मानस वन्यजीव अभयारण्य (असम): एक जैव विविधता हॉटस्पॉट

Jul 5, 2016, 14:52 IST

मानस वन्यजीव अभयारण्य असम राज्य में भूटान-हिमालय की पहाड़ियों के नीचे स्थित स्थित है। मानस वह पहला रिजर्व था जिसे 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर रिजर्व के नेटवर्क में शामिल किया गया था। मानस वन्यजीव अभयारण्य को 1985 में विश्व विरासत स्थल के रूप में चिह्नित किया गया था। 1989 में मानस को एक बायोस्फीयर रिजर्व का दर्जा हासिल हुआ था।

मानस वन्यजीव अभयारण्य असम राज्य में भूटान-हिमालय की पहाड़ियों के नीचे स्थित स्थित है। यह एक अद्वितीय जैव विविधता और परिदृश्य के लिए प्रसिद्ध है। मानस वह पहला रिजर्व था जिसे 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर रिजर्व के नेटवर्क में शामिल किया गया था। मानस वन्यजीव अभयारण्य को 1985 में विश्व विरासत स्थल के रूप में चिह्नित किया गया था। 1989 में मानस को एक बायोस्फीयर रिजर्व का दर्जा हासिल हुआ था। यह 2837 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है जो पूर्व में धनसिरी नदी से पश्चिम में संकोश नदी तक फैला हुआ है।

यह पार्क असमी टर्टल कछुए, हिसपिड हेअर, गोल्डन लंगूर और पैग्मे हॉग जैसी दुर्लभ और लुप्तप्राय स्थानिक वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध है। मानस जंगली भैंसों की आबादी के लिए प्रसिद्ध है।

संक्षिप्त विवरण -

मानस वन्यजीव अभयारण्य पूर्वोत्तर भारत के असम में स्थित एक जैव विविधता हॉटस्पॉट है जो 39,100 हेक्टेयर के एक क्षेत्र को कवर करता है। उत्तर में यह भूटान के जंगलों से घिरा है। मानस वन्यजीव अभयारण्य 283700 हेक्टेयर के कोर जोन का हिस्सा है। मानस टाइगर रिजर्व की सीमाएं मानस नदी के तटों से मिली हुईं हैं।

इस क्षेत्र की विशेषता में यहां की प्राकृतिक सुंदरता सहित जलोढ़ घास के मैदान और उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों की एक श्रृंखला शामिल है। इस साइट में बाघ, एक सींग वाले गैंडे, दलदली हिरण, पैग्मी हॉग और बंगाली फ्लोरीकेन सहित दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातिया निवास करती हैं। भारतीय उप-महाद्वीप के संरक्षित क्षेत्रों के भीतर मानस को एक असाधारण महत्व के रूप में जाना जाता है, इसके साथ-साथ इस क्षेत्र को बचे हुए महत्वपूर्ण प्राकृतिक क्षेत्रों के रूप में भी जाना जाता है जहां विलुप्त हो रही प्रजातियां एक बड़ी संख्या में अच्छी-खासी आबादी के साथ जीवित हैं।

पार्क की उत्तरी सीमा भूटान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगी है जहां भूटान की पहाड़ियां सन्निहित हैं। मानस-बेकी प्रणाली एक प्रमुख नदी प्रणाली है जो नीचे बहते हुए बाद में ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है। ये नदियां अन्य नदियों के साथ बडी मात्रा में में गाद और पत्थरों को तलहटी तक ले जाती हैं।

पार्क का इतिहास:

1905 : प्रस्तावित रिजर्व फॉरेस्ट.

1907 : मानस रिजर्व फॉरेस्ट

1928 : खेल अभयारण्य

1950 : मानस वन्यजीव अभयारण्य (360 sq. kms)

1973 : प्रोजेक्ट टाइगर के तहत ‘टाइगर रिजर्व’ के रूप में घोषित (2837 sq. kms).

