आजकल भारत में किसी भी प्रमुख MBA इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने के लिए ग्रुप डिस्कशन्स (GD) या समूह चर्चा एडमिशन स्क्रीनिंग प्रोसेस का जरूरी हिस्सा बन चुके हैं. MBA की एडमिशन स्क्रीनिंग प्रोसेस के दौरान GD राउंड में बढ़िया प्रदर्शन करने के लिए स्टूडेंट्स को कुछ महत्त्वपूर्ण पॉइंट्स पर अवश्य ध्यान देना चाहिए ताकि एग्जामिनर के साथ-साथ GD में शामिल सभी पार्टिसिपेंट्स पर भी उनका बहुत अच्छा इम्प्रैशन पड़े. इसलिये, ग्रुप डिस्कशन के दौरान कैंडिडेट्स/ स्टूडेंट्स आमतौर पर जो गलतियां करते हैं, हम इस आर्टिकल में उनकी चर्चा कर रहे हैं ताकि स्टूडेंट्स अपने अगले GD में अच्छी तैयारी के साथ शामिल होकर कामयाबी हासिल कर लें. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल:
· टॉपिक की समुचित जानकारी ने होने पर GD का नेतृत्व न करें
आजकल MBA प्रवेश परीक्षाओं के लिए अधिकांश छात्र कोचिंग सेंटर्स ज्वाइन करते हैं. इन कोचिंग सेंटर्स में आपको लिखित परीक्षा के बाद लिए जाने वाले इंटरव्यू और GD सेशन्स के बारे में कई महत्वपूर्ण टिप्स और सलाहें दी जाती हैं. यहां की सलाह मानकर कई छात्र GD में किसी टॉपिक पर चर्चा करना शुरू कर देते हैं लेकिन उन्हें उस टॉपिक की अच्छी जानकारी नहीं होती है. GD राउंड में किसी टॉपिक की अपूर्ण जानकारी होना सबसे बड़ी समस्या है. अगर आपको किसी टॉपिक की काफी अच्छी जानकारी है और आपको खुद पर पूरा भरोसा है तो ही आप उस टॉपिक पर चर्चा शुरू करें. अगर ऐसा नहीं है तो यह अच्छा रहेगा कि आप किसी अन्य पार्टिसिपेंट द्वारा चर्चा शुरू करने का इंतजार करें. दूसरे या तीसरे वक्ता के तौर पर चर्चा करने में कोई बुराई नहीं है क्योंकि ऐसा करने पर आपको टॉपिक को समझने का पूरा अवसर मिलेगा और आप कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण प्वाइंट्स रख पायेंगे जिनसे आपको अच्छे अंक या प्वाइंट मिलेंगे.

· टॉपिक की समुचित जानकारी होने पर ही करें अपने GD का नेतृत्व
उक्त प्वाइंट के ठीक विपरीत, अगर आपको किसी टॉपिक की काफी अच्छी जानकारी है और आपको खुद पर पूरा भरोसा है तो फिर आप उस टॉपिक पर चर्चा शुरू कर सकते हैं. हां ! यह बिलकुल सच है कि जो उम्मीदवार चर्चा शुरू करते हैं उनकी तरफ सबका ध्यान जाता है और अगर वे कुछ बेजोड़ प्वाइंट्स पेश करें तो उन्हें कुछ बोनस प्वाइंट्स भी मिलते हैं. अगर आप कम जानकारी होने पर भी किसी टॉपिक पर बहस शुरू होने पर चर्चा करते हैं तो आपका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, किसी टॉपिक की अच्छी जानकारी होते हुए भी बहस शुरू करने से हिचकिचाने का प्रमुख कारण प्रैक्टिस की कमी होता है. इसलिये, अधिक से अधिक मॉक GDs में हिस्सा लेने की कोशिश करें.
