एसएससी सीजीएल कॉमन ग्रेजुएट लेवल भर्ती परीक्षा है, जिसके जरिए ग्रुप बी और ग्रुप सी स्तर के पदों के तहत अलग– अलग प्रोफाइल्स के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया और चुना जाता है| सामान्य रूप से एसएससी की नौकरियों में जॉब प्रोफाइल और नियुक्त किए गए अधिकारियों द्वारा निभाई जाने वाली जिम्मेदारियों में बहुत अंतर होता है. एसएससी सीजीएल की नौकरियों के वर्गीकरण का मुख्य तरीका उनकी प्रकृति यानि फील्ड जॉब और डेस्क जॉब, होती है. काम की प्रकृति और आप जिस प्रकार के जॉब प्रोफाइल वाली एसएससी की नौकरी तलाश रहे हैं, के बारे में आरंभिक चरणों में स्पष्टता बहुत अनिवार्य है क्योंकि एसएससी के एप्लीकेशन फॉम में उम्मीदवारों को 'प्रेफरेंस ऑफ पोस्ट' का उल्लेख करना होता है. इसके आधार पर ही उम्मीदवार की अंतिम पोस्टिंग संबंधित मंत्रालय में की जाएगी. अलग– अलग जॉब प्रोफाइल और उससे संबद्ध काम की प्रकृति के बारे में जागरूकता की कमी के कारण एसएससी के कई उम्मीदवारों को इस विकल्प को चुनने में परेशानी होती है, ऐसी जानकारी मिली है. ऐसे उम्मीदवारों की मदद के लिए, हमने एसएससी फील्ड जॉब्स और एसएससी डेस्क जॉब्स के बारे में सभी प्रासंगिक जानकारियों के ब्यौरे वाला एक व्यापक गाइड तैयार किया है
एसएससी डेस्क जॉब्स
जैसा कि नाम से ही पता चलता है एसएससी डेस्क जॉब्स मुख्य रूप से ऑफिस वाली नौकरी है जहां नियुक्त अधिकारी को चारदीवारी के भीतर काम करना होता है. आमतौर पर मंत्रालयी सहायक, ऑडिटर्स, टैक्स असिस्टेंट्स, अकाउंटेंट्स और अपर डिविजन क्लर्क एसएससी सीजीएल वाले जॉब प्रोफाइल होते हैं जिसमें डेस्क पर काम करना होता है. जिस विभाग में अधिकारी की नियुक्ति होती है उसमें उसे मुख्य रूप से विभाग के दस्तावेज तैयार करना और लिपिकीय काम करने होते हैं.
एसएससी सीजीएल डेस्क जॉब के फायदे
- काम करने के निर्धारित घंटे, आमतौर पर रोजाना 9 से 5.
- पूरी तरह से कवर किया हुआ, वातानुकूलित कार्यालय.
- बहुत कम होने वाला ट्रांसफर.
- सामाजिक और पारिवारिक जीवन का आनंद लेने के लिए आदर्श.
- डेस्क के अधिकारियों को कोई वर्दी नहीं पहननी पड़ती और न ही कोई हथियार संभालना पड़ता है.
- आईएएस, बैंकिंग आदि जैसी अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आदर्श.
- नौकरी के योग्य होने के लिए कोई शारीरिक मानक नहीं पूरा करना होता.
एसएससी सीजीएल डेस्क जॉब के नुकसान
- ऑफिस में निर्धारित समय पर रिपोर्टिंग करने के साथ काम करने का औपचारिक माहौल.
- एसएससी सीजीएल के फील्ड जॉब के मुकाबले कम सामाजिक दर्जा और अधिकार.
- काम मुख्य रूप से फाइलों और लिपिकीय काम तक सीमित होता है, कोई एडवेंचर नहीं होता.
- मशीन जैसे काम करने वाली संस्कृति के साथ नीरस जॉब प्रोफाइल.
