New Labour Code: अब CTC का 50 फीसदी होगा बेसिक पे, यह होगा सैलरी का गणित

Nov 26, 2025, 13:16 IST

New Labour Code: भारत सरकार की ओर से हाल ही में चार नए श्रम कानून लागू किए गए हैं। ये सभी चार कानून पुराने 29 श्रम कानून की जगह लागू किए गए हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्रों में भी कार्यरत कर्मचारियों को सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा देना है।

नए लेबर कोड
नए लेबर कोड

New Labour Code: भारत सरकार की ओर से हाल ही में चार नए श्रम कानून लागू किए गए हैं। ये सभी चार कानून पुराने 29 श्रम कानून की जगह लागू किए गए हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्रों में भी कार्यरत कर्मचारियों को सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा देना है। हालांकि, नए लेबर कोड से सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव होगा।

इसके लिए कंपनियों की ओर से तैयारी की जा रही है। अब कंपनियों को CTC का 50 फीसदी बेसिक पे रखना होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युेटी में सहयोग तो बढ़ेगा, लेकिन टेक-होम सैलरी कम हो जाएगी। कैसे रहेगा सैलरी का गणित, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

कौन-से हैं चार नए लेबर कोड्स

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भारत में हाल ही में लागू हुए चार नए लेबर कोड्स कौन-से हैं। भारत में ये चार लेबर कोड कोड ऑन वेजेज (2019),  इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड (2020), कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी (2020) और OSHWC कोड (2020) है।अब अगले 45 दिनों में इन कोड का विवरण जारी किया जाएगा।

CTC का 50 फीसदी होगा बेसिक पे

अब नए कानून के तहत कंपनियों को आपके कुल सीटीसी का 50 फीसदी बेसिक पे करना होगा। इससे आपको पीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन में सहयोग बढ़ेगा। हालांकि, आपके हाथ में आने वाली सैलरी थोड़ी कम हो सकती है। पहले कंपनियां बेसिक पे कम रखकर अन्य अलाउंस बढ़ा देती थी, जिससे कंट्रीब्यूशन कम हो जाता था। अब हम नए सैलरी स्ट्रक्चर को एक उदाहरण से समझ लेते हैं।

इस उदाहण से समझें नया सैलरी स्ट्रक्चर

अब हम एक उदाहरण से नए सैलरी का स्ट्रक्चर समझ लेते हैं। आप मान लिजिए कि आपका सीटीसी 60 हजार रुपये है। पहले बेसिक पे सीटीसी का 30 से 40 फीसदी हुआ करता था। ऐसे में आपकी बेसिक सैलरी 18 से 24 हजार सैलरी होती थी। वहीं, पीएफ का बेसिक पे पर 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन होता है।

ऐसे में आपका पीएफ 2160 रुपये से लेकर 2880 तक बनता है। अब बेसिक पे 50 फीसदी होगा, तो आपका बेसिक पे 30 हजार रुपये हुआ। इस पर पीएफ 3600 रुपये कटेगा। ऐसे में अब आपकी सैलरी में से अधिक पीएफ और ग्रेच्युटी में जमा होगा, जिससे आपके हाथ में आने वाली सैलरी कम होगी। इससे आपको लंबी अवधि के लिए फायदा है। 

सिर्फ एक साल में मिलेगी ग्रेच्युटी

नए कानून के तहत फिक्स्ड टर्म एंप्लॉय को अब सिर्फ एक साल की सेवा पर ही ग्रेच्युटी मिलेगी, जबकि इससे पहले यह कम से कम पांच साल की सेवा पर मिलती थी। वहीं, पीएफ और ग्रेच्युटी वेजेज पर तय होगी। साथ ही, गिग वर्कर्स के लिए अब कंपनियों को अपने टर्नऑवर का 1 से 2 फीसदी खर्च करना होगा, जिससे उन्हें सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा मिले। इसके अतिरिक्त, नियुक्ति पत्र भी अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें कंपनी की सभी शर्ते लिखी होंगी।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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