Mother’s Day Essay in Hindi 2025: यहां देखें मातृ दिवस पर छोटे और बड़े हिंदी निबंध

Mother’s Day Essay in Hindi 2025: मातृ दिवस पर 10 पंक्तियों वाला निबंध, 100 से 250 शब्दों के छोटे और बड़े निबंध, भावनात्मक कविताएं और सुंदर विचार यहां पढ़ें। 11 मई 2025 को मातृ प्रेम, त्याग और स्नेह के इस खास दिन को मनाएं।

May 8, 2025, 11:28 IST
Mothers Day Essay in Hindi for Students
Mothers Day Essay in Hindi for Students

Mother’s Day Essay 2025: संसार के सभी रिश्तों में माँ का रिश्ता सबसे पवित्र और सर्वोपरि होता है। माँ हमें जन्म देती हैं, हमारा पालन-पोषण करती हैं और अपने निःस्वार्थ प्रेम से हमारा जीवन संवारती हैं। उनके त्याग, ममता और अपार स्नेह के आगे दुनिया की हर दौलत छोटी लगती है। मातृ दिवस 2025 एक ऐसा ही विशेष अवसर है, जब हम अपनी माँ के प्रति आभार प्रकट करते हैं और उनके प्रेम व योगदान को सम्मानित करते हैं।

 

Mother's Day Essay: मातृ दिवस पर निबंध

हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को पूरे विश्व में मातृ दिवस (Mother's Day) धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को खास बनाने के लिए स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में मातृ दिवस के अवसर पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। निबंध भावनाओं को अभिव्यक्त करने और माँ के प्रति स्नेह व्यक्त करने का एक सुंदर माध्यम है। यदि आपको भी इस प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है, तो यह लेख निश्चित रूप से आपके लिए मददगार साबित होगा। यहाँ आप छोटे और बड़े निबंध लिखने के लिए आसान और प्रभावी उदहारण देख सकते हैं। 

Mother’s Day Essay 10 lines (मातृ दिवस पर 10 पंक्तियाँ )

  1. मातृ दिवस माँ के अपार प्रेम और त्याग को सम्मान देने का दिन है।
  2. यह हर साल मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।
  3. इस दिन बच्चे अपनी माँ के लिए उपहार, कार्ड और खास आयोजन करते हैं।
  4. अमेरिका में सबसे पहले 1908 में मातृ दिवस मनाया गया था।
  5. माँ हमारे जीवन की सबसे पहली गुरु और मार्गदर्शक होती हैं।
  6. उनका प्रेम निःस्वार्थ होता है और उनका त्याग अमूल्य होता है।
  7. माँ के हाथों से रोपे गए संस्कारों के बीज ही हमें एक अच्छा इंसान बनाते हैं।
  8. माँ की खुशियों के लिए हमारा हर प्रयास छोटा होता है।
  9. हमें हमेशा माँ की बात माननी चाहिए और उनकी इच्छा का सम्मान करना चाहिए।
  10. माँ को खुश रखना हमारा कर्तव्य है, हर दिन उन्हें थोड़ा प्यार जताना न भूलें।

Mother’s Day Essay 100 Words: मातृ दिवस पर निबंध 150 शब्द

“माँ” शब्दों में बयां नहीं हो पाने वाला स्नेह, त्याग और ममत्व का प्रतीक रिश्ता है। मातृ दिवस उन महान हस्तियों को समर्पित है जिन्होंने जीवन को जन्म दिया, उसे संवारा और अनंत प्रेम से सींचा।

“माँ शब्द में छिपा है अनंत प्रेम, 

जिसकी थाह ना पाए कोई गगन, धरती, तारक, सितारे।

माँ वो है जो देती है जीवन का आधार, 

हर सुख-दुःख में रहती है सदैव हमारे साथ।”

माँ का हृदय प्रेम का सागर है, त्याग का महासागर है, और ममत्व का ब्रह्मांड है। यह वो रिश्ता है जो जन्म के पहले से शुरू होकर, जीवन भर हमारा साथ निभाता है। माँ का स्पर्श ही वो जादू है जो हमारे हर ग़म को दूर करने का सामर्थ्य रखता है वह हर कदम पर हमारा मार्गदर्शन करती है और हमें सदैव सफलता की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। माँ के हाथों का बना भोजन किसी स्वादिष्ट व्यंजन से कम नहीं होता।

हर साल आने वाला मातृ दिवस हमें माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सुअवसर प्रदान करता है। इस मातृ दिवस पर दुनिया भर की सभी माताओं के जीवन में खुशियाँ और सम्मान भर जाए। आइए, उनके अटूट सहयोग और बिना शर्त प्यार के लिए अपना आभार व्यक्त करें। सभी अद्भुत माताओं को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

Mother’s Day Essay 250 Words: मातृ दिवस पर निबंध 250 शब्द

संसार में जितने भी रिश्ते हैं, उनमें माँ का रिश्ता सबसे पवित्र और अमूल्य है। "माँ" शब्द ही प्रेम, त्याग और ममत्व का पर्याय है। हमारे जन्म के पहले से शुरू होने वाला यह रिश्ता आखिरी सांस तक बना रहता है। माँ का प्यार अमृत के समान मीठा और जीवनदायी होता है।

