सिक्किम को 'चावल की घाटी' के नाम से जाना जाता है। क्योंकि, यहां की पहाड़ियां हरे-भरे धान के खेतों से ढकी रहती हैं। चावल यहां की मुख्य फसल है। इसकी खेती पहाड़ों के प्राकृतिक पानी और पारंपरिक तरीकों से की जाती है। फसल के मौसम में ये सीढ़ीदार खेत इस राज्य को एक खूबसूरत नजारा देते हैं।
सिक्किम को 'चावल की घाटी' क्यों कहा जाता है?
सिक्किम को यह नाम इसलिए मिला है, क्योंकि चावल यहां की कृषि और लोगों के रोजमर्रा के जीवन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह राज्य भले ही छोटा है, लेकिन यहां की पहाड़ी जमीन का बहुत सोच-समझकर सीढ़ीदार खेतों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये खेत देखने में सुंदर भी लगते हैं और इनसे अच्छी पैदावार भी होती है।
सिक्किम में चावल कैसे उगाया जाता है?
सिक्किम में चावल की खेती मानसून के मौसम में सीढ़ीदार खेतों पर की जाती है। किसान बारिश के पानी और झरनों के प्राकृतिक पानी को इकट्ठा करके उसका इस्तेमाल करते हैं। ये खेत पहाड़ी ढलानों पर बनाए जाते हैं और अपनी साफ-सुथरी जैविक खेती के तरीकों के लिए जाने जाते हैं।
भारत का पहला जैविक राज्य
साल 2016 में सिक्किम भारत का पहला पूरी तरह से जैविक राज्य बना। इसका मतलब है कि यहां खेती में किसी भी रासायनिक खाद या कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यहां उगाया जाने वाला चावल साफ, सेहतमंद और केमिकल-मुक्त होता है। यही एक बड़ा कारण है, जो इसे खास बनाता है।
सिक्किम में चावल की पारंपरिक किस्में
सिक्किम में चावल की कुछ स्थानीय और देसी किस्में उगाई जाती हैं, जैसे लाल चावल और चिपचिपा चावल। ये किस्में अपने स्वाद, पोषण और सेहत से जुड़े फायदों के लिए जानी जाती हैं। राज्य सरकार जैविक खेती के जरिए इन पारंपरिक बीजों को बचाने का काम करती है।
सिक्किम में चावल से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
-सिक्किम अपने सीढ़ीदार धान के खेतों के लिए जाना जाता है
-राज्य के धान के खेत पहाड़ियों पर सीढ़ियों की तरह बनाए गए हैं। इससे खड़ी ढलानों पर भी खेती करना संभव हो जाता है।
-सिक्किम में सारा चावल जैविक तरीके से उगाया जाता है
-साल 2016 से पूरा राज्य जैविक खेती के नियमों का पालन करता है। इससे सिक्किम का चावल साफ और सेहतमंद होता है।
-सिक्किम का लाल चावल पोषण से भरपूर होता है
-सिक्किम में उगाया जाने वाला लाल चावल आयरन और फाइबर से भरपूर होता है। यह अपने नरमपन और हल्के पौष्टिक स्वाद के लिए लोकप्रिय है।
-चावल की खेती कई छोटे किसानों का सहारा है
-सिक्किम के ग्रामीण इलाकों में कई परिवारों के लिए चावल की खेती आय का मुख्य जरिया है।
-चावल का इस्तेमाल सिक्किम के पारंपरिक व्यंजनों में होता है
-त्योहारों और पारिवारिक कार्यक्रमों के दौरान सेल रोटी, फागशापा जैसे लोकप्रिय व्यंजन और चावल से बने स्थानीय पेय पदार्थ तैयार किए जाते हैं।
पढ़ेंःबांग्लादेश में गंगा नदी को क्या कहा जाता है, यहां पढ़ें
Comments
All Comments (0)
Join the conversation