देश-दुनिया में राइटिंग की विभिन्न फ़ील्ड्स और पब्लिकेशन से जुड़े प्रोफेशनल्स कॉपी एडिटर्स के काम से अच्छी तरह परिचित हैं. कॉपी एडिटर्स हरेक आर्टिकल की गलतियां हटाकर, उसकी ग्रामर में सुधार करके और उस आर्टिकल की भाषा में क्रिएटिव बदलाव के माध्यम से उस आर्टिकल को कम शब्दों में भी काफी प्रभावी और रीडेबल बना सकते हैं. कॉपी एडिटर्स प्रमुख रूप से राइटर्स और कंटेंट राइटर्स के फाइनल ड्राफ्ट्स को एडिट करके, आर्टिकल्स में से सभी किस्म की ग्रामर, स्पैलिंग और फेक्चूअल गलतियों को हटा देते हैं.
भारत सहित पूरी दुनिया की विभिन्न राइटिंग फ़ील्ड्स में किसी भी आर्टिकल, डॉक्यूमेंट, किताब या ऑनलाइन राइटिंग मटीरियल को अर्थपूर्ण, सूचनापरक, सटीक और फेक्चूअल बनाने में इन कॉपी एडिटर्स का योगदान सबसे महत्त्वपूर्ण होता है. अमरीका के ब्यूरो ऑफ़ लेबर स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, वर्ष 2024 तक कॉपी एडिटिंग जॉब्स में कुछ कमी आ सकती है लेकिन इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में एक्सपर्ट कॉपी एडिटर्स को जॉब ऑफर्स मिलते ही रहेंगे. एक अनुमान के अनुसार, भारत में लगभग 62% महिलाएं और 38% पुरुष कॉपी एडिटर्स हैं. दरअसल, भारत में अनेक क्रिएटिव प्रोफेशनल्स एक कामयाब कॉपी एडिटर बनकर लाखों रुपये कमा सकते हैं. आइये इस आर्टिकल को आगे पढ़कर इस प्रोफेशन के बारे में और अधिक जानकारी हासिल करें:

भारत में कॉपी एडिटर के लिए आवश्यक एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स और स्किल सेट
• हमारे देश में इस पेशे में अपना करियर शुरू करने के लिए कैंडिडेट ने किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से इंग्लिश, जर्नलिज्म या किसी अन्य विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की हो.
• इस पेशे के लिए बेहतरीन लेखन कौशल पहली शर्त है.
• इस पेशे के लिए टीम वर्क स्किल के साथ बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स भी जरुरी हैं.
• कुछ वर्षों का कार्य अनुभव रखने वाले कैंडिडेट्स को जॉब में प्रेफरेंस मिलती है.
• कुछ एम्पलॉयर्स कैंडिडेट्स का कॉपी-एडिटिंग टेस्ट भी ले सकते हैं.
• कुछ एम्पलॉयर्स कैंडिडेट्स से उनके काम का सैंपल मांग सकते हैं.
• कॉपी एडिटिंग से संबंधित सॉफ्टवेयर की जानकारी भी आवश्यक है.
• लैंग्वेज, एडिटिंग, टेक्निकल राइटिंग और प्रूफरीडिंग में महारत होना भी जरुरी है.
भारत में कॉपी एडिटर के प्रमुख कार्य
कॉपी एडिटर्स ग्रामर, पंक्चुएशन, स्पेलिंग्स और सेंटेंस-स्ट्रक्चर के साथ ही अपनी कंपनी की एडिटोरियल पॉलिसी के मुताबिक विभिन्न आर्टिकल्स और डाक्यूमेंट्स या फिर किसी भी किस्म के लेख की रीडेबिलिटी और राइटिंग स्टाइल की जांच करते हैं और फिर संबंधित आर्टिकल या डॉक्यूमेंट्स में जरुरी सुधार करते हैं. अगर किसी कॉपी एडिटर को यह जरुरी लगे कि आर्टिकल को फिर से लिखना चाहिए तो वे आर्टिकल को दुबारा भी लिख देते हैं. कॉपी एडिटर्स ही विभिन्न आर्टिकल्स को उनके ग्राफ्स, टेबल्स, फ़ोटोज़ और एडवरटाइजमेंट्स आदि के मुताबिक रि-अरेंज करते हैं. कॉपी एडिटर्स अपने काम के लिए जरुरी रिसर्च वर्क भी करते हैं.
• किसी भी आर्टिकल या अन्य लिखित सामग्री को बड़े ध्यान से पूरा पढ़ना.
