आईटी उद्योग ने बीते दशक में खास तौर पर भारत में जबरदस्त वृद्धि देखी है. हमने न सिर्फ देश के लिए पर्याप्त इंजीनियर तैयार किए बल्कि हमने दूसरे देशों के लिए भी इंजीनियर तैयार कर दिए हैं. आईटी क्षेत्र में आए बूम ने सरकारी नौकरियों में दिलचस्पी को कम कर दिया है. कई लोग तो सरकारी नौकरी छोड़कर आईटी सेक्टर में चले गए. दूसरी तरफ एसएससी सीजीएल सुरक्षित नौकरी और अच्छे वेतन पैकेज के कारण सरकारी नौकरी करने की इच्छा रखने वालों के बीच हमेशा से एक विश्वसनीय और लोकप्रिय परीक्षा रहा है. यह लेख उम्मीदवारों को जो, दोनों विकल्प होने पर किस का चुनाव करें, के सवाल से उलझन में पड़ जाते हैं, के लिए एक तुलनात्मक गाइड प्रदान करेगा.
एसएससी सीजीएलः फायदे और नुकसान
प्रत्येक नौकरी के अपने फायदे और नुकसान होते हैं और एसएससी सीजीएल भी इससे अछूता नहीं है. आईए देखते हैं कि इस नौकरी को करने से आपको क्या फायदा होगा और आप कितने नुकसान में होगें–
- अच्छा वेतन पैकेजः एसएससी सीजीएल नौकरियां आपको बहुत अच्छा वेतन पैकेज देंगी. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मान लिए जाने के बाद इन नौकरियों की इच्छा रखने वालों का वेतन बहुत आकर्षक होने जा रहा है.
- नौकरी की सुरक्षाः यह ऐसी चीज है जो आपको किसी भी प्राइवेट नौकरी में नहीं मिलेगी. एक बार नौकरी पक्की हो जाने पर, जब तक आप कुछ गलत नहीं करते, आप अपनी नौकरी नहीं गंवाएंगे.
- काम का बहुत कम दबावः केंद्र सरकार की मध्यम और नीचले स्तर की नौकरियों की यह विशेषता है. जब तक कि आप आईएएस या आईपीएस या ऐसे ही किसी कैडर की नौकरी में नहीं हैं, काम करने का दबाव बहुत कम होता है क्योंकि आप पर किसी भी चीज की जवाबदेही नहीं होती.
- अच्छे स्थान पर पोस्टिंगः एसएससी की नौकरियां इसका आश्वासन देती हैं और आपकी पोस्टिंग महानगरों या राज्य की राजधानी में ही होती है. बैंकों के विपरीत, आपको किसी ग्रामीण इलाके या कस्बाई क्षेत्र में अपना अधिकांश जीवन, वह भी परिवार से दूर, नहीं बिताना होगा.
- करिअर का धीमा विकासः इस नौकरी का विकल्प चुनने वाले उम्मीदवारों के लिए यह एक बाधा है. इन नौकरियों में पदोन्नति के अवसर बहुत कम होते हैं और एक बार आपने नौकरी ज्वाइन कर ली तो नौकरी के आरंभिक वर्षों में आप पदोन्नति के बारे में तो भूल ही जाएं. पदोन्नति ज्यादातर वरिष्ठता पर निर्भर करती है और इसमें गुणों की भूमिका बेहद कम होती है.
- योग्यता को खास महत्व नहीं : एसएससी नौकरियों में नौकरशाही हावी होता है और इन नौकरियों में योग्यता की शायद ही कोई जगह है. आपको आपके अच्छे काम के लिए सम्मानित नहीं किया जाएगा. आपको जो भी वेतन वृद्धि मिलने जा रही है, वह आपको काम में आपके प्रदर्शन से प्रभावित हुए बिना मिलेगा|
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आईटी क्षेत्र : फायदे और नुकसान
भारत में पिछले दशक में आईटी क्षेत्र में क्रांति आई थी और इसी वजह से युवाओं की एक पीढ़ी पूरे दिल से आईटी नौकरियों के लिए टीसीएस, विप्रो, इंफोसिस आदि जैसी कंपनियों में चली गईं. आईटी कंपनियों को बढ़ते कारोबार को संभालने के लिए काफी अधिक वर्कफोर्स (कार्यबल) की जरूरत है. इसलिए आज कल कैंपस रिक्रूटमेंट ट्रेंड में है. लेकिन 2009 में आई वैश्विक मंदी के कारण आईटी क्षेत्र की नौकरियां जितनी दिलचस्प हुआ करती थीं, उतनी दिलचस्प नहीं रह गईं हैं. तो इसके क्या फायदे और नुकसान हैं? आइए देखते हैं
- हासिल करना बहुत मुश्किल नहीं हैः एसएससी सीजीएल की तुलना में ये नौकरियां हासिल करने में बहुत आसान हैं. कॉलेज से पास होने के बाद खुद के प्रयास मात्र से ही आपको एक नौकरी मिल सकती है. कैंपस रिक्रूटमेंट भी होती हैं. और यदि आप आईआईटी या एनआईटी जैसे संस्थानों की बात करें तो ज्यादातर छात्रों को कैंपस रिक्रूटमेंट से ही नौकरी मिल जाती है.
