भारत में मौजूदा लिटरेसी रेट 74.04% है. वैसे तो एजुकेशन लोन का लिटरेसी रेट से सीधा संबंध नहीं है लेकिन, एजुकेशन हमारे लिए बहुत जरुरी है क्योंकि यह हमारे जीवन को सम्पूर्ण और उपयोगी बनाती है और हमें अनुशासन और समझदारी से जीने का तरीका भी एजुकेशन ही सिखाती है. हमारे देश में एजुकेशन लोन स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई जारी रखने हायर एकेडमिक डिग्रीज़ हासिल करने में महत्वपूर्ण और जरुरी आर्थिक सहयोग प्रदान करते हैं क्योंकि बहुत से इंडियन स्टूडेंट्स की पढ़ाई पैसे की कमी के कारण रुक जाती है. कभी ऐसा समय था जब भारत के बेहतरीन स्कूलों और कॉलेजों में एडमिशन लेना सबके बूते की बात नहीं थी. लेकिन, आजकल अगर आपमें टैलेंट है तो एजुकेशन लोन आपके भविष्य को संवार सकता है.
हमारे देश में आजकल एजुकेशन की निरंतर बढ़ती हुई लागत सभी पेरेंट्स और स्टूडेंट्स को परेशान करती है. हायर स्टडीज के लिए तो यह लागत और बढ़ जाती है. चाहे कोई इंडियन स्टूडेंट किसी बढ़िया कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए टफ एंट्रेंस टेस्ट भी पास कर ले, उस कॉलेज की फीस इतनी अधिक होती है कि, आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स काफी लाचार हो जाते हैं. इस महंगी एजुकेशन के कारण भारत के अनेक पेरेंट्स बहुत से इन्वेस्टमेंट प्लान्स में अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं लेकिन फिर भी, अपने बच्चे के कॉलेज की फीस देते समय उन्हें फंड्स की कमी का सामना करना पड़ता है. ऐसी किसी भी स्थिति में, एजुकेशन लोन ‘लाइफ सपोर्ट सिस्टम’ की तरह काम करता है. इन दिनों भारत के कई बैंक स्टूडेंट्स को आकर्षक शर्तों पर एजुकेशन लोन्स ऑफर कर रहे हैं ताकि जरुरतमंद स्टूडेंट्स बिना किसी फाइनेंशियल रुकावट के अपनी पढ़ाई जारी रख सकें.
भारत में एजुकेशन लोन के लिए अप्लाई करने हेतु एलिजिबिलिटी
किसी टिपिकल एजुकेशन लोन में अन्य खर्च जैसेकि, एकोमोडेशन और एग्जाम चार्जेज के साथ बेसिक कोर्स फीस शामिल होती है. जिस स्टूडेंट ने किसी ऑथोराइज्ड कॉलेज में एडमिशन लिया है, वह एजुकेशन लोन अप्लाई करने के लिए एलिजिबल होता है. इसी तरह, पेरेंट्स, सिब्लिंग्स (भाई/ बहन) या स्पाउस (पति/ पत्नी) भी स्टूडेंट की ओर से को-एप्लिकेंट्स के तौर पर अप्लाई कर सकते हैं. यह लोन खासकर उन स्टूडेंट्स को मुहैया करवाया जाता है जो भारत या विदेश में हायर स्टडीज करना चाहते हैं. डोमेस्टिक और इंटरनेशनल एजुकेशन लोन्स का अमाउंट और इंटरेस्ट रेट हरेक बैंक में अलग-अलग होते हैं.
भारत में इन कोर्सेज के लिए मिलता है एजुकेशन लोन
एजुकेशन लोन्स मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, मेडिसिन, हॉस्पिटैलिटी और अन्य हायर स्टडीज के लिए फुल-टाइम, पार्ट-टाइम ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन कोर्सेज के लिए उपलब्ध करवाया जा सकता है.
एजुकेशन लोन के लिए इंडियन स्टूडेंट्स के पास जरुर हों ये डॉक्यूमेंट्स
एजुकेशन लोन के लिए अप्लाई करने वाला स्टूडेंट भारतीय नागरिक होना चाहिए और सरकार या विश्वसनीय ऑथोरिटी द्वारा मान्यताप्राप्त किसी कॉलेज में उस स्टूडेंट को एडमिशन मिला हो. किसी एप्लिकेंट के लिए यह भी अनिवार्य है कि एजुकेशन लोन के लिए अप्लाई करते समय उस स्टूडेंट ने अपनी हायर सेकेंडरी की एजुकेशन या 12वीं क्लास पास कर ली हो. कॉलेज की प्रसिद्धि के अनुसार, कई बैंक्स एडमिशन डेट से पहले भी एजुकेशन लोन ऑफर करते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइन्स के अनुसार, एजुकेशन लोन के लिए अप्लाई करने के लिए कोई अधिकतम आयु सीमा नहीं है. कुछ बैंक्स ने एजुकेशन लोन के लिए अधिकतम आयु सीमा भी निर्धारित कर दी है. कॉलेज का एडमिशन लेटर, 10 वीं क्लास और 12 वीं क्लास की मार्कशीट्स जैसे डॉक्यूमेंट्स एजुकेशन लोन के लिए जरुरी होते हैं. इसके अलावा, को-एप्लिकेंट्स की सैलरी स्लिप्स और इनकम टैक्स रिटर्न्स भी जरुरी डॉक्यूमेंट्स हैं.