माँ शब्द सुनते ही बचपन की वो मीठी यादें ताजा हो जाती हैं, जब माँ की गोद ही हमारा सारा संसार होती थी। माँ ही हमारे जीवन की पहली गुरु होती है, जो हमें चलना, बोलना और सही-गलत में अंतर करने का ज्ञान देती है। माँ के कोमल स्पर्श में हमारे हर ग़म को मिटाने का जादू है। जीवन के किसी भी चरण पर असफलता की ठोकर खाने पर माँ की प्यार भरी आँखों में हमें सहारा मिलता है और हर सफलता पर उसका गर्व ही हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

माँ का त्याग किसी सागर से कम नहीं होता। वह अपने सपनों को ताक पर रखकर सिर्फ हमारे सपनों को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास करती है। वह बिना किसी स्वार्थ के हमारे सुख-दुःख में सदैव हमारे साथ खड़ी रहती है।

मेरे लिए, मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी शिक्षिका और समर्थक हैं। वह जीवन की चुनौतियों से गुजरने में मेरा मार्गदर्शन करती हुई सदैव मेरे लिए मौजूद रही हैं।

हर साल आने वाला मातृ दिवस हमें माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सुअवसर प्रदान करता है।  इस दिन हम कुछ खास करके, उन्हें प्यार से गले लगाकर या उनकी पसंद का कुछ करके उन्हें खुश कर सकते हैं। हालाँकि हमें हर दिन को मातृ दिवस की तरह मानाना चाहिए, और हमेशा अपनी माँ के प्यार और त्याग को संजोना और उनकी सराहना करनी चाहिए। आइए मातृ दिवस के इस शुभ अवसर पर दुनिया भर की सभी माताओं का सम्मान करें और उनके अटूट प्यार और समर्थन के लिए उनका धन्यवाद करें।

Mother's Day Poems in Hindi: मातृ दिवस पर छोटी और बड़ी कविताएं 

आपके निबंध को और सुंदर और भावनात्मक बनाने के लिए नीचे कुछ लोकप्रिय मातृ दिवस कविताएँ दी गई हैं, जिन्हें आप अपने लेख या भाषण में शामिल कर सकते हैं:

1. तू धूप से छाँव,

तू रातों का दिया,

तेरे आशीर्वाद से,

हर सपना हुआ पूरा।

2. शाश्वत है प्रेम मां का
कोई नहीं है जोड़ उसका,
क्या लिखें शब्द नहीं हैं
इतना है, आदर जिसका।

3. सर्द हवाओं के बीच,
गुनगुनी धूप होती है।
डूब रही मन की नौका,
सबल पतवार होती है।
पतझड़ में जो मधुमास खिला दे,
वह जीवनदायिनी मां होती है।

4. हमारे हर मर्ज की दवा होती है माँ….
कभी डाँटती है हमें, तो कभी गले लगा लेती है माँ…..
हमारी आँखोँ के आंसू, अपनी आँखोँ मेँ समा लेती है माँ…..
अपने होठोँ की हँसी, हम पर लुटा देती है माँ……
हमारी खुशियोँ मेँ शामिल होकर, अपने गम भुला देती है माँ….
जब भी कभी ठोकर लगे, तो हमें तुरंत याद आती है माँ।

5. घुटनो से रेंगते रेंगते
कब पैरो पर खड़ा हुआ
तेरी ममता की छाव में
ना जाने कब बड़ा हुआ

6. कष्टों से नहीं हारती मां
दुःख-दर्द को नहीं दिखाती मां
मुस्कुराती हरदम खटती है मां
थकती है पर थकती नहीं मां
बूढ़ी होती है पर बूढ़ी नहीं होती है मां
मां के श्रम का मान करें, मनाएँ मां को
कुछ पल आराम करें
मां को ख़ुश करने का
क्यों न कुछ काम करें।

7. प्यार की परिभाषा है मां
जीने की अभिलाषा है मां
हृदय में जिसके सार छुपा
शब्दों में छिपी भाषा है मां
इंद्रधनुष की रंगत है मां
संतों की संगत है मां
देवी रूप बसा हो जिसमें
ज़मीं पर ऐसी जन्नत है मां

8. जरा सी ठोकर लग जाती तो
मां दौड़ी हुई आती थी ,
जख्मों पर जब दवा लगाती
आंसू अपने छुपाती थी।
जब भी कोई जिद करते तो
प्यार से वो समझाती थी,

9. जब-जब बच्चे रूठे
मां उन्हें मनाती थी।
खेल खेलते जब भी कोई
वो भी बच्चा बन जाती थी,
सवाल अगर कोई न आता
टीचर बन के पढ़ाती थी।

10. सबसे आगे रहें हमेशा
आस सदा ही लगाती थी ,
तारीफ अगर कोई भी करता
गर्व से वो इतराती थी।
होते अगर जरा उदास हम
दोस्त तुरन्त बन जाती थी,
हंसते रोते बीता बचपन
मां ही तो बस साथी थी।

इस वर्ष मातृ दिवस 11 मई 2025 (रविवार) को मनाया जाएगा। आइए, इस विशेष दिन पर हम अपनी माँ के बिना शर्त प्रेम, त्याग और ममता के लिए उनका आभार व्यक्त करें।

सभी माताओं को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

Gurmeet Kaur
Gurmeet Kaur

Assistant Manager

Gurmeet Kaur is an Education Industry Professional with 10 years of experience in teaching and creating digital content. She is a Science graduate and has a PG diploma in Computer Applications. At jagranjosh.com, she creates content on Science and Mathematics for school students. She creates explainer and analytical articles aimed at providing academic guidance to students. She can be reached at gurmeet.kaur@jagrannewmedia.com

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