उत्तर प्रदेश की नवगठित योगी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों के लिये बड़ा फैसला किया है। उन्होंने किसानों के एक लाख तक के कर्ज को माफ कर दिया हैl इस फैसले से सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश के लघु और सीमान्त किसानों को होगीl वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कुल 2.33 करोड़ किसान हैं। इनमें 1.85 करोड़ सीमांत और लगभग तीस लाख लघु किसान हैं। इस हिसाब से उत्तर प्रदेश में लघु व सीमांत किसानों की संख्या 2.15 करोड़ है। इस लेख में हम वर्तमान में देश में लघु और सीमान्त किसानों की संख्या और उन मापदंडों का विवरण दे रहे हैं जिसके आधार पर किसानों को लघु और सीमान्त किसानों की श्रेणी में बांटा जाता हैl
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लघु एवं सीमान्त किसान
लघु किसान: लघु किसान से हमारा तात्पर्य देश के उन किसानों से है जिनकी कृषि जोत का आकार अर्थात कृषियोग्य भूमि “एक हेक्टेयर” से “दो हेक्टेयर” के बीच होता हैl वर्ष 2010-11 की कृषि जनगणना के अनुसार भारत में किसानों की कुल जनसंख्या में 17.93 प्रतिशत लघु किसान परिवार है जिनके पास “एक हेक्टेयर से दो हेक्टेयर” के बीच कृषियोग्य भूमि हैl
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सीमान्त किसान: सीमान्त किसान से हमारा तात्पर्य देश के उन किसानों से है जिनकी कृषि जोत का आकार अर्थात कृषियोग्य भूमि “एक हेक्टेयर” से कम होता हैl वर्ष 2010-11 की कृषि जनगणना के अनुसार भारत में किसानों की कुल जनसंख्या में 67.04 प्रतिशत सीमान्त किसान परिवार है जिनके पास “एक हेक्टेयर” से कम कृषियोग्य भूमि हैl इनमें भी सबसे ज़्यादा प्रतिशत उन किसानों का है जिनके पास आधा हेक्टेयर से भी कम कृषियोग्य भूमि हैl वर्ष 2000-01 की कृषि जनगणना के अनुसार सीमान्त किसानों के पास औसत कृषियोग्य भूमि 0.40 हेक्टेयर थी जो 2010-11 में घटकर 0.38 हक्टेयर हो गई हैl
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आपकी जानकारी के लिए हम बताना चाहते हैं कि वर्ष 2010-11 की कृषि जनगणना के अनुसार भारत में 10.05 प्रतिशत किसानों के पास “दो हेक्टेयर से चार हेक्टेयर” के बीच कृषियोग्य भूमि हैं, जिन्हें “अर्द्ध-मध्यम किसान” कहा जाता हैl जबकि हमारे देश में मध्यम किसान (चार हेक्टेयर से दस हेक्टेयर कृषियोग्य भूमि वाले) और बड़े किसान (10 हेक्टेयर से अधिक कृषियोग्य भूमि वाले) का प्रतिशत केवल 4.98 हैl इस आंकड़े के आधार पर कहा जा सकता है कि हमारा देश लघु एवं सीमान्त किसानों का देश है जिनकी कृषियोग्य भूमि दिन-प्रतिदिन घटती जा रही हैl
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