- असिस्टेंट सीएसएस/ केंद्रीय मंत्रालयों में सहायक जैसे प्रोफाइल, आपको दिल्ली आना पड़ेगा
- सहायक विदेश मंत्रालय की प्रोफाइल में आपको देश से बाहर भी जाना पड़ सकता है
जॉब कोड | जॉब प्रोफाइल का नाम | जॉब प्रोफाइल |
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A | असिस्टेंट (केंद्रीय सचिवालय सेवा) | सीएएस असिस्टेंट अलग– अलग मंत्रालयों में क्लर्क अधिकारी के तौर पर नियुक्त किए जाते हैं. नियुक्त किए गए अधिकारियों के जॉब प्रोफाइल में नोट्स और रिपोर्ट तैयार करना शामिल है जिसका उपयोग वरिष्ठ अधिकारी और मंत्री नीति – निर्माण में सहायता के लिए कर सकते हैं. नियुक्ति आम तौर पर दिल्ली में अलग– अलग केंद्रीय सरकार मंत्रालयों में होती है. |
B | सहायक (सीवीसी) | सहायक (सीवीसी) अधिकारियों की नियुक्ति केंद्रीय सतर्कता आयोग– केंद्र सरकार के मंत्रालयों और संगठनों द्वारा की जाने वाली सभी गतिविधियों की निगरानी करने वाली प्रमुख एजेंसी, में होती है. सहायक (सीवीसी) क्लर्क (लिपिक) प्रोफाइल है जिसमें केस फाइलों को अपडेट करना, रिकॉर्ड रखना, आंकड़ों एवं जानकारियों एवं अन्य संबंधित कार्यों के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए रखना शामिल है. नियुक्ति आमतौर पर दिल्ली के सीवीसी कार्यालय में होती है. |
C | सहायक ( इंटेलिजेंस ब्यूरो) असिस्टेंट (आईबी) | इंटेलिजेंस ब्यूरो का हिस्सा होने के अलावा, असिस्टेंट (आईबी) के जॉब प्रोफाइल में ज्यादातर कंप्यूटर पर काम करना और आंकड़ों का विश्लेषण करना शामिल होता है. पोस्टिंग राज्य के मुख्यालयों या आईबी प्रकोष्ठ या दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मुख्यालय में होगी. यह आवश्यकताओं के आधार पर निर्भर करता है. |
D | सहायक रेलवे में (असिस्टेंट रेलवेज) | एसएससी सीजीएल परीक्षा के माध्यम से उपलब्ध होने वाला सबसे पसंद किया जाने वाला जॉब प्रोफाइल है रेलवे में सहायक (असिस्टेंट रेलवेज). चुने गए अधिकारियों को क्लर्क का काम करना होता है. मुफ्त यात्रा और अन्य भत्तों के साथ रेलवे के सहायक बेहतरीन भत्तों का आनंद उठाते हैं और यही इसे कई लोगों के लिए बहुत अच्छा अवसर बनाता है. अधिकारियों की नियुक्ति दिल्ली में रेलवे के मुख्यालय में होती है. |
E | सहायक/ असिस्टेंट (विदेश मंत्रालय)
| विदेश मंत्रालय में नियुक्त सहायक भी एसएससी सीजीएल का बहुत लोकप्रिय जॉब प्रोफाइल है जो भारतीय मिशन और दूतावासों में विदेशों में काम करने का अवसर प्रदान करता है. हालांकि, जहां तक वर्क प्रोफाइल की बात है, काम में क्लर्क जैसा काम – रिपोर्टों का संकलन, पत्राचार और रिकॉर्ड रखना आदि शामिल है. विदेश में नियुक्त नहीं किए गए तो विदेश मंत्रालय के सहायक की नियुक्ति दिल्ली में होगी. |
F | सहायक/ असिस्टेंट (साइफर/ विदेश मंत्रालय) | विदेश मंत्रालय में असिस्टेंट साइफर की नौकरी विशेषज्ञ प्रोफाइल है जो विदेशी देशों से आने वाले संदेशों के कोडिंग– डीकोडिंग का काम देखते हैं. अतीत में विदेश मंत्रालय में साइफर असिस्टेंट खुफिया अधिकारियों के लिए बहुत उपयोगी रहे हैं. जहां तक नियुक्ति की बात है, इन्हें अलग– अलग विदेशी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में नियुक्त किया जाता है. |
G | सहायक / असिस्टेंट (वायु सेना मुख्यालय) | वायु सेना मुख्यालय के सहायक (असिस्टेंट) का पद पूरी तरह से चारदीवारी के भीतर की जाने वाली प्रशासनिक नौकरी है जिसमें अधिकारी एएफएचक्यू के कामकाज हेतु आम कार्यों को करने में सेक्शन अधिकारी की मदद करेंगे. इस प्रोफाइल का एक लाभ यह है कि एएफएचक्यू रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है और अधिकारी रक्षा कर्मियों को मिलने वाले विभिन्न भत्तों का पात्र हो जाएगा. नियुक्ति दिल्ली में एएफएचक्यू के मुख्यालय में मिलेगी. |
H | सहायक/ असिस्टेंट (अन्य मंत्रालय) | नौकरी के ये पद अलग– अलग सरकारी विभागों और संगठनों में सिर्फ जरूरत के आधार पर असिस्टेंट की रिक्तियों को भरने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं. इसमें डीओपीटी ( कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग), संसदीय कार्य, चुनाव आयोग और कई अन्य विभाग शामिल हो सकते हैं. क्लर्क और रिपोर्टिंग करने जैसे काम के साथ– साथ संगठन के दैनिक कामकाज में मदद भी करनी होती है. पोस्टिंग आमतौर पर दिल्ली में मिलती है लेकिन कभी – कभी चुनाव आयोग जैसे अखिल भारतीय स्तर वाले संगठन राज्य स्तर पर सहायकों की प्रतिनियुक्ति भी करते हैं. |
I | सहायक/ असिस्टेंट (अन्य मंत्रालय) | |
Q | डिविजनल अकाउंटेंट (सी एंड एजी) | भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के अधीन नियुक्त किए जाते हैं, डिविजनल अकाउंटेंट संबंधित राज्य सरकारों द्वारा जनता के लिए किए जाने वाले कार्यों और परियोजनाओं का ऑडिट करते हैं. अधिकार के मामले में, डिविजनल अकाउंटेंट (सीएंडएजी) एक प्रभावशाली पद है जो केंद्रीय सीएंडएजी को अपनी रिपोर्ट के जरिए अनियमितताओं के बारे में बताता है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही संबंधित विभाग या मंत्रालय के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. नियुक्ति आमतौर पर सीएंडएजी के राज्य स्तर के कार्यालयों में होती है. |
R | सांख्यिकीय अन्वेषक/ स्टैटिस्टिकल इन्वेस्टिगेटर ( ग्रेड II) | इस पद का वर्क प्रोफाइल इसके नाम जैसा ही है. स्टैटिस्टिकल इन्वेस्टिगेटर्स को अलग– अलग प्रकार के आंकड़ों को एकत्र करने और उनके संकलन की जिम्मेदारी दी जाती है. उसके बाद उस आंकड़े का प्रयोग सरकारी मंत्रालयों में प्रभावी नीतियों को बनाने में किया जाता है. वर्क प्रोफाइल में डेस्क और फील्ड वर्क का मिश्रण होता है. सांख्यिकी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को यह विकल्प चुनना चाहिए. |
T | ऑडिटर्स (सीएंडएजी/ भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) | जैसा कि नाम से पता चलता है, ऑडिटरों का काम राज्य के अलग– अलग विभागों (सीएंडएजी के मामले में), रक्षा बलों (सीडीए के मामले में) के सरकारी खर्चों और देश (सीजीए के मामले में) के आम वित्तीय खातों की जांच करना होता है. मुख्य रूप से यह ऑडिटिंग जॉब प्रोफाइल है जो प्रकृति से क्लर्क की प्रोफाइल जैसा होता है. |
U | ऑडिटर्स (सीजीडीए/ रक्षा लेखा नियंत्रक) | |
V | ऑडिटर्स (सीजीए/ सामान्य लेखा नियंत्रक) | |
W | अकाउंटेंट/ जू. अकाउंटेंट (सीएंडएजी) | ये सीएंडएजी और सीजीए कार्यालयों के अधीन अकाउंटेंट के जॉब प्रोफाइल होते हैं. अकाउंटेंट केंद्र सरकार के अलग– अलग विभागों को मिलने वाले और उससे बाहर जाने वाले राजस्व पर नजर रखने का काम करते हैं . |
X | अकाउंटेंट / जू. अकाउंटेंट (सीजीए) | |
Y | अपर डिविजन क्लर्क (यूडीसी) | जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है, मुख्य रूप से यह क्लर्क की प्रोफाइल वाली नौकरी है जिसमें नियुक्त किए गए अधिकारियों को रिपोर्ट या दस्तावेजों के तथ्यों की जांच करनी होती है. किसी भी प्रकार की विसंगती या गलत तथ्य मिलने पर उसकी जानकारी प्रासंगिक अधिकारी को देनी होती है. कुछ अपवादों को छोड़ दें तो ज्यादातर यूडीसी की नियुक्ति दिल्ली में ही होती है. |
Z | टैक्स असिस्टेंट (सीबीडीटी/ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) | इन दोनों ही बोर्डों के तहत नियुक्त किए जाने वाले टैक्स असिस्टेंट्स का वर्क प्रोफाइल एक जैसा होता है. व्यक्ति/ व्यापारिक इकाई (सीबीडीटी के मामले में) या वस्तु सेवा (सीबीईसी के मामले में) के कराधान से संबंधित आंकड़ों का संकलन और मूल्यांकन करना इनका काम होता है. इसके अलावा, इनसे संबंधित बोर्ड के दैनिक प्रशासन एवं कामकाज में सहयोग करने की भी उम्मीद की जाती है. |
@ | टैक्स असिस्टेंट (सीबीईसी/ केंद्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क बोर्ड) | |
$ | कंपाइलर (भारत के महापंजीयक) | भारत के महापंजीयक के अधीन नियुक्त किए जाने वाले कंपाइलर अधिकारी जनगणना के साथ– साथ सांख्यिकी प्रभाग द्वारा एकत्र किए गए अलग– अलग सांख्यिकीय आंकड़ों का संकलन करना होता है. |
एसएससी सीजीएल फील्ड जॉब
केंद्रीय सरकारी तंत्र में सबसे लोकप्रिय और मांग वाले पद हैं एसएससी सीजीएल के फील्ड जॉब. फील्ड जॉब प्रकृति से अधिक गहन है और फील्ड ड्यूटी वाले अधिकारियों के काम में खोजी अधिकार, निगरानी, छापे और अन्य काम शामिल है. एसएससी सीजीएल फील्ड जॉब वैसे उम्मीदवारों के लिए आदर्श हैं जो सामने आकर काम करने में रूचि रखते हैं क्योंकि प्रोफाइल के अनुसार आपको आयकर, सीबीआई, एनआईए, नारकोटिक्स और अन्य अलग– अलग विभागों में इंस्पेक्टर, एग्जामिनर, ऑफिसर और प्रीवेंटिव ऑफिसर का काम करना होता है.
एसएससी सीजीएल फील्ड जॉब के लाभ
- कार्यों में अधिक अधिकार.
- जॉब प्रोफाइल की साहसिक और अनूठा होना.
- प्रभावशाली कार्य संस्कृति.
एसएससी सीजीएल फील्ड जॉब्स के नुकसान
- फील्ड जॉब में बहुत यात्राएं करनी पड़ती हैं और अक्सर ट्रांसफर भी हो जाता है.
- खतरनाक नौकरी, क्योंकि अधिकारियों को राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों से निपटना होता है.
- काम करने का कोई निर्धारित समय नहीं है, अधिकारियों को अतिरिक्त घंटों, सप्ताहांतों और छुट्टियों के दिन भी काम करना होता है.
- कोई कार्यालय निश्चित नहीं रहता, फील्ड अधिकारियों को अपना ज्यादातर समय फील्ड में ही बिताना पड़ता है.
- कुछ प्रोफाइल के लिए चुने जाने हेतु शारीरिक मानकों को पूरा करना होता है.
- कुछ प्रोफाइल में आपको वर्दी पहननी होगी और हथियार भी संभालना होगा.
जॉब कोड | जॉब प्रोफाइल का नाम | जॉब प्रोफाइल |
J | आयकर इंस्पेक्टर (सीबीडीटी) | यह सबसे लोकप्रिय और मांग में रहने वाला एसएससी सीजीएल प्रोफाइलों में से एक है. आयकर इंस्पेक्टर का पद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधीन आता है. अधिकारी ग्रेड सी पद पर नियुक्त किए जाते हैं और जॉब प्रोफाइल में व्यक्ति या व्यापारिक इकाईयों के व्यक्तिहत आयकर रिकॉर्ड की जांच और सत्यापन करना शामिल होता है. ये आमतौर पर आयकर छापे वाले दल, जो दोषियों पर आयकर छापा डालते हैं, का हिस्सा होते हैं. यह पद काफी प्रभावशाली पद है क्योंकि इसमें प्रभावशाली पदों पर काम कर रहे लोगों का सामना करना पड़ता है. अधिकारियों को अक्सर यात्रा करनी पड़ती है. |
K | इंस्पेक्टर (केंद्रीय एक्साइज/ सीबीईसी) | सेंट्रल एक्साइज में इंस्पेक्टर की नियुक्ति केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के अधीन की जाती है. अधिकारी अलग– अलग कंपनियों द्वारा दर्ज की गईं टैक्स रिटर्न की जांच करते हैं, जमा किए गए दावों की प्रोसेसिंग करते हैं. साथ ही रिकॉर्डों का रखरखाव भी. नियुक्ति बहुत शक्तिशाली मानी जाती है क्योंकि इस पद पर रहते हुए आप टैक्स की धोखाधड़ी एवं चोरी में शामिल व्यापारिक घरानों पर कार्रवाई कर सकते हैं. |
L | इंस्पेक्टर (प्रिवेंटिव ऑफिसर/ सीबीईसी) | जैसा कि नाम से जाहिर है, इंस्पेक्टर केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के अधीन प्रिवेंटिव अधिकारी होता है. कार्यालय को व्यापारिक घरानों द्वारा कर चोरी के मामले में आर्थिक अपराध पर जानकारी इक्ट्ठा करने का काम दिया जाता है. पोस्टिंग आमतौर पर प्रमुख शहरों में मिलती है. |
M | इंस्पेक्टर (एग्जामिनर/ सीबीईसी) | एक बार फिर पोस्टिंग केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के तहत मिलती है और नियुक्त अधिकारी को वस्तुओं की जांच करने और उन पर उचित कर लगाया गया और उसका भुगतान किया गया है या नहीं, को सत्यापित करना होता है. नियुक्ति मुख्यतः तटीय इलाकों के बंदरगाह वाले शहरों में होती है. |
N | सहायक प्रवर्तन अधिकारी | सहायक प्रवर्तन अधिकारी की नियुक्ति देश भर में प्रवर्तन महानिदेशालय के कार्याल में होती है. नियुक्त किया गया अधिकारी का काम मनी लॉन्ड्रिंग और जालसाजी जैसे आर्थिक अपराधों में संलिप्त लोगों या संगठनों का निरीक्षण, उन्हें रोकने और गिरफ्तार करना होता है. |
O | सब– इंस्पेक्टर (सीबीआई) | सीबीआई देश की प्रमुख जांच एजेंसी है और इसलिए इसका एसआई बनना प्रतिष्ठा की बात है. सीबीआई के सब– इंस्पेक्टर को पुलिस अधिकारी के समान ही अधिकार मिलते हैं लेकिन जहां तक बात क्षेत्राधिकार संबंधी अधिकारों की है ये केंद्र सरकार का हिस्सा होते हैं और इसलिए इन्हें जांच संबंधी अधिक अधिकार प्राप्त होते हैं. सीबीआई के एसआई की नौकरी काफी चुनौती भरी होती है क्योंकि इसमें सामाजिक, आर्थिक और यहां तक की राजनीतिक क्षेत्र के शक्तिशाली लोगों से निपटना होता है. |
P | इंस्पेक्टर ऑफ पोस्ट ( डाक विभाग) | डाक विभाग के तहत नियुक्ति, इंस्पेक्टर ऑफ पोस्ट अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाके के डाक घरों के नेटवर्क को बढ़ाने और व्यापार वृद्धि को बढ़ावा देने का प्रभारी होता है. डाक विभाग को नॉन– पर्फॉर्मिंग असेट मानते हुए इंस्पेक्टर के उपर संचालन क्षमता प्रदर्शन करने का कुछ दबाव रहता है. इसमें बहुत यात्राएं भी करनी पड़ती हैं. |
S | इंस्पेक्टर ( केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो) | केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के इंस्पेक्टर को प्रतिबंधित पदार्थों की अवैध खेती, उत्पादन, आपूर्ति और बिक्री पर नजर रखनी होती है. अधिकारी को किसी भी प्रतिबंधित पदार्थ के आयात और निर्यात एवं भारत में ऐसे पदार्थों का किसी भी भोज्य उत्पादों में उपयोग कर उनकी मार्केटिंग पर नजर रखनी होती है. नौकरी का स्थान मुख्य रूप से उत्तर भारत होता है और इसमें आपको सूदूर इलाकों की यात्रा भी करनी पड़ती है. |
% | इंस्पेक्टर (एनआईए) | आतंकवादी हमलों और राष्ट्रीय सुरक्षा के अन्य मामलों की जांच करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी का गठन किया गया था. ऐसे उत्कृष्ट बल का हिस्सा होने के नाते, एनआईए एसआई को बहुत अच्छी सामाजिक मान्यता और समाज में प्रतिष्ठा मिलती है. एनआईए इंस्पेक्टर का वर्क प्रोफाइल बेहद चुनौतियों से भरा है और इसमें हमले वाले स्थान पर जाना एवं सबूत इक्ट्ठा करना, खुफिया जानकारी प्राप्त करना और अन्य जांच कार्य शामिल है. इस काम में बहुत यात्राएं करनी होती हैं इसलिए सक्रिय सामाजिक जीवन के लिए यह नौकरी सही नहीं है. शुरुआती पोस्टिंग दिल्ली में होती है , इसके बाद एनआईए के राज्य मुख्यालयों में प्रतिनियुक्तियां मिला करती हैं. |
# | सब– इंस्पेक्टर (सीबीएन) | केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के सब– इंस्पेक्टर को प्रतिबंधित पदार्थों की अवैध खेती, उत्पादन, आपूर्ति और बिक्री पर नजर रखनी होती है. अधिकारी को किसी भी प्रतिबंधित पदार्थ के आयात और निर्यात एवं भारत में ऐसे पदार्थों का किसी भी भोज्य उत्पादों में उपयोग कर उनकी मार्केटिंग पर नजर रखनी होती है. नौकरी का स्थान मुख्य रूप से उत्तर भारत होता है और इसमें आपको सूदूर इलाकों की यात्रा भी करनी पड़ती है. |
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