Jagannath Rath Yatra 2025: कौन बनाता है रथ और किस लकड़ी से होता है तैयार, जानें

Jagannath Rath Yatra 2025: ओडिसा के पुरी में जगन्नाथ यात्रा शुरू हो गई है। यह दुनिया की सबसे बड़ी आस्था की सवारी है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा अलग-अलग रथों पर सवार होकर गुंडिचा मंदिर तक पुहंचते हैं। इन रथों को बनाने में विशेष प्रक्रिया का पालन किया जाता है। 

Jun 27, 2025, 13:24 IST
कौन बनाता है जगन्नाथ यात्रा का रथ
कौन बनाता है जगन्नाथ यात्रा का रथ

Jagannath Rath Yatra 2025: ओडिसा के पुरी में दुनिया की सबसे बड़ी आस्था की सवारी यानि कि प्रसिद्ध जगन्नाथ यात्रा शुरू हो गई है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के साथ विशाल रथों में सवार गुंडिचा मंदिर की ओर जाएंगे, जो कि उनकी मौसी का घर माना जाता है।

यात्रा में जिन रथों का इस्तेमाल किया जाता है, वे कोई सामान्य रथ नहीं हैं, बल्कि उन्हें विशेष रूप से कई महीने पहले तैयार करना शुरू कर दिया जाता है। इसके लिए लकड़ियों के चयन से लेकर उनकी बनावट का विशेष ध्यान रखा जाता है।

Jagannath Rath Yatra 2025 : कब से तैयार होते हैं रथ

जगन्नाथ यात्रा के रथों का निर्माण अक्षय तृतीया के दिन से होता है। हिंदू कैलेंडर में देखें, तो यह दिन वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि को पड़ता है, जो कि आमतौर पर अप्रैल या मई में आता है। रथ के निर्माण से पहले मुख्य मंदिर के सामने विशेष अनुष्ठान किया जाता है।

कैसे होता है लकड़ी का चयन

रथ के निर्माण के लिए ओडिसा के मयूरभंज, क्योंझर और गंजाम जिलों में मौजूद वनों से लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है। लकड़ियों को चुनने के दौरान उन पेड़ों का चयन किया जाता है, जिन पर किसी पक्षी का घोंसला न हो या फिर पेड़ के पास किसी जीव का घर न हो। 

लकड़ी के प्रकार: रथ निर्माण में मुख्य रूप से फस्सी, धौरा, सिमिली, सहजा और मही जैसे पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें धौरा लकड़ी का इस्तेमाल मुख्य रूप से रथों के भारी और मजबूत पहिये बनाने के लिए किया जाता है। वहीं, फस्सी लकड़ी का इस्तेमाल रथ का एक्सल बनाने के लिए किया जाता है, जिसपर पूरा रथ टिका हुआ होता है। वहीं, सिमिली लकड़ी का इस्तेमाल रथ का ऊपर हिस्सा बनाने के लिए किया जाता है, जबकि सहजा लकड़ी का इस्तेमाल रथ के हल्के पार्ट्स और सजावटी समान के लिए होता है।

मात्रा: तीनों रथों को बनाने के लिए जंगलों से करीब 1100 बड़े लट्ठों और 865 फीट लंबे छोटे लट्ठों की आपूर्ति की जाती है।

jagannath-rath-yatra-2025

विशेष कारीगरों की टीम तैयार करती है रथ

-महाराणा (बढ़ई): महाराणा मुख्य बढ़ई होते हैं, जो लकड़ी को तराशकर रथ के पहिये, धुरी (axles), बीम और अन्य महत्त्वपूर्ण पार्ट्स बनाते हैं। ये पीढ़ियों से इस विरासत को संजोए हुए हैं, जो कि इस कला को आकार देते आ रहे हैं।

-लौहकार: इनके द्वारा रथ के लोहे के उपकरण, जैसे क्लैंप, पिन, छल्ले और अन्य धातुओं का निर्माण किया जाता है।

-नक्काशीकार: नक्काशीकार द्वारा लकड़ी पर देवी-देवताओं का रूपांकन किया जाता है। साथ ही, ये रथ को मंदिर का आकार देने का काम करते हैं।

-चित्रकार: चित्रकार द्वारा रथों को अलग-अलग रंगों में रंगा जाता है, जिनसे उन्हें विशेष पहचान मिलती है।

-दर्जी: रथ निर्माण दर्जियों की भी भागीदारी रहती है, जो कि रथों के लिए रंग-बिरंगे कपड़े के चंदोवे (canopies) और सजावटी कपड़े सिलते हैं।

रथों का ढांचा 

भगवान जगन्नाथ का रथ (नंदीघोष):

रंग: लाल और पीला।

पहिए: 16 पहिए।

ऊंचाई: लगभग 45 फीट।

द्वारपाल: जय और विजय।

रक्षक देवता: गरुड़।

jagannath-rath

-भगवान बलभद्र का रथ (तालध्वज):

-रंग: लाल और हरा।

-पहिए: 14 पहिए।

-ऊंचाई: लगभग 43 फीट।

-रक्षक देवता: वासुदेव।

देवी सुभद्रा का रथ (दर्पदलन या पद्म रथ)

-रंग: लाल और काला या नीला।

पहिए: 12 पहिए।

ऊंचाई: लगभग 42 फीट।

-रक्षक देवता: जयदुर्गा।

रथ में नहीं होता है एक भी कील का इस्तेमाल 

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पूरे रथ निर्माण में एक भी कील का इस्तेमाल नहीं होता है। कारीगरों द्वारा लकड़ियों को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वे आपस में खांचे द्वारा फंस जाए। लकड़ियों को इस तरह से जोड़ा जाता है कि वे मजबूती से एक-दूसरे में फंसी हुई रहती हैं।

यात्रा के बाद रथों का क्या होता है

अब आपके मन में सवाल होगा कि रथ यात्रा के बाद इन विशालकाय रथों का क्या होता होगा, तो आपको बता दें कि इन रथों को टुकड़ों में अलग कर दिया जाता है। इन लकड़ियों का इस्तेमाल किसी धार्मिक आयोजन और मंदिर की रसाई में प्रसाद बनाने के लिए किया जाता है। 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News