• राइटर्स और कंटेंट राइटर्स को उनके विचारों को बेहतरीन आर्टिकल्स के तौर पर तैयार करने में हरेक किस्म से सहायता देना.
• आर्टिकल की ग्रामर और स्पेलिंग्स सही करना.
• कंपनी की एडिटोरियल पॉलिसी के मुताबिक विभिन्न आर्टिकल्स और डॉक्यूमेंट्स का राइटिंग स्टाइल और रीडेबिलिटी को जांचना.
• आर्टिकल में प्रस्तुत किये गए फैक्ट्स और अन्य जानकारी की जांच स्टैंडर्ड रेफ़रेंस सोर्सेज की सहायता से करना और अगर जरुरी हो तो राइटर या कंटेंट राइटर से संबंधित आर्टिकल के संबंध में प्रश्न पूछना.
• आर्टिकल के स्ट्रक्चर और लॉजिक्स पर भी पूरा ध्यान देना.
• अगर जरुरी हो तो आर्टिकल को फिर से ज्यादा प्रभावी तरीके से लिखना.
• सभी आर्टिकल्स/ डॉक्यूमेंट्स या डिजिटल/ ऑनलाइन राइटिंग मटीरियल में टेक्स्ट, फ़ोटोज़, टेबल्स, ग्राफ्स या एडवरटाइजमेंट्स के लिए प्रभावपूर्ण तरीके से जगह सुनिश्चित करना.
• आर्टिकल, डॉक्यूमेंट या किसी भी अन्य किस्म के लेख की अंतिम रूप से पूरी तरह से जांच कर लेना ताकि संबंधित आर्टिकल में भाषा, ग्रामर, फैक्ट्स या प्रस्तुत की गई जानकारी के संबंध में किसी प्रकार की भी गलती न रह जाए.
• क्या पब्लिश किया जाना चाहिए? इसके मुताबिक हरेक आर्टिकल की जांच करना.
भारत में कामयाब कॉपी एडिटर्स के लिए जरुरी वर्किंग स्किल्स
अगर हम इस पेशे में सफलता की बात करें तो कॉपी एडिटर्स के पास निम्नलिखित स्किल्स होने पर उनकी करियर-ग्रोथ निरंतर और सकारात्मक रहती है:
• इस पेशे के लिए कंप्यूटर और कॉपी एडिटिंग से संबंधित सॉफ्टवेयर में महारत होनी चाहिए.
• पेज और डिजाइन से संबंधित सॉफ्टवेयर की जानकारी होनी चाहिए.
• अपने प्रोजेक्ट्स निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरे करने की काबिलियत हो.
• फैक्ट चेकिंग में कुशल हों.
• प्रूफरीडिंग एररलेस हो.
• आर्टिकल डिटेल्स में क्रिएटिविटी शामिल करने में महारत हो.
• ह्यूमन टच के साथ बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स इस पेशे में कामयाबी दिलवाते हैं.
• कॉपी एडिटिंग की फील्ड में लेटेस्ट अपडेट्स से परिचित रहना बहुत जरुरी है.
भारत में कॉपी एडिटर्स के लिए करियर स्कोप
कॉपी एडिटर के तौर पर कुछ वर्षों तक काम करने के बाद ये पेशेवर असिस्टेंट एडिटर, एडिटर और सीनियर एडिटर के तौर पर काम करते हैं. विभिन्न न्यूज़पेपर्स, मैगजीन्स, पब्लिकेशन हाउसेज में कॉपी एडिटर्स के लिए जॉब्स के काफी अवसर मौजूद रहते हैं. इसी तरह, राइटर्स, कंटेंट राइटर्स आदि कॉपी एडिटर्स की सेवायें लेते हैं. कॉपी एडिटर्स फ्रीलांसर के तौर पर भी अपनी सेवायें दे सकते हैं.
भारत में कॉपी एडिटर्स का सैलरी पैकेज
हमारे देश में आमतौर पर किसी कॉपी एडिटर को एवरेज 2.75 लाख रुपये सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है. कुछ वर्ष के अनुभव के बाद कॉपी एडिटर्स को एवरेज 4 लाख – 5 लाख रुपये का सालाना सैलरी पैकेज मिलने लगता है. अन्य सभी पेशों की तरह इन प्रोफेशनल्स के टैलेंट, स्किल सेट, क्वालिफिकेशन लेवल और वर्क एक्सपीरियंस का इनके सैलरी पैकेज पर पॉजिटिव इफ़ेक्ट होता है. इसी तरह हायरिंग कंपनियों की पॉलिसीज के मुताबिक भी कॉपी एडिटर्स की सैलरीज निर्धारित की जाती हैं.
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