World Haemophilia Day 2020: आज विश्व हीमोफीलिया दिवस की 30वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. इसे विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया (WHF) द्वारा शुरू किया गया था. उन लोगों की देखभाल, बेहतर निदान और उन प्रयासों के लिए जो बिना इलाज के रहते हैं. साथ ही यह दिन उन लोगों के लिए धन जुटाने के लिए भी प्रेरित करता है जो इस बीमारी से पीड़ित हैं और इलाज का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं.
यह दोस्तों, परिवार, सहकर्मियों इत्यादि के साथ रोग पर चर्चा करने और हीमोफीलिया रोग से पीड़ित रोगियों का समर्थन करने का अवसर भी प्रदान करता है.
विश्व हीमोफीलिया दिवस 2020: थीम
30वें विश्व हीमोफीलिया दिवस 2020 का थीम है "Get + Involved". यह थीम रोगी, परिवार के सदस्य या देखभाल करने वाले, एक कॉर्पोरेट साथी, एक स्वयंसेवक, या एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता, इत्यादि को प्रोत्साहित करता है ताकि हीमोफीलिया बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद मिल सके, जो एक अनुवांशिक रक्तस्राव विकार और दुनिया में हर जगह पर्याप्त देखभाल के लिए संभव बनाने का आग्रह करता है.
29वें विश्व हीमोफीलिया दिवस 2019 का थीम था “Outreach and Identification”. रक्तस्राव विकारों के समुदाय के नए सदस्यों तक पहुंचने और उनकी पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करना.
विश्व हीमोफीलिया दिवस: इतिहास
विश्व हीमोफीलिया दिवस की शुरुआत वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया द्वारा 1989 और 17 अप्रैल को की गई थी, इसे वर्ल्ड फेडरेशन हीमोफीलिया (WFH) के संस्थापक फ्रैंक श्नाबेल (Frank Schnabel's) के जन्मदिन के सम्मान में मनाने के लिए चुना गया था. दरअसल, हीमोफीलिया की खोज 10वीं शताब्दी में हुई थी, जब लोगों ने गंभीर रूप से दिलचस्पी लेना शुरू किया, खासकर पुरुषों में, जो रक्तस्राव के कारण मामूली चोटों के बाद मौत का कारण बनी.
उस समय इस बीमारी को Abulcasis के नाम से जाना जाता था. लेकिन, सीमित तकनीक के कारण इसे ठीक नहीं किया गया. विशेष रूप से, उस समय यह रोग यूरोपीय शाही परिवारों में आम था और एस्पिरिन के साथ इलाज किया जाता था जिससे खून पतला हो गया और स्थिति बदतर हो जाती थी. फिर, 1803 में फिलाडेल्फिया के डॉ० जॉन कॉनराड ओटो (John Conrad Otto) ने "ब्लीडर्स" ("bleeders") नाम के लोगों का अध्ययन करना शुरू किया और कहा कि यह एक वंशानुगत बीमारी है जो उनकी माताओं द्वारा पुरुषों में हो जाती है. 1937 में, हीमोफीलिया आनुवंशिक विकार को दो प्रकारों में विभाजित किया गया था: A और B लेकिन उस समय तक कोई उचित उपचार का आविष्कार नहीं किया गया था.
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फिर, 17 अप्रैल को WFH के संस्थापक के जन्मदिन के अवसर पर हीमोफीलिया बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए चुना गया. यह दिन लोगों को प्रोत्साहित करता है, इस बीमारी के इलाज के लिए, धन इकट्ठा करने के लिए जागरूकता बढ़ाता है जो इसके इलाज के लिए पैसा देने में समर्थ नहीं होते हैं जिस कारण उन लोगों का इलाज नहीं हो पाता है.
विश्व हीमोफीलिया दिवस कैसे मनाया जाता है?
इस आनुवंशिक विकार और अन्य जुड़े रक्तस्राव विकारों की समझ और जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व भर में हर साल 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है. बहुत से लोग जागरूकता फैलाने वाले अभियानों का आयोजन करते हैं और हीमोफीलिया बीमारी के बारे में आम जनता को सूचित करने के लिए कई काम्पैग्न्स करते हैं. यहां तक कि विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों के कर्मचारी इवेंट्स या काम्पैग्न्स में भाग लेते हैं. इस बीमारी के साथ मुख्य मुद्दा यह है कि हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों को उचित उपचार नहीं मिल पाता है या कभी-कभी सही से इलाज नहीं हो पाता है. क्या आप जानते हैं कि 10,000 में से लगभग 1 में रक्तस्राव विकार होता है और उचित उपचार की आवश्यकता होती है? 17 अप्रैल 2020 को, ऑस्ट्रेलिया और दुनिया भर के स्थलों और स्मारकों में रात में लाल कलर की लाइटिंग करके विश्व हीमोफीलिया दिवस का समर्थन किया जाएगा.
हीमोफीलिया बीमारी के बारे में
- हीमोफीलिया एक अनुवांशिक रक्त बीमारी है जिसमें रक्त का थक्का नहीं जमता है.
- यह रक्त वाहिकाओं, जमावट तंत्र या रक्त प्लेटलेट्स में दोष के कारण होता है और एक जीन (gene) में कमी के कारण होता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि मानव शरीर कैसे VII, IX या XI को कारक बनाएगा.
- X क्रोमोसोम (chromosome) पर जीन (gene) पाए जाते हैं, जो हीमोफीलिया को X-linked recessive की बीमारी बनाता है.
- रक्त जमावट तंत्र (blood coagulation mechanism) एक प्रक्रिया है जो एक तरल से रक्त को ठोस में बदल देती है और इसमें कई अलग-अलग थक्के कारक शामिल होते हैं. इस तंत्र में फाइब्रिन उत्पन्न होता है और रक्तस्राव को रोकने के लिए प्लेटलेट के साथ मिलकर बनता है.
- अगर शरीर में जमावट के कारक गायब हैं या उसमें कमी है तो खून ठीक से नहीं जमता है और खून बहता रहता है.
- हीमोफीलिया के तीन रूप हैं हीमोफीलिया A, B और C. इनमें से हीमोफीलिया A सबसे आम है.
- हीमोफीलिया A के मरीज के इलाज में हार्मोन डिस्मोप्रेसिन (desmopressin) को अधिकतर प्रेसक्राइब (prescribe) किया जाता है,
- हीमोफीलिया B के मरीज का इलाज किसी डोनर के क्लॉटिंग कारकों के साथ मरीज के रक्त को संक्रमित करके किया जाता है.
- हीमोफीलिया C मरीज का इलाज प्लाज्मा इन्फ्यूजन द्वारा किया जाता है जो कि रक्तस्राव को कम करता है.
इसलिए, विश्व हीमोफीलिया दिवस रक्तस्रावी विकारों के बारे में हीमोफीलिक रोगियों और आम जनता को शिक्षित करने पर केंद्रित है।. यह उचित उपचार के लिए भी जोर देता है और हीमोफीलिक रोगियों की देखभाल करता है.
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