· GD के किसी भी पार्टिसिपेंट की नकल न करें
आपके लिए यह याद रखना बहुत आवश्यक है कि किसी GD में अगर आप अन्य प्रतिभागियों द्वारा दिए गए तर्क या प्वाइंट्स दोहराते हैं तो ऐसा करने पर आपका GD में कोई मूल्यवान योगदान नहीं माना जायेगा. एग्जामिनर पर इससे आपका काफी बुरा इम्प्रैशन पड़ेगा. ग्रुप डिस्कशन से आपको बाहर भी किया जा सकता है. यदि आपको चर्चा के विषय की जानकारी नहीं है और आपको यह नहीं पता कि आपको क्या बोलना चाहिए तो यह बेहतर होगा कि आप युक्ति से काम लें. अन्य वक्ताओं को सुनें, उनके जवाबों का विश्लेषण करें और फिर उसमें अपने कुछ प्वाइंट्स जोड़ें. अगर आपको पता हो कि अब क्या कहना चाहिए?....तो अवश्य अपनी बात स्पष्ट शब्दों में कहें. आप चर्चा में जो भी प्वाइंट रखें, वे उस चर्चा के दौरान पहले पेश न किये गए हों.
· अपने किसी प्वाइंट का विरोध न करें
यह एक ऐसी गलती है जो अधिकांश छात्र किसी GD राउंड के दौरान कर देते हैं. चर्चा में दिए गए विषय पर अधिकांश समय तो बहस चलती है और आप किसी टॉपिक के पक्ष या विपक्ष में तर्क देते हैं. लेकिन, अक्सर चर्चा के दौरान ऐसा हो जाता है कि आप अपने ही प्वाइंट्स का विरोध करने लगते हैं और आपको इसका पता भी नहीं चलता है. अगर आप ऐसी कोई गलती कर देते हैं तो एग्जामिनर समझ जाते हैं कि आपके अपने कोई वास्तविक विचार नहीं हैं और आपको खुद पर भरोसा नहीं है. यकीनन, भावी मैनेजर्स के लिए यह कोई वांछनीय गुण नहीं है.
· GD में अपने पार्टिसिपेंट्स की तरफ देखकर ही चर्चा करें
GD में हिस्सा लेते समय आपके लिए यह याद रखना बहुत जरुरी है कि चर्चा में कई लोग शामिल होते हैं. हमारा कहने का मतलब यह है कि इस GD में केवल आप ही अकेले वक्ता नहीं होते हैं बल्कि बहुत से लोग इस बहस में शामिल होते हैं. ऐसे में अगर कोई वक्ता उपस्थित प्रतिभागियों की तरफ देखे बिना अपने प्वाइंट्स रखता है तो इसे अनादर या वक्ता के आत्मविश्वास में कमी के तौर पर देखा जाता है. बहुत से प्रतिभागी एग्जामिनर की तरफ ही देखते रहते हैं या फिर किसी खाली जगह पर नजरें कर चर्चा करते हैं. लेकिन, आप इस चर्चा में अपने एग्जामिनर से तो बात नहीं कर रहे हैं. आप तो अपने प्रतिभागियों के साथ चर्चा कर रहे हैं. इसलिये, ऐसी किसी स्थिति में आपको ग्रुप के प्रत्येक सदस्य की तरफ देखते हुए चर्चा करनी चाहिए. इससे ऐसा लगता है कि, जैसे आप चर्चा में शामिल सभी लोगों को अपने प्वाइंट्स स्पष्ट शब्दों में समझाना चाहते हैं. ऐसा करने पर आपका सकारात्कम इम्प्रैशन पड़ेगा.
· सभी पार्टिसिपेंट्स के पॉइंट्स को पूरे ध्यान से सुनें
ग्रुप डिस्कशन्स में आपके बोलने के कौशल के साथ ही आपके सुनने के कौशल का भी मुल्यांकन किया जाता है. अगर आप अन्य प्रतिभागियों को बोलने का अवसर नहीं देते हैं तो आपको नकारात्मक अंक मिलेंगे. याद रखें कि किसी टॉपिक पर भले ही बहस हो रही हो लेकिन GD में केवल चर्चा की जाती है. इसलिये, जब अन्य प्रतिभागी अपना प्वाइंट ऑफ़ व्यू पेश करें तो उन्हें रोकें नहीं, उनके प्वाइंट्स बड़े ध्यान से सुने और फिर, उनकी बात समाप्त हो जाने के बाद उसके पक्ष या विपक्ष में अपने विचार प्रस्तुत करें. इससे आपको ज्यादा अंक मिलेंगे और आप बहुत अच्छे तरीके से अपने विचार पेश कर सकेंगे.