1985 : शानदार सार्वभौमिक विरासत के लिए यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल (प्राकृतिक) के रूप में घोषित किया गया।

1989 : यूनेस्को के मैन और बायोस्फीयर कार्यक्रम के तहत बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में घोषित (2837 वर्ग कि.मी.)।

1990 : राष्ट्रीय पार्क के रूप में घोषित (500 sq. kms).

2003 : चिरांग के रूप में घोषित – हाथी परियोजना के तहत रिपू एलीफेंट रिजर्व (2600 sq. kms)

2011 : आईयूसीएन, यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की सलाह के बाद "डेंजर" टैग हटा दिया गया।

उद्यान का स्थान

मानस राष्ट्रीय उद्यान पश्चिमी असम के भाबर क्षेत्र में पूर्वी हिमालय की तलहटी में स्थित है। पार्क का क्षेत्र असम के पांच जिलों चिरांग, कोकराझार, दरांग, उदलगुड़ी और बस्का को कवर करता है। पार्क का क्षेत्र 950 वर्ग किलोमीटर है और समुद्र तल के 110 मीटर से ऊपर से इसकी ऊंचाई 61 मीटर है।

मानस वन्यजीव अभयारण्य निम्न के लिए प्रसिद्ध है-

मानस दुनिया में एकमात्र ऐसा लेंडस्केप (परिदृश्य) है जहां प्राचीन तराई घास के मैदानों विविध हैं और भूटान के हिमालयी क्षेत्र में अर्द्ध सदाबहार वनों के आरोही और घास के मैदानों का विलय एक साथ देखा जा सकता है। यहां जैव विविधता बहुत समृद्ध है। पिग्मी हॉग की अंतिम जनसंख्या केवल मानस अभयारण्य में ही देखने को मिलती है।

टाइगर: मानस अभयारण्य में बड़ी मात्रा में रॉयल बंगाल टाइगर्स की आबादी रहती है। वर्तमान में यहां बाघों की संख्या 60 से अधिक है। मानस अभयारण्य अपने टाइगर रिजर्व और हाथी रिजर्व के लिए प्रसिद्ध है।

पक्षी जीवन: मानस अभयारण्य विभिन्न प्रकार के विशेष पक्षियों के लिए रहने का एक आदर्श स्थान है। मानस में दुनिया में लुप्तप्राय बंगाल फ्लोरिसन की सबसे बड़ी आबादी रहती है औऱ यहां पर ग्रेट हॉर्नबिल भी देखे जा सकते हैं।

इस राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की 380 प्रजातियां रहती हैं। जिनमें प्रमुख रूप से  ग्रेटर एडजुटेंट, काले पूंछ वाले क्रेक, लाल सिर वाला टोर्गो, जंगली तीतर, हॉर्नबिल, मार्श और जेर्डोन का बैबलर, रूफस (बादामी) पूंछ वाली चिड़िया, हॉजसन की बुश चैट, रूफस वेंटेक लॉफिंगथ्रश, फिन वेवर, आईबिस बिल और तलहटी प्रजातियां शामिल हैं।

वनस्पति:

मुख्य वनस्पति के प्रकार: i) उत्तरी भागों में उप-हिमालयी शुष्क जलोढ़ अर्द्ध सदाबहार वन, ii) पूर्वी हिमालय मिश्रित नम और शुष्क पर्णपाती वन (सबसे सामान्य प्रकार के), iii) कम जलोढ़ वाले मैदानी जंगल, और iv) असम घाटी अर्द्ध सदाबहार जलोढ़ घास के मैदान, जो पार्क के लगभग 50% को कवर करते हैं।

आरम्भ में अधिकतर शुष्क पर्णपाती वन नदी के किनारे हैं। इसके कोर जोर में कुल 543 पौधों की प्रजातियों पंजीकृत की गई हैं। इनमें से 374 प्रजातियां द्विबीजपत्री (89 पेड़ सहित) हैं।

सदाबाहार वन-

Image courtesy: http://www.manasnationalpark.co.in/

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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