ABCD किसी भी छात्र के जीवन में वह पहली सीढ़ी होती है, जिस पर कदम रख वह जीवन में आगे का सफर तय शुरू करता है। हिंदी में क, ख व ग के साथ अंग्रेजी में ABCD को मूल शिक्षा का आधार माना जाता है। यही वजह है कि शुरुआत का एक वर्ष इन्हें सीखने में ही बीत जाता है।
इस दौरान बच्चे अक्सर बड़ी ABCD और छोटी ABCD भी सीखते हैं। हालांकि, इस दौरान छोटी ABCD सीखते समय बच्चे i और j जैसे शब्दों को भी लिखना सीखते हैं, जिसमें अक्सर ऊपर एक बिंदी होती है, जो कि इन्हें अन्य अक्षरों से अलग बनाती हैं। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इन दो अक्षरों के ऊपर ही बिंदी क्यों होती है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस सवाल के जवाब को जानेंगे।
इन अल्फाबेट्स के लिए उठानी पड़ती है पेंसिल
बच्चे जब स्कूल में एबीसीडी सीख रहे होंते हैं, तो उस दौरान केवल दो ही अक्षर ऐसे होते हैं, जिनके लिए उन्हें पेंसिल उठानी पड़ती है। ये शब्द आपके i और j ही हैं। इनके अलावा बाकी अक्षरों के लिए पेंसिल उठाने की आवश्यकता नहीं होती है।
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क्या होता है अक्षरों पर बिंदी का अर्थ
अब i और j पर लगी बिंदी का अर्थ समझें, तो इसे बिंदी या डॉ्टस नहीं, बल्कि टाइटल के नाम से जाना जाता है। एक अन्य भाषा में इसे हम ग्लिफ के नाम से भी जानते हैं।
क्यों लगाई जाती है बिंदी
अब सवाल है कि आखिर i और j पर हम इस टाइटल का इस्तेमाल क्यों करते हैं, तो आपको बता दें कि यह टाइटल लैटिन भाषा से लिया गया है। इस टाइटल का इस्तेमाल i और j को अन्य अक्षरों से अलग दिखाने के लिए किया जाता था, जिससे इन दो शब्दों की पहचान हो सके। यही वजह है कि इन दोनों शब्दों पर हम बिंदी को देखते हैं।
दूसरी भाषा में बदल जाता है अर्थ
आपको बता दें कि यदि यह बिंदी किसी और भाषा में किसी अक्षर पर लग जाए, तो उसका अर्थ ही बदल जाता है। ऐसे में इस बिंदी का इस्तेमाल बहुत ही सोच-समझकर किया जाता है। हालांकि, अंग्रेजी भाषा के साथ ऐसा नहीं है। यहां बिंदी लगाने से अर्थ में परिवर्तन नहीं होता है।
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