भारत में मौजूद लोन फाइनेंसिंग रिक्वायरमेंट
राशि (कॉलेज फीस) के मुताबिक, बैंक्स 100% तक एजुकेशन लोन्स दे सकते हैं. अभी तक, रु. 4 लाख तक के एजुकेशन लोन के लिए किसी मार्जिन मनी की जरूरत नहीं होती है. लेकिन भारत में, कुल राशि की 5% रकम एप्लिकेंट को खुद चुकानी होती है. विदेशी एजुकेशन लोन के लिए, यह मार्जिन राशि 15% तक बढ़ जाती है. रु. 4 लाख तक के एजुकेशन लोन के लिए बैंक को किसी कोलैटेरल या 3रड पार्टी गारंटी की जरूरत नहीं होती है. लेकिन रु. 4 लाख से रु. 7.5 लाख रु. तक के एजुकेशन लोन के लिए किसी 3रड पार्टी गारंटी की जरूरत होती है. रु. 7.5 लाख से अधिक राशि के एजुकेशन लोन के लिए कोलैटेरल गारंटी मांगी जाती है. जैसे ही लोन स्वीकृत होता है, संबद्ध बैंक द्वारा लोन राशि कॉलेज को सीधे ट्रांसफर कर दी जाती है.
भारत में एजुकेशन लोन के लिए इंटरेस्ट रेट कैलकुलेशन
एजुकेशन लोन पर इंटरेस्ट रेट निर्धारित करने के लिए, बैंक्स लेंडिंग रेट और एडिशनल स्प्रेड के आधार पर फंड्स की मार्जिनल कॉस्ट का इस्तेमाल करते हैं. वर्तमान में, एडिशनल स्प्रेड की दर 1.35% से 3% तक है.
भारत में एजुकेशन लोन की रिपेमेंट पॉलिसी
एजुकेशन लोन स्टूडेंट द्वारा चुकाया जाएगा. कोर्स पूरा हो जाने के बाद लोन का भुगतान करने के समय शुरू हो जाता है. लेकिन कुछ बैंक्स एजुकेशन लोन के भुगतान के लिए स्टूडेंट्स को स्टडी पूरी होने या जॉब प्राप्त करने के बाद 6 महीने या 1 वर्ष की छूट देते हैं. भुगतान की अवधि आमतौर पर 5 वर्ष से 7 वर्ष तक होती है. लेकिन विशेष मामलों में यह अवधि बढ़ाई भी जा सकती है. एक खास बात यह भी है कि कोर्स की अवधि के दौरान बैंक लोन राशि पर सिंपल इंटरेस्ट चार्ज करता है, जिसका ध्यान स्टूडेंट्स को जरुर रखना चाहिए.
इन जरुरी पॉइंट्स का रखें खास ध्यान
किसी एजुकेशन लोन के लिए अप्लाई करते समय आप हमेशा अपने एजुकेशन लोन के प्री-पेमेंट बैंक चार्जेज और लेट पेमेंट ईएमआईज को अच्छी तरह चेक कर लें.
हम आशा करते हैं कि इस गाइड से आपको बिना किसी बाधा के एजुकेशन लोन प्राप्त करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, आप यह आर्टिकल अपने दोस्तों और जान-पहचान वाले सभी लोगों को शेयर कर सकते हैं ताकि उन लोगों को भी एजुकेशन लोन लेने की प्रोसेस के बारे में अच्छी तरह से जानकारी मिल जाए.
जॉब, इंटरव्यू, करियर, कॉलेज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, एकेडेमिक और पेशेवर कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं.
अन्य महत्त्वपूर्ण लिंक
ऑनलाइन एजुकेशन के लिए बेस्ट ऑनलाइन साइट्स
फॉरेन एजुकेशन: स्टूडेंट्स के लिए विदेशी शिक्षा का है कुछ खास महत्त्व
ई-शोध सिंधु: कंसोर्टियम फॉर हायर एजुकेशन ई-रिसोर्सेज से करें ई-लर्निंग