उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। यह राज्य 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि पूरे भारत के करीब 7.33 फीसदी हिस्से पर है। साथ ही, यह सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। इसके साथ-साथ यह सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य भी है।
साल 2011 में यहां की जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 दर्ज की गई थी। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में सुना और पढ़ा होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी का कौन-सा जिला विविधता की भूमि कहलाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश में कुल जिले
उत्तर प्रदेश राज्य का गठन 1 नवंबर, 1956 को हुआ था। पूर्व में राज्य की राजधानी प्रयागराज हुआ करती थी, लेकिन बाद में यह लखनऊ हो गई। राज्य में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। ये मंडल कुल चार संभागों का हिस्सा हैं। इन संभागों की बात करें, तो ये पूर्वांचल, मध्य उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदलेखंड है।
यहां कुल 17 नगर निगम, 351 तहसील, 826 सामुदायिक विकास खंड, 200 नगर पालिका परिषद्, 75 नगर पंचायत और 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायत मौजूद हैं।
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिले की बात करें, तो यह लखीमपुर खीरी जिला है, जो कि 7680 वर्ग किलोमीटर में है। वहीं, सबसे छोटा जिला हापुड़ है, जो कि 660 वर्ग किलोमीटर में है।
उत्तर प्रदेश के चार दिशाओं के चार जिले
उत्तर प्रदेश के सबसे पूर्वी जिले की बात करें, तो यह बलिया है। वहीं, सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर है, सबसे पश्चिमी जिला शामली और सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है।
उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला है विविधता की भूमि
अब सवाल है कि यूपी का कौन-सा जिला विविधता की भूमि कहलाता है, तो आपको बता दें कि यह जिला औरेया जिला है।
क्यों कहलाता है विविधता की भूमि
औरेया जिले में हमें विविध संस्कृति और पंरपराएं देखने को मिलती हैं। इस जिले में विविध संस्कृतियों के लोग रहते हैं। ऐसे में इस जिले को हम विविधता का जिला भी कहते हैं।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation