अफ्रीकी शेर सभी बड़ी बिल्लियों में सबसे अधिक सामाजिक होते हैं। ये समूहों या झुंड में रहते हैं। एक झुंड में करीब 15 शेर होते हैं। नर शेर समूह की सीमा की रक्षा करते हैं जबकि शिकार करने का ज्यादातर काम मादा शेर करती हैं। शेर 81 प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है और 36 फीट की छलांग लगा सकता है। एशियाई शेरों की सबसे बडी संख्या सिर्फ गिर राष्ट्रीय उद्यान, गुजरात में पाई जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम पेन्थेरा लियो पर्सिका है।
गुजरात में एशियाई शेरः
शिकार की होड़ में मादा शेर:
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तथ्यों पर एक नजरः
1. शेर आम तौर पर 10 या 15 के समूह में रहते हैं, जिसे प्राइड्स (झुंड) कहा जाता है।
2. व्यस्क नर की दहाड़ करीह 8 किमी दूर तर से सुनी जा सकती है।
3. मादा शेर को एक दिन में 5 किलो मीट चाहिए होता है जबकि नर शेर को 7 किलो या उससे अधिक।
4. करीब 85-90% शिकार का काम शेरनी करती है जबकि नर शेर सीमा पर नजर रखते हैं और झुंड की रक्षा करते हैं।
5. आईयूसीएन की विलुप्तप्राय प्रजातियों की लाल सूची में शेर की स्थिति को बहुत कमजोर माना गया है।
6. शेर 81 प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है और 36 फीट की छलांग लगा सकता है।
7. शेर को जंगल का राजा कहा जाता है लेकिन वह घास वाली जमीन और मैदानी इलाके में रहता है।
8. एशियाई शेरों की उम्र का पता उनके गर्दन के बालों (अयाल) से आसानी से लगाया जा सकता है। अगर शेर का अयाल गहरे रंग का है तो वह समूह का बूढ़ा सदस्य माना जाता है।
9. जब शेर जमीन पर चलता है तो उसकी एड़ी जमीन से नहीं छूती।
10. एक शेर एक दिन में 20 घंटों तक सो सकता है।
11. शेर आमतौर पर रात में शिकार करता है क्योंकि रात में शिकार को पकड़ने में काफी आसानी होती है। जब नर शेर आराम नहीं कर रहा होता है, तब वह गश्त लगाकर अपनी सीमा की रक्षा करता है।
12. मादा एक बार में एक से चार शावकों को जन्म देती है जो दो से तीन वर्षों में व्यस्क हो जाते हैं। जन्म के समय शावक का वजन आमतौर पर 1.2 से 2.1 किलो के बीच होता है।
13. नर शेर शिकार का सबसे बड़ा हिस्सा खा जाता है और मादाओं को बाकी बचा शिकार ही खाने को मिलता है।
14. एशियाई शेर भारतीय वन्य जीवन का अभिन्न और बिल्ली के समान एक प्रजाति है और ये आकर्षक जीव लुप्तप्राय जानवर घोषित किए जा चुके हैं क्योंकि ये विलुप्त होने की कगार पर हैं।
15. ये हिरण, भैंस, जेब्रा, युवा हाथियों, गैंडा, दरयाईघोड़ा, जंगली सुअर, मगरमच्छ और जिराफ का भी शिकार करते हैं। लेकिन कई बार ये छोटे शिकार जैसे चूहे, पक्षियों, खरगोश, छिपकली और कछुओं को भी खा जाते हैं। ये अन्य मांसाहारियों जैसे हायना, जंगली कुत्ते, चीता और तेंदुए की तरह भोजन नहीं चुराते या खराब हो रहे मांस को नहीं खाते।
16. शेर अपनी सीमा बनाए रखते हैं जो 260 वर्ग किमी (100 वर्ग मील) बड़ा हो सकता है। इसके लिए वे दहाड़ मारते हैं, मूत्र विसर्जन से इसे चिन्हित करते हैं और घुसपैठियों का पीछा करते हैं।
17. इनके गर्दन पर घने बाल, जो नर शेर की अनूठी विशेषता है, विरोधियों के साथ लड़ते समय उनके गर्दन की रक्षा करता है।
18. जंगल में शेर औसतन 12 वर्ष और अधिकतम 16 वर्षों तक जीवित रहता है। दासत्व (चिड़ियाघर) में रहने पर यह 25 वर्षों तक जीवित रहता है।
19. अगर उपलब्ध हो तो शेर हर दिन पानी पिएगा। लेकिन अपने शिकार से मिले और उनके पेट में गई सामग्री से नमी प्राप्त कर वह 4–5 दिनों तक बिना पानी पिए रह सकता है।
20. शावकों की मृत्यु दर 60-70% होती है। कभी– कभी वे भैंस जैसे बड़े जानवरों से कुचल दिए जाते हैं। इसके अलावा, जब दूसरे समूह का नर शेर झुंड की कमान संभलता है तो वह सभी शावकों को मार देता है ताकि शेरनियों से खुद के बच्चे पैदा कर सके।
21. मादा शावक अपने उम्र के समूह के साथ रहती हैं। करीब दो वर्ष का होने पर, वे सक्षम शिकारी बन जाती हैं। लेकिन युवा नर इस उम्र में झुंड से जबरन बाहर रखे जाते हैं। वे अविवाहितों का समूह बनाते हैं और पलायन का तब तक पालन करते हैं जब तक कि वे दूसरे समूह के शेरों को चुनौती देने लायक न बन जाएं।
22. आईयूसीएन की लाल सूची में अफ्रीकी शेरों को विलुप्तप्राय होने की दृष्टि से बहुत कमजोर श्रेणी (vulnerable category) में गिना जाता है।
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