भारत में केंद्र शासित प्रदेशों को बनाने की जरुरत क्यों पड़ी

Sep 26, 2017, 22:33 IST

एक केंद्र शासित प्रदेश का शासन उस राज्य में केंद्र द्वारा नियुक्त प्रशासक/ उपराज्यपाल के द्वारा किया जाता है. भारत में केंद्र शासित प्रदेश क्यों बनाये गए हैं इसका कोई स्पष्ट एक कारण नही है बल्कि इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे छोटा आकार और कम जनसँख्या, अलग संस्कृति,अन्य राज्यों से दूरी, प्रशासनिक महत्व, स्थानीय संस्कृतियों की सुरक्षा करना आदि.

Union Territories of India
Union Territories of India

भारतीय संविधान में प्रारूप के अनुसार भारत को राज्यों का संघ कहा जाता है. वर्तमान समय में भारत में 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं.राज्य का शासन उस राज्य की जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री के द्वारा किया जाता है जबकि एक केंद्र शासित प्रदेश का शासन उस राज्य में केंद्र द्वारा नियुक्त प्रशासक/ उपराज्यपाल के द्वारा किया जाता है. अंडमान और निकोबार द्वीप, दिल्ली और पुदुचेरी का शासन उपराज्यपाल के द्वारा किया जाता है जबकि अन्य चार केंद्र शासित प्रदेशों का शासन प्रशासकों द्वारा किया जाता है.

union-territories india administrator
अब प्रश्न यह उठता है कि जब भारत देश में 29 राज्यों में मुख्यमंत्री चुना जाता है तो फिर बकाया के 7 केंद्र शासित प्रदेशों में क्यों नही. इस लेख में हम इसी प्रश्न के उत्तर को जानने का प्रयास करेंगे.
दिल्ली भारत का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है. यह भारत का राजधानी शहर था, लेकिन इसके पास अपना उच्च न्यायालय, मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद होने के कारण इसे 1991 में अर्द्ध-राज्य का दर्जा दिया गया था.
दमन और दीव: इस जगह पर पुर्तगीज का शासन थे लेकिन सन 1961 में भारतीय सेना द्वारा इस पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया गया और गोवा के साथ इसे भी केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था लेकिन गोवा को 1987 में पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था और दमन और दीव आज तक शासित प्रदेश हैं.
दादरा और नगर हवेली: इस प्रदेश पर 1779 तक मराठाओं का और फिर 1954 तक पुर्तगाली साम्राज्य का शासन था. इस प्रदेश को भारत में 11 अगस्त 1961 में शामिल किया गया था. आईएएस अधिकारी (केजी बदलानी) को एक दिन के लिए दादरा और नगर हवेली का प्रधानमंत्री बनाया गया था जहां उन्होंने औपचारिक रूप से शेष भारत के साथ विलय करने के लिए हस्ताक्षर किए थे.
अंडमान निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्दीप द्वीप समूह: भारत की सुरक्षा के लिए ये 2 संघीय राज्य बहुत महत्वपूर्ण हैं. इन दोनों के संघीय राज्य होने के दो कारण हैं;
पहला: वे किसी भी राज्य में विलय किये जाने के लिए बहुत दूर हैं.
दूसरा: उनके पास एक पूरी तरह से अलग संस्कृति है इसलिए उन्हें किसी भी राज्य के साथ विलीन करना प्रशासनिक दृष्टि से ठीक नही होगा. अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर जारवा जनजाति रहती है जो अभी भी आदिम जिंदगी जी रही हैं और उनकी संस्कृति से छेड़छाड़ करना भारत सरकार द्वारा अपराध घोषित किया गया है.

भारत में केंद्र शासित प्रदेश क्यों बनाये गए हैं इसका कोई स्पष्ट एक कारण नही है बल्कि इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे छोटा आकार और कम जनसँख्या, अलग संस्कृति,अन्य राज्यों से दूरी, प्रशासनिक महत्व, स्थानीय संस्कृतियों की सुरक्षा करना, शासन के मामलों से संबंधित राजनीतिक उथल-पुथल को दूर करना और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थिति इत्यादि. आइये अब इन सभी कारणों की विस्तृत चर्चा करते हैं;
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1. कम जनसँख्या और छोटा आकार: भारत में सभी केंद्र शासित प्रदेशों का आकार इतना बड़ा नही है कि उन्हें एक पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जा सके. दिल्ली के अलावा अन्य केंद्रशासित प्रदेशों में बहुत कम आबादी है और एक राज्य की तुलना में जमीन का क्षेत्रफल भी बहुत कम है, इसलिए इस दशा में विधानसभा का गठन और उसके लिए मंत्रिपरिषद बनाने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

delhi ut
2. अलग संस्कृति: जैसा कि हमें पता है कि भारत के कुछ राज्यों में विदेशी शासकों का शासन रहा है इस कारण वहां की संस्कृति पर अभी भी इन शासकों की संस्कृति के निशान बाकी हैं. इसके सबसे बड़े उदाहरणों में दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव (पुर्तगाली) और पुदुचेरी (फ्रेंच) को लिया जा सकता है. पुदुचेरी के कुछ भाग तो फ्रेंच संस्कृति से इतने मिलते जुलते हैं कि एक पल तो आपको यकीन नही होगा कि आप फ़्रांस में खड़े हैं या भारत में.
3. प्रशासनिक महत्व: चंडीगढ़ पहले पंजाब का एक हिस्सा था. बाद में शाह आयोग की रिपोर्ट के बाद पंजाब को विभाजित किया गया और 1 नवम्बर 1966 को हरियाणा राज्य अस्तित्व में आया लेकिन चंडीगढ़ के प्रशासनिक महत्व के कारण कोई भी राज्य इसे छोड़ने को तैयार नही था जिसके कारण चंडीगढ़ को दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी बनाया गया था.
4. सामरिक महत्त्व का स्थान: लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप हमारे देश के बहुत दूर पश्चिम और पूर्व छोर पर स्थित हैं इस कारण वे मुख्य भूमि से काफी दूर हैं इसलिए केंद्र सरकार के जरिये उन्हें सीधे नियंत्रित करना आसान है क्योंकि वे भारत के लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं और किसी भी आपातकालीन स्थिति में भारत सरकार सीधे वहां कार्यवाही कर सकती है जबकि ऐसी उम्मीद एक राज्य सरकार से नही की जा सकती है.

Lakshadweep Map
image source:Madhyamam
5. अन्य राज्यों से अधिक दूरी: दिल्ली, चंडीगढ़ और पुदुचेरी जैसे केंद्र शासित राज्यों के अलावा सभी केंद्र शासित प्रदेश अन्य राज्यों से बहुत दूर स्थित हैं; इस कारण इनके अन्य राज्यों के साथ बहुत घनिष्ठ आर्थिक और सामाजिक सम्बन्ध नही बन सकते हैं. ऐसी दशा में इन केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी आपातकालीन स्थिति को सिर्फ केंद्र सरकार ही ठीक से हैंडल कर सकती है.
इस प्रकार यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि भारत में केंद्र शासित प्रदेशों के निर्माण के पीछे कोई एक विशेष कारण नही है बल्कि कई विशेष कारणों के कारण ही सरकार को इनकी स्थापना करनी पड़ी है.

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Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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