दिल्ली को हिंदुस्तान का दिल कहा जाता है। भारत का यह दिल शुरू से ही सत्ता का केंद्र रहा है। यहां सल्तनत काल से लेकर आधुनिक काल में अलग-अलग शासकों ने शासन किया और पूरे भारत को यहां से शासित किया। दिल्ली सल्तनत काल में भी यहां गुलाम वंश, खिलजी वंश और तुगलक वंश ने शासन किया। वहीं, मुगलों का शासन हुआ, तो उन्होंने भी दिल्ली का सत्ता केंद्र बनाया। हालांकि, सभी मुगलों ने दिल्ली को अपनी राजधानी नहीं बनाया था। कौन थे ये मुगल, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
लोधी वंश में बदली थी राजधानी
दिल्ली का इतिहास उठाकर देखें, तो हमें अनंगपाल सिंह तोमर द्वारा दिल्ली में पहला किला बनाने का इतिहास दिखता है, जिन्होंने दिल्ली के दक्षिणी हिस्से यानि कि महरौली में किला राय पिथौरा बनवाया था। बाद में यहां पृथ्वीराज चौहान ने भी शासन किया। हालांकि, उनका मुख्य गढ़ अजमेर था। कुछ समय बाद यहां दिल्ली सल्तनत के शासक गुलाम वंश, खिलजी वंश, तुगलक वंश और लोधी वंश ने शासन किया। हालांकि, लोधी वंश ने अपनी राजधानी आगरा को बनाया था। सिकंदर लोधी ने आगरा शहर की नींव रखी थी।
मुगल सम्राज्य में इन मुगलों ने दिल्ली को नहीं बनाया राजधानी
बाबर
बाबर ने 1526 में पानीपत की लड़ाई में इब्राहिम लोधी को हरा दिया था, जिसके बाद बाबर द्वारा मुगल वंश की स्थापना की गई थी। बाबर ने दिल्ली के बजाय आगरा को अपनी राजधानी बनाने का निर्णय लिया था, क्योंकि, आगरा दिल्ली की तुलना में अधिक बसा हुआ शहर था। बाबर ने 1530 तक शासन किया था।
हुमायूं
हुमायूं कुछ समय के लिए दिल्ली पहुंचे थे, जिसके बाद हुमायूं द्वारा पुराने किले का जीर्णोधार करवाया गया था, लेकिन हुमायूं ने राजधानी नहीं बदली। उनके द्वारा दीन-पनाह नाम के एक शहर बसाने की कवायद की गई, लेकिन शासन आगरा से ही चला।
अकबर
अकबर को मुगलों में महान सम्राट के तौर पर गिना जाता है, जिनकी दरियादिली के किस्से मशहूर हैं। अकबर द्वारा पहले आगरा से शासन किया गया, लेकिन बाद में उन्होंने फतेहपुर सीकरी का निर्माण करवाया और यहां से शासन किया। कुछ समय बाद यहां पानी की कमी हुई और उन्हें यह जगह छोड़नी पड़ी, जिसके बाद उन्होंने कुछ समय के लिए लाहौर को अपनी राजधानी बनाया। अकबर ने 1556 से 1605 तक शासन किया।
जहांगीर
अकबर के बेटे जहांगीर ने 1605 से 1627 तक शासन किया। जहांगीर द्वार आगरा से ही शासन किया गया था।
दिल्ली को किसने बनाया था राजधानी
दिल्ली में शाहजहां द्वारा 1638 में एक नए शहर ‘शाहजहांनाबाद’ की नींव रखी गई थी। उन्होंने यहां एक किला ‘किला-ए-मुबारक’ बनवाना शुरू किया, जो कि 1648 में जाकर पूरा हुआ था। इसके बाद उन्होंने आगरा से दिल्ली राजधानी स्थानांतरित कर ली थी। कुछ समय बाद औरंगजेब द्वारा भी दिल्ली से शासन किया गया, लेकिन उन्होंने अपना आखिरी समय दक्कन क्षेत्र में बिताया। इसी तरह फर्रूखसियार, जहांदरशाह, मुहम्मद शाह, अहमद शाह, बहादुर शाह जफर-1, अकबर-1 और बहादुरशाहजफर-2 द्वारा दिल्ली से ही शासन किया गया।
अंग्रेजों ने बदल दी राजधानी
दिल्ली में 1803 में जब अंग्रेजों का राज हुआ, तो उन्होंने राजधानी बदलकर कलकत्ता कर दी। हालांकि, 1912 में दिल्ली दरबार लगा और दिसंबर के महीने में फिर से दिल्ली को राजधानी बनाया गया।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation