Positive India: ग्लोबल टीचर 2020 पुरस्कार विजेता रंजीतसिंह दिसाले ने जीते 7 करोड़, अन्य 9 फाइनलिस्ट के साथ 50% पुरस्कार राशि करेंगे साझा - जानें उनकी इस जीत की कहानी

Dec 4, 2020, 16:44 IST

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के परितेवाड़ी गांव के रंजीत को इस पुरस्कार के लिए दुनिया भर के 10 सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों में से विजेता चुना गया। उन्हें भारत में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और भारत में एक त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोडित पाठ्यपुस्तक क्रांति को गति देने के उनके प्रयासों के लिए पहचाना गया है। 

Ranjitsinh Disale - the Winner of The Global Teacher Prize 2020
Ranjitsinh Disale - the Winner of The Global Teacher Prize 2020

भारत में गुरु का पद ईश्वर से भी ऊँचा माना गया है और इस पद की शोभा बढ़ाते हैं रंजीत सिंह जैसे शिक्षक जो अपने विद्यार्थियों की सफलता के लिए हर मुमकिन कदम उठाने को तैयार रहते हैं। ग्लोबल टीचर 2020 पुरस्कार के विजेता रंजीतसिंह दिसाले ने अपने स्कूल के बच्चों को शिक्षित करने के लिए ना केवल उनकी भाषा सीखी बल्कि उनकी किताबों को भी कन्नड भाषा में अनुवादित कर उन्हें QR कोड के ज़रिये आसानी से उपलब्ध कराया। उनके इस अहम योगदान के लिए उन्हें 2016 में इनोवेटिव रिसर्चर ऑफ़ द ईयर और 2018 में नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन द्वारा इनोवेटर ऑफ़ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

हैदराबाद की यह IAS अफसर ग्रीन गवर्नेंस के तहत पूरे जिले में ला रहीं हैं क्रांति - जानें IAS हरि चांदना और उनकी उपलब्धियों के बारे में

बनना चाहते थे IT इंजीनियर पर बन गए प्राइमरी टीचर 

रणजीतसिंह शुरू में एक आईटी इंजीनियर बनना चाहते थे लेकिन किन्हीं कारणों से वह इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला नहीं ले सके। उनके पिता ने एक विकल्प के रूप में शिक्षक प्रशिक्षण का सुझाव दिया था। शुरू में संकोच के साथ उन्होंने प्रशिक्षण में दाखिला लिया परन्तु इसके बाद उनका जीवन बदल गया। रंजीत  मानते हैं कि शिक्षक ही समाज में सुधार ला सकते हैं और इसलिए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में ही काम करने का फैसला किया। 

विद्यर्थियों को पढ़ाने के लिए सीखी कन्नड़

जिस पहले स्कूल में रंजीत ने पढ़ाना शुरू किया वह पहले एक जर्जर इमारत थी। स्कूल में अधिकांश लड़कियाँ आदिवासी समुदायों से थीं जहाँ लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाती थी और बाल विवाह की प्रथा आम थी। इसके अतिरिक्त, पाठ्यक्रम छात्रों की प्राथमिक भाषा (कन्नड़) में नहीं था जिसका अर्थ था कि कई छात्र अपेक्षित शिक्षण परिणामों को प्राप्त करने में असमर्थ थे। काफी प्रयास करने के बाद रणजीतसिंह ने कन्नड़ भाषा सीखी और बेहतर समझ के लिए ग्रेड 1-4 के सभी पाठ्यपुस्तकों को फिर से डिज़ाइन किया। साथ ही कन्नड़ में ऑडियो कविताओं, वीडियो लेक्चर, कहानियों और असाइनमेंट्स को एम्बेड करने वाले अद्वितीय क्यूआर कोड का निर्माण किया। (इन क्यूआर कोडित किताबों से विद्यार्थियों को घर से पढ़ने में भी काफी मदद मिली। 

क्यूआर कोड प्रोजेक्ट के लिए माइक्रोसॉफ्ट के CEO ने किया सम्मान

इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, 2016 में रंजीत के इस स्कूल को जिले के सर्वश्रेष्ठ स्कूल से सम्मानित किया गया था। उनके व्यापक प्रभाव के संदर्भ में माइक्रोसॉफ्ट के CEO (सत्य नडेला) ने रंजीतसिंह के काम को भारत की तीन कहानियों में से एक के रूप में अपनी पुस्तक हिट रिफ्रेश में मान्यता दी है। इसी के साथ केंद्र सरकार ने रणजीतसिंह को 2016 के इनोवेटिव रिसर्चर ऑफ द ईयर का नाम दिया, और उन्होंने 2018 में नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के इनोवेटर ऑफ द ईयर का पुरस्कार भी जीता। उन्होंने 500 से अधिक समाचार पत्रों में आर्टिकल और ब्लॉग लिखकर अपने तरीकों का संचार किया है।

इनाम की 50% राशि को अन्य प्रतियोगियों के साथ करेंगे साझा 

ग्लोबल टीचर प्राइज विजेता रंजीतसिंह ने फैसला किया है कि वह ग्लोबल टीचर प्राइज के बाकी नौ फाइनलिस्ट्स के साथ 50 फीसदी प्राइज मनी शेयर करना चाहते हैं। साथ ही वह यह भी सुनिश्चित करेंगे कि हर साल दुनिया के युद्ध पीड़ित देशों के कम से कम 5000 छात्रों को शांति सेना में भर्ती किया जाए। इससे यह पुरस्कार राशि अधिकतम स्कूलों और छात्रों तक पहुंचने में मदद करेगी।

12,000 से अधिक नामांकन और 140 से अधिक देशों के अनुप्रयोगों से अंतिम 10 में रंजीत का चयन किया गया था। ग्लोबल टीचर प्राइज ’की स्थापना वर्के फाउंडेशन द्वारा 2014 में एक ऐसे असाधारण शिक्षक की पहचान के लिए की गई थी जिसने इस पेशे में उत्कृष्ट योगदान दिया हो।

रंजीत सिंह दिसाल की इस जीत के लिए जागरण जोश की और से हार्दिक बधाई। 

 

Sakshi Saroha is an academic content writer 3+ years of experience in the writing and editing industry. She is skilled in affiliate writing, copywriting, writing for blogs, website content, technical content and PR writing. She posesses trong media and communication professional graduated from University of Delhi.
... Read More

आप जागरण जोश पर सरकारी नौकरी, रिजल्ट, स्कूल, सीबीएसई और अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड के सभी लेटेस्ट जानकारियों के लिए ऐप डाउनलोड करें।

Trending

Latest Education News