संसद के दो सदन होते हैं, जिसमें एक लोकसभा और दूसरा राज्यसभा है। वहीं, राष्ट्रपति का भी संसद का हिस्सा होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राज्यसभा में अपना भाषण दिया है, जिस पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। ऐसे में यहां राज्यसभा के बारे में जानना महत्त्वपूर्ण हो जाता है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि आखिर राज्य सभा क्यों बनी थी और इसकी पात्रताएं क्या हैं ?
क्या होती है राज्य सभा
राज्य सभा को आमतौर पर राज्यों की परिषद् के तौर पर भी जाना जाता है। इसके नाम की घोषणा 23 अगस्त,1954 को सदन के अध्यक्ष द्वारा की गई थी। इस राज्य परिषद् की स्थापना 1921 में की गई थी। उस समय गर्वनर जनरल राज्य परिषद् के पदेन अध्यक्ष के रूप में इसकी अध्यक्षता करते थे।
पहली बार 9 दिसंबर,1946 को संविधान सभा का आयोजन किया गया था, जिसने 1950 तक केंद्रीय विधानमंडल के रूप में भी काम किया था। हालांकि, बाद में इसका नाम बदलकर अनंतिम संसद रख दिया गया था। पहले सिर्फ एक ही सदन हुआ करत था।
हालांकि, भारत के आजाद होने पर संविधान सभा द्वारा दूसरे सदन की उपयोगिता पर विचार-विमर्श हुआ। इस दौरान एक और सदन के गठन का निर्णय लिया गया। क्योंकि, विशाल भारत के लिए निर्वाचित सदन को कम माना गया, ऐसे में दूसरे सदन का गठन हुआ।
इस वजह से राज्यों का परिषद् नाम से दूसरे सदन का गठन हुआ। इस सदन में निर्वाचित सदस्यों के अलावा 12 सदस्यों का चुनने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है, जो कि अलग-अलग क्षेत्र से होते हैं।
राज्यसभा सदस्य के लिए न्यूनतम आयु सीमा
राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 30 वर्ष है, जबकि लोकसभा का सदस्य बनने के लिए यह आयु सीमा 25 वर्ष है।
कैसे होता है सीटों का आवंटन
संविधान की चौथी अनुसूची राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राज्यसभा में सीटों के आवंटन के संबंध में है। राज्य सभा में कितनी सीटें आवंटित की जानी है, यह राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करता है।
राज्य सभा में कुल कितने सदस्य होते हैं
संविधान के अनुच्छेद 80 के मुताबिक, राज्य सभा में अधिकतम सदस्यों की संख्या 250 है। इनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनित किए जाते हैं। वहीं, 238 सदस्य राज्यों और दो संघ शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्तमान में राज्य सभा में 245 सदस्य हैं, जिनमें से 233 सदस्य राज्यों तथा दिल्ली और पुडुचेरी के संघ शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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