लिए सीता एवं लक्ष्मण के साथ निकले।

उन्होंने तमसा तट पार किया और फिर दक्षिणी दिशा में आदिगंगा गोमती के तट पर पहुंचकर रात्रि विश्राम किया। लोगों की आस्था के मुताबिक, यह वही स्थल है, जहां श्रीराम ने विश्राम किया था। ब्रिटिश कालीन 'गजेटियर ऑफ अवध' में भी इसका जिक्र है। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

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