रुपये को मिली एक नई पहचान
देश की बढ़ती आर्थिक ताकत का प्रतीक:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आईआईटी मुंबई के शोध छात्र उदय कुमार के डिजाइन को रुपये के प्रतीक के रूप में चुन कर रुपये को एक नया चेहरा प्रदान कर दिया है।
रुपये का प्रतीक तैयार करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भारत की जनता से डिजाइन देने के लिए कहा था। इसके लिए इनाम की भी घोषणा की गई थी। इसमें भाग लेते हुए लगभग तीन हजार लोगों ने रुपये के प्रतीक का डिजाइन बनाकर भेजा था। आखिर में पांच डिजाइनों को चुना गया जिसमें अंतत: उदय कुमार की डिजाइन रुपये का नया चेहरा बन गया।
रुपये की जमी धाक
अपनी नई डिजाइन के साथ रुपया दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया जिनकी मुद्रा का लोगो है। अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउण्ड स्टर्र्लिंग, यूरोपीय संघ के यूरो इत्यादि का पहले से ही अपना प्रतीक है।
हाल के वर्र्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने उल्लेखनीय तरक्की की है। दुनिया के तमाम विकसित देश भारतीय बाजार में अपना दखल चाहते हैं। रुपये का नया प्रतीक भारतीय अर्थव्यवस्था की इसी बढ़ती ताकत को दर्शाता है।
खास है रुपये की डिजाइन
रुपये का प्रतीक देवनागरी लिपि का अक्षर र है। साथ ही रुपये का प्रतीक रोमन लिपि के बड़े अक्षर आर की तरह भी दिखता है। साथ ही प्रतीक में भारत के तिरंगे झंडे को भी देखा जा सकता है।
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