UPSC की तैयारी के लिए ऐसे पढ़ें ‘द हिंदू ’ अखबार, बढ़ जाएगी सफलता की संभावना

Mar 26, 2020, 16:55 IST

UPSC IAS की तैयारी के लिए ‘द हिंदू ’अखबार पढ़ना लगभग अनिवार्य है। ‘द हिंदू ’अखबार IAS की तैयारी से गहराई से जुड़ा हुआ है क्योंकि ‘द हिंदू ’ का संपादकीय कॉलम UPSC की आवश्यकता के अनुसार सभी विषयों को कवर करता है।

How to read The Hindu Newspaper for UPSC IAS Exam 2019
How to read The Hindu Newspaper for UPSC IAS Exam 2019

हिंदू समाचार पत्र को कैसे पढ़ा जाए, यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर IAS उम्मीदवारों के लिए जानना बहुत जरुरी है। IAS परीक्षा के लिए ‘द हिंदू ’ समाचार पत्र पढ़ना सर्वोत्तम है क्योंकि यह महत्वपूर्ण सरकारी नीतियों का अच्छा विश्लेषण प्रदान करता है। ‘द हिंदू ’ अखबार के संपादकीय कॉलम IAS की तैयारी में बहुत मदद करते हैं क्योंकि IAS परीक्षा के महत्वपूर्ण विषयों को कवर करने के लिए उनके पास बहुत विस्तृत और व्यापक दृष्टिकोण होता है।

राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा, इसके विभिन्न विशेष संस्करण भी हैं जो विभिन्न विषयों जैसे कि भारतीय अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और पारिस्थितिकी की तैयारी में मदद करते हैं।

यह समाचार पत्र IAS परीक्षा में सफलता के लिए एक ट्रेडमार्क के रूप में और सभी महत्वपूर्ण मुद्दों के अच्छे कवरेज के लिए जाना जाता है। इसका संपादकीय पृष्ठ अलग-अलग दृष्टिकोण को महत्व देता है और इसलिए राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी आदि जैसे सभी विषयों के लिए अच्छे समाचार प्रदान करता है।

UPSC के उम्मीदवारों के बीच ‘द हिंदू ’ को ज्ञान और अध्ययन सामग्री के शीर्ष स्रोत के रूप में जाना जाता है क्योंकि एक अच्छे संपादकीय के लिए किसी भी मुद्दे पर स्टैटिक और डायनामिक दोनों ही किस्म की जागरूकता के मिश्रण की आवश्यकता होती है।

एक बार जब आप इस तथ्य से अच्छी तरह से वाकिफ हो जाते हैं कि हर उम्मीदवार को अखबार पढ़ने की जरूरत है तो अगला सवाल यह उठता है कि अखबार पढ़ने की शुरुआत कैसे करें? ‘द हिंदू ’ को पढ़ने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:

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  • IAS के सिलेबस की एक कॉपी अपने पास रखें: यदि आपने अभी तक सिलेबस को अच्छे से कवर नहीं किया है तो IAS के सिलेबस की एक कॉपी अपने पास रखें। लेकिन अगर आप निम्नलिखित बिंदुओं का पालन करते हैं तो उम्मीदवार अपना बहुत समय बचा सकते हैं।
  • UPSC सिलेबस के की वर्ड को जानें: समाचार पत्र से निकाले जाने वाली महत्वपूर्ण जानकारी को पहचानने में मदद करने के लिए UPSC सिलेबस के की वर्ड को जानें। उदाहरण के लिए; मान लीजिए कि आप अंतर्राज्यीय जल विवाद पर हिंदू का एक अच्छा संपादकीय पढ़ते हैं। इस पर सिलेबस की वर्ड निम्नानुसार होने चाहिए: संघ और राज्यों के कार्य और जिम्मेदारियां, संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियां, शक्तियों का विचलन और स्थानीय स्तर पर वित्त और उससे जुड़ी चुनौतियां। उम्मीदवारों को लेख से संघ और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण, संघीय ढांचे व इससे जुड़ी चुनौतियों पर अच्छी पकड़ हासिल करने में मदद मिलेगी।
  • पिछले 5 वर्षों के IAS के प्रश्न-पत्रों का गहन विश्लेषण करें: UPSC के सिलेबस की केंद्र बिंदु की पहचान करने के लिए पिछले 5 वर्षों के IAS प्रश्न-पत्रों का गहन विश्लेषण करें। उदाहरण के लिए; पिछले 3 वर्ष के प्रश्न-पत्रों में, विकास के PPP मॉडल पर कम से कम एक प्रश्न पूछा जा रहा है। इसलिए, छात्रों को खुद से यह पूछना चाहिए कि इस विषय को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है और इसकी तर्ज पर इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दों से संबंधित लेखों को डिकोड करने की कोशिश की जाती है।

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  • समाचार के बजाय मुद्दों पर ध्यान दें: समाचार के बजाय मुद्दों पर ध्यान दें। उदाहरण के लिए, अगर देश में विमुद्रीकरण पर चर्चा चल रही है, तो मनी लॉन्डरिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसी पुरानी समस्याओं को रेखांकित करने वाले बैंकिंग सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
  • कब और कहाँ के बजाय क्या और क्यों पर ध्यान दें: कब और कहाँ के बजाय क्या और क्यों पर ध्यान दें। किसी घटना को अच्छे से समझने के लिए उस पर गहन अध्ययन करना आवश्यक है और ‘द हिंदू ’ का संपादकीय पृष्ठ इस संबंध में अत्यधिक मददगार साबित हो सकता है।

हिंदू का एडिटोरियल पेज

‘द हिंदू ’ का सबसे अधिक महत्वपूर्ण हिस्सा इसका संपादकीय पृष्ठ है। संपादकीय पृष्ठ सबसे महत्वपूर्ण जानकारी वाला सेक्शन है और इसलिए इसे अच्छी तरह पढ़ना चाहिए। IAS परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नोट्स यहाँ से तैयार किए जा सकते हैं। यहाँ से महत्वपूर्ण मुद्दों पर अच्छी पंक्तियाँ लेने की कोशिश करें जो मुख्य परीक्षा में आपके उत्तरों को प्रभावी बना सकते हैं।

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‘द हिंदू ’समाचार पत्र राष्ट्र के सामाजिक-राजनीतिक ढांचे को प्रभावित करने वाली घटनाओं पर अपने सुरुचिपूर्ण विचारों के लिए जाना जाता है क्योंकि देश के कुछ सर्वश्रेष्ठ स्तंभकार इसके लिए लिखते हैं।

उम्मीदवारों को प्रतिदिन पूर्ण संपादकीय पढ़ने की आदत विकसित करनी चाहिए ताकि किसी भी मुद्दे के सभी आयामों का अवलोकन प्राप्त किया जा सके। वर्तमान घटनाओं के अनुसार अपनी IAS की तैयारी को कारगर बनाने के लिए इस खंड से अच्छे नोट्स बनाएं और एक ही मुद्दे पर नया संपादकीय छपने पर उन्हें अपडेट भी करें।

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अखबार में ध्यान दिए जाने वाले क्षेत्र:

हिंदू के संपादकीय के गहन अध्ययन के बाद IAS की मुख्य परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण अपडेट्स और अर्थव्यवस्था में नए दिशा-निर्देश या सुधारों के लिए बिज़नेस सेक्शन को पढ़ें। यह अक्सर SEBI के दिशा-निर्देशों, RBI की सिफारिशों के बारे में भी बताता है जिन्हें आपके IAS की तैयारी में फैक्ट-बेस्ड चीजें जोड़ने के लिए नोट किया जा सकता है।

अंत में, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय पृष्ठ को पढ़ने के दौरान उन विषयों या घटनाओं को नोट करें जो अख़बार में ज्यादा चर्चा में हैं और फिर इनका विस्तार से अध्ययन करें।

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ध्यान देने योग्य एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि IAS की तैयारी के साथ विशेष संस्करणों पर कहां और कैसे ध्यान केंद्रित करना है तथा इसका उपयोग कैसे करना है। यहाँ हमने सभी संस्करणों के लिए एक तालिका दी है जिससे विशेष संस्करण सेक्शन से नोट्स बनाने में मदद मिलेगी।

दिन

विशेष संस्करण में किस पर ध्यान केंद्रित करें

सोमवार संस्करण

इस दिन बिजनेस सेक्शन पर ध्यान दें। इसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले सभी मौजूदा मामलों पर अच्छे जानकारीपूर्ण लेख होते हैं।

मंगलवार संस्करण

मंगलवार के संस्करण में ओपन पेज पढ़ें। इसमें एनालिसिस बेस्ड संपादकीय शामिल होता है जो दैनिक समाचार से अलग होता है।

यह उन घटनाओं पर एक अच्छा और व्यक्तिवादी दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करता है जो UPSC में पूछे जाने वाले ओपिनियन बेस्ड प्रश्नों के लिए बहुत उपयोगी होता है।

गुरुवार संस्करण

विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कृषि पर स्पेशल पेज पढ़ें। सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आदि श्रेणियों के लिए यहाँ से नोट्स बनाएं।

यह किसानों द्वारा उपयोग की जाने वाली नई कृषि पद्धतियों का लेखा-जोखा भी प्रस्तुत करता है, जिसे आपअपने उत्तर को समृद्ध करने के लिए उदाहरण के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

शुक्रवार संस्करण

शुक्रवार संस्करण में कला और संस्कृति सेक्शन को पढ़ें। इसमें परंपराओं, कला के विभिन्न रूपों, भारतीय संस्कृति और इतिहास से संबंधित व्यक्तित्व पर जानकारी होती है।

यह भी देखा गया है कि परीक्षा में सीधे इस सेक्शन से प्रश्न पूछे जा रहे हैं।

रविवार संस्करण

रविवार संस्करण के Life Page को UPSC के Ethics पेपर में उदाहरण देने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा यह IAS उम्मीदवारों को प्रेरित करने के दृष्टिकोण से भी बहुत खास है।

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समय के साथ कई कोचिंग संस्थानों, यहां तक कि छात्रों ने भी निम्न दर्जे की अध्ययन सामग्री को पढ़ना शुरू कर दिया है और अखबार पढ़ने की आदत उनमें धीरे-धीरे कम होती जा रही है लेकिन एक बात स्पष्ट है कि मानक चीजों का कोई वास्तविक विकल्प नहीं है चाहे यह कोई किताब हो या ‘द हिंदू ’ जैसा राष्ट्रीय समाचार पत्र हो।

‘द हिंदू ’ में खबरों को पढ़ते हुए उम्मीदवार UPSC की तैयारी के दृष्टिकोण से जो भी जानकारी हासिल करते हैं, उसे कभी भी किसी भी दूसरे स्रोत से न तो बदला जा सकता है और न ही बढ़ाया जा सकता है। इसलिए, उम्मीदवार अपना ध्यान इस पर केंद्रित रखें और इस अख़बार को लगातार पढ़ते रहने की कोशिश करें। यह कई टॉपर्स के लिए गेम चेंजर साबित हुआ है और ‘द हिंदू ’ पढ़ने वाला हर उम्मीदवार इससे लाभ उठा सकता है।

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Jagran Josh
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Education Desk

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