वैदिक लोग प्राकृतिक शक्तियों को साकार रूप में मानते थे और उन्हें “मनुष्य” और “पशु” का सृजन कर्ता के रूप में देखते थे| विभिन्न स्रोतों से पता चलता है कि उस समय ना तो “मन्दिर” होते थे और ना ही “मूर्तियां” होती थी| यहाँ हम ऋग्वैदिक कालीन देवी एवं देवताओं की सूची दे रहे हैं जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है|

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ऋग्वैदिक कालीन देवी एवं देवताओं की सूची
| नाम | विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ाव |
| वायु | हवा के देवता |
| द्द्यौ | आकाश के देवता |
| मरूत | तूफान के देवता |
| गंधर्व | देवताओं के संगीतकार |
| अश्वनि | देवताओं के चिकित्सक और शल्य चिकित्सा के विशेषज्ञ |
| रिभ | बौने देवता |
| अप्सरा | देवताओं की प्रेमिकाएं |
| रूद्र | एक धनुष-वाण धारी देवता, जिनके क्रोध से रोग फैलता था| |
| उषा | भोर की देवी |
| अदिति | देवताओं की माता |
| पृथ्वी | भूमि की देवी |
| अरण्यानी | वन देवी |
| सरस्वती | नदी की देवी |
हालांकि, प्रारंभिक वैदिक धर्म प्राकृतिक था और उस समय आध्यात्मिक उत्थान के बजाय प्रजा(बच्चे), पशु और धन के लिए बलि देने की प्रथा थी |
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