- प्रतिभा मायने रखती हैः प्राइवेट सेक्टर में आपको संगठन के जरिए अपने तरीके से काम करना होता है. इसी तरह आप पदोन्नति प्राप्त कर सकते हैं और कॉरपोरेट जगत की सीढ़ीयां चढ़ सकते हैं. इसलिए, जब तक आप पर्याप्त प्रतिभाशाली नहीं होंगें, तब तक कॉरपोरेट वर्ल्ड में बहुत बड़ा कुछ नहीं कर पाएंगे.
- वेतन पैकेज अलग होता हैः यहां मिलने वाला वेतन पैकेज सरकारी नौकरियों के जैसे सार्वभौमिक नहीं होता. ये आपकी शिक्षा, योग्यता और कौशल पर निर्भर करता है. इसलिए, यदि आप इतने प्रतिभाशाली हैं कि संगठन की जरूरत बन सकते हैं तो इस प्रकार की नौकरी आपके लिए है.
- करिअर में प्रगति के लिए कोई सख्त नियम नहीं हैः आईटी सेक्टर में करिअर न तो एक समान रूप से आगे बढ़ता है न ही एक गति से. क्योंकि आप यहां अपनी क्षमता के अनुसार बुलंदियों को हासिल कर सकते हैं. इसलिए, यदि आप प्रतिभाशाली हैं और आईटी के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए आपमें धैर्य है, तो आईटी की नौकरी आपके लिए है.
- नौकरी की गारंटी नहीं– आईटी की नौकरियों में नौकरी की गारंटी बहुत कम होती है क्योंकि ज्यादातर नौकरियां कंपनियों से मिले ऑर्डर के आधार पर टिकी होती हैं. यदि ये ऑर्डर आने बंद हो जाए तो इससे भर्ती पर असर पड़ता है और भर्ती किए गए लोगों को भी कंपनियों द्वारा पिंक स्लिप जारी कर दिया जाता है. हमने 2008-2009 में मंदी के वर्षों ऐसा देखा है.
- नौकरी में स्थिरता नहीं– इस प्रकार की नौकरियों की यह एक और खामी है. आप कभी भी एक ही कंपनी में स्थायी रूप से काम नहीं करते. आप हमेशा अच्छे अवसरों की तलाश में रहते हैं और यदि आपको मिल जाता है तो आप अपनी वर्तमान नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी में चले जाते हैं. लेकिन, फिर आपको नई कंपनी में नई कार्य संस्कृति के साथ तालमेल बैठाना पड़ता है और इसमें समय लगता है|
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तो, एसएससी सीजीएल या आईटी? इस प्रश्न का जवाब प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक जैसा नहीं हो सकता. लेकिन यदि आप सहज और नियमित जीवन की तलाश में हैं तो आपको लिए एसएससी सीजीएल की नौकरी सही रहेगी| दूसरी तरफ, यदि आप बेहद महत्वाकांक्षी हैं और अपने जीवन में कुछ अलग करना चाहते हैं, तो दीर्घकाल में एसएससी सीजीएल की नौकरियां आपको बोर कर सकती हैं| इस मामले में आईटी की नौकरियां एसएससी की नौकरियों के मुकाबले अधिक लचीली हैं| हालांकि, आपको यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि सरकारी नौकरी आपको वह सुरक्षा प्रदान करती है जो प्राइवेट कंपनियां आपको कभी नहीं देंगी. इसलिए सही तरीके से सोंचें और बुद्धिमानी से चुनें|
शुभकामनाएं।
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