· सम्पूर्ण GD में पूरे जोश के साथ शामिल हों
यह एक ऐसी गलती है जिससे थोड़ी-सी हाजिर-जवाबी से बचा जा सकता है. अक्सर छात्र एक ही बार में अपने सारे प्वाइंट्स का जिक्र कर देते हैं. असल में, समस्या तो यह है कि छात्रों को यह आशंका रहती है कि उन्हें दुबारा बोलने का अवसर ही नहीं मिलेगा. लेकिन यह कोई बुद्धिमानी नहीं है. अपने सारे प्वाइंट्स को 2-3 हिस्सों में बांट लें और फिर एक प्वाइंट पर एक बार में अच्छी तरह से चर्चा करें. एक ही बार में अपने सारे विचार न प्रस्तुत करें बल्कि सम्पूर्ण चर्चा के दौरान कम से कम 2-3 बार में अपनी राय जाहिर करें. आप इस बात का भी पूरा-पूरा ध्यान रखें कि आप युक्तियुक्त बात कर रहे हैं और किसी प्रतिभागी द्वारा पहले प्रस्तुत किये गए किसी प्वाइंट को दोहरा नहीं रहे हैं.
· अपना कॉन्फिडेंस बनाये रखें
किसी GD के दौरान घबराहट होना या आत्मविश्वास में कमी होना सामान्य बात है लेकिन इस घबराहट या आत्मविश्वास की कमी के काफी बुरे परिणाम निकल सकते हैं. फिर, इससे कैसे बचें? ग्रुप डिस्कशन में आपको अपने एग्जामिनर द्वारा दिए गए किसी टॉपिक पर चर्चा करनी होती है. इसलिये, अगर छात्र कोई गलत प्वाइंट पेश कर देते हैं तो वे घबरा जाते हैं और अपना आत्मविश्वास खो देते हैं. लेकिन, यहां ध्यान देने वाली बात तो यह है कि उस चर्चा के दौरान अपनी गलती पर पछताने का कोई लाभ नहीं है. हर कोई गलती कर सकता है किंतु महत्वपूर्ण बात तो यह है कि आप कितनी जल्दी अपनी इस गलती को सुधार लेते हैं. इसे एक चुनौती के तौर पर देखें और अपनी इस गलती को सुधारने की कोशिश करें. इसी दौरान चर्चा में भी अपने बहुमूल्य प्वाइंट्स रखते रहें. यह जरुरी नहीं है कि आपके हरेक प्वाइंट्स से ग्रुप सहमत हो लेकिन, आप जिस अंदाज से चर्चा करते हैं और चर्चा के दौरान कुछ उपयोगी प्वाइंट्स पेश करते हैं; एग्जामिनर उसपर ध्यान देकर आपका मुल्यांकन करते हैं.
· सुनने लायक आवाज में अपने पॉइंट्स रखें
याद रखें कि आपके आस-पास के सभी प्रतिभागी एग्जामिनर को प्रभावित करना चाहते हैं और प्रत्येक प्रतिभागी अपना दृष्टिकोण पेश करना चाहता है. ग्रुप डिस्कशन में बहुत बार किसी मछली बाजार जैसा परिवेश बन जाता है क्योंकि हरेक प्रतिभागी अपनी बात बोलने लगता है पर साफ-साफ कुछ सुनाई नहीं देता है. ऐसे शोर में बोलने पर आपका प्रयास और समय, दोनों बरबाद हो जायेंगे. अगर आपकी आवाज हल्की या धीमी है तो फिर, आपके लिए कोई संभावना शेष नहीं बचती है. आप शोर थमने की प्रतीक्षा कर सकते हैं या फिर जरा जोरदार आवाज में बोलकर शोर को शांत करते हुए अपना दृष्टिकोण पेश कर सकते हैं. ऐसा करने पर खराब माहौल में आपकी काबिलियत और नेतृत्व करने की क्षमता का पता चलेगा और एग्जामिनर पर आपका काफी अच्छा प्रभाव पड़ेगा.
जब कभी आप किसी ग्रुप डिस्कशन में भाग लें तो यह अवश्य याद रखें कि आपके पास अपने प्वाइंट रखने के लिए सीमित समय होता है. इसी सीमित समय में आपको अपने प्वाइंट्स भी रखने हैं और अन्य प्रतिभागियों के विचार भी ध्यान से सुनने हैं.
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