मौलिक कत्र्तव्य (Fundamental Duties)
सन् 1976 में भारतीय संविधान में किए गए संशोधन के माध्यम से भाग 4-क (अनुच्छेद 51 क) जोड़ा गया, जिसमें नागरिकों के लिए दस मूल कत्र्तव्यों का प्रावधान किया गया। इसके अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक का कत्र्तव्य होगा कि वह
(1) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्टरध्वज और राष्टरगान का आदर करे
(2) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्टरीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे
(3) भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे
(4) देश की रक्षा करे और आह्वन किए जाने पर राष्टर की सेवा करे
(5) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेद भाव से परे हों, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हों
(6) सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे
(7) प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा तथा प्राणि मात्र के प्रति दया भाव
(8) वैज्ञानिक दृष्टिïकोण, मानववाद, ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास
(9) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।
(10) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढऩे का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाईयों को छू ले।
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