प्रमुख बौद्ध विद्वानों की सूची निम्नलिखित हैं।
असंग और वसुबन्धु
असंग और वसुबन्धु दोनों सौतेले भाई थे और पाकिस्तान के पेशावर से सम्बन्ध रखते थे। वे योगाचार्य और अभिधम्म शिक्षा के समर्थक थे। वसुबन्धु का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अभिधर्ममोक्ष था।
अश्वघोष
कालिदास के पूर्व तक अश्वघोष को महानतम भारतीय कवि माना जाता था।. वास्तव में वह प्राचीन भारतीय इतिहास में पहले संस्कृत नाटककार थे। वह कुषाण राजा कनिष्क की राज्यसभा में एक दरबारी लेखक और धार्मिक सलाहकार के रूप में नियुक्त थे। उनके मुख्य साहित्यिक कार्यों में महालंकारा (जय की पुस्तक), सौन्दरानन्दकाव्य (नंदा के जीवन का वर्णन) और बुद्धचरित्र शामिल थे।
बुद्धघोष
बुद्धघोष नाम का तात्पर्य बुद्ध की आवाज से लगाया जाता है। उनका काल 5 वीं शताब्दी ई. के आसपास था. वह बड़ी पालि भाषा के प्रमुख विद्वानों में से एक थे। वह थेरवाद के सबसे महत्वपूर्ण टीकाकारों में से एक माने जाते थे। उनके जीवन के बारे में प्रमुख जानकारी महावंश और बुद्ध्घोशुप्पत्ति में वर्णित की गयी है। उन्होंने मगध साम्राज्य से श्रीलंका का भ्रमण किया था और वहीँ पर बस गए थे। उनका सबसे महत्वपूर्ण कार्य विशुद्धिमग्ग है।
चन्द्रकीर्ति
यह नालंदा विश्वविद्यालय में एक विद्वान के रूप में चर्चित थे। वह नागार्जुन के एक प्रमुख शिष्य भी थे। उनका मुख्य कार्य प्रसन्नपद था।
धर्मकीर्ति
इनका काल 7 वीं शताब्दी ई. और बौद्ध विचारक शंक्य के आसपास था।. वह नालंदा विश्वविद्यालय में एक कवि के रूप में चर्चित थे साथ ही एक प्रमुख शिक्षक भी थे। इनके द्वारा सात ग्रंथों का लेखन कार्य किया गया था।
दिन्गनाथ
ये 5वी शताब्दी में बौद्ध धर्म के तर्क शास्त्र के प्रवर्तक के रूप में सुविख्यात थे। इन्होने तर्कशास्त्र पर लगभग 100 ग्रंथो का लेखन कार्य किया था। इन्हें मध्यकालीन न्याय के जनक के रूप में निर्दिष्ट किया जाता है।
नागार्जुन
नागार्जुन,सातवाहन राजा गौतमीपुत्र के न केवल मित्र बल्कि समकालीन भी थे। वह बौद्ध धर्म के माध्यमिक विचारधारा के संस्थापक थे। माध्यमिक विचारधारा को शून्यवाद एवं सापेक्ष्यवाद के नाम से भी जाना जाता था। उनकी सबसे महत्वपूर्ण रचना माध्यमिककारिका है।
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