अगर किसी कारण उच्च शिक्षा की ओर कदम नहीं बढ़ा पा रहे और कोई ऐसा कोर्स करना चाहते हैं, जिसके आधार पर जल्द नौकरी मिल जाए, तो आज के जमाने के हिसाब से उपलब्ध कई शॉर्ट-टर्म कोर्स उपयोगी हो सकते हैं. प्रमुख लोकप्रिय कोर्सों पर एक नजर...
आज अमूमन हर बड़ी कंपनी के आइटी डिपार्टमेंट में मल्टी-टास्किंग आइटी इंजीनियर्स की डिमांड है. कंपनियां भी आजकल ऐसा ही स्टॉफ चाहती हैं, जो हार्डवेयर नेटवर्किंग से लेकर सैन नेटवर्किंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, एथिकल हैकिंग और चिप लेवल इंजीनियरिंग जैसे सभी तकनीकी पहलुओं को जानते हों, यानी एक ही व्यक्ति डाटा स्टोरेज, डाटा शेयरिंग या फिर डाटा रिकवरी के सारे काम कर सके. आइए जानते हैं, कंप्यूटर से जुड़े कुछ शॉर्ट टर्म कोर्सेज के बारे में, जिनकी पढ़ाई करके आइटी एक्सपर्ट बन सकते हैं.
हार्डवेयर-नेटवर्किंग
नई तकनीकों की वजह से कंप्यूटर, लैपटॉप और उनकी नेटवर्किंग का महत्व आजकल काफी बढ़ गया है. ऐसे में अगर आप आइटी सेक्टर में इंजीनियर बनना चाहते हैं, तो हार्डवेयर-नेटवर्किंग एक अच्छा विकल्प है. यह शॉर्ट-टर्म कोर्स करने के बाद आप तुरंत जॉब पा सकते हैं. चाहें तो अपना काम भी शुरू कर सकते हैं. हार्डवेयर इंजीनियर बनने के लिए मुख्य रूप से दो बेसिक कोर्स करने पड़ते हैं. पहला हार्डवेयर का कोर्स है और दूसरा बेसिक नेटवर्किंग का. ये दोनों कोर्स आप 12वीं के बाद कर सकते हैं. कई सरकारी और प्राइवेट संस्थान नेटवर्किंग से जुड़े कोर्स ऑफर कर रहे हैं, जहां से आप इसे कर सकते हैं. चाहें, तो नेटवर्किंग को ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल की मदद से खुद ही पढ़ाई करके भी सीख सकते हैं.
चिप लेवल इंजीनियरिंग : यह हार्डवेयर नेटवर्किंग का ही एक एडवांस कोर्स है जिसमें युवाओं को कंप्यूटर, लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के चिप की रिपेयरिंग के बारे में जानकारी दी जाती है. इसमें कार्ड लेवल कोर्स के तहत युवाओं को मदरबोर्ड, सीडी ड्राइव या राउटर आदि के खराब होने पर उसे बदलने के बारे में बताया जाता है, जबकि चिप यानी इंटीग्रेटेड सर्किट कोर्स के अंतर्गत कंप्यूटर, लैपटॉप, टीवी, मोबाइल, रिमोट, ऑटोमोबाइल या रोबोटिक्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के चिप की मरम्मत की जानकारी दी जाती है.
चिप लेवल इंजीनियरिंग कोर्स तमाम संस्थानों में ही संचालित हो रहे हैं. सरकारी संस्थानों में कंप्यूटर साइंस के तहत इन विषयों की जानकारी दी जाती है. 12वीं के बाद किसी भी स्ट्रीम के युवा यह कोर्स कर सकते हैं. यह कोर्स 6 से 8 माह की अवधि का होता है. यह कोर्स करने के बाद युवा एचपी,आइबीएम, विप्रो जैसी कंपनियों तक में टेक्निशियन के रूप में जॉब पा सकते हैं, जहां उपकरणों की रिपेयरिंग का काम होता है. इसके अलावा, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में असेंबलिंग, चेकिंग या क्वॉलिटी कंट्रोल जैसे विंग में सुपरवाइजर या क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर के रूप में भी नौकरी तलाश सकते हैं.
एथिकल हैकिंग
चोरी-छिपे कंप्यूटर, मेल, फेसबुक, वेबसाइट या सर्वर में सेंधमारी रोकने और चोरी हुए डाटा की रिकवरी के लिए बड़ी कंपनियों में एथिकल हैंकिंग के जानकारों की मांग लगातार बढ़ रही है. ऐसे प्रोफेशनल सिक्योरिटी इंजीनियर के रूप में अपनी सेवाएं देते हैं. किसी भी स्ट्रीम के 12वीं पास युवा यह कोर्स कर सकते हैं. कोर्स 3 से 6 माह की अवधि का है.
कंप्यूटर एकाउंटेंसी
आजकल एकाउंटिंग के क्षेत्र में कंप्यूटर सबसे कारगर है. इसीलिए कंप्यूटर एकाउंटिंग का खूब इस्तेमाल होने लगा है. जीएसटी लागू होने के बाद इस क्षेत्र में आने वाले दिनों में नौकरी के और अधिक अवसर बढ़ेंगे, क्योंकि सभी कारोबारियों को अपना इनपुट-आउटपुट मेनटेन रखने के लिए एकाउंटेंट्स की आवश्यकता पड़ेगी. कंप्यूटर एकाउंटेंसी का कोर्स किसी भी स्ट्रीम के युवा 12वीं के बाद कर सकते हैं. यह 6 से 9 माह की अवधि का कोर्स है.
ग्राफिक डिजाइनिंग
आप क्रिएटिव हैं. क्रिएटिविटी की दुनिया में कुछ नया करने की चाहते हैं, तो ग्राफिक डिजाइनिंग बेहतरीन करियर साबित हो सकता है. यह ऐसा क्षेत्र है जिसमें सभी चीजों का डिजाइन तैयार किया जाता है. दरअसल, ग्राफिक डिजाइनिंग का मतलब किसी मैटर को विजुअल इंपैक्ट देना है, जिससे वह दिखने में आकर्षक लगे. ग्राफिक डिजाइनर्स के लिए वेबसाइट डिजाइनिंग, एडवरटाइजिंग एजेंसी, पब्लिकेशंस, मीडिया,कंप्यूटर गेम्स तथा प्रोडक्ट पैकिजिंग से जुड़े संस्थानों में सबसे अधिक जॉब्स के अवसर हैं. ग्राफिक डिजाइन के क्षेत्र में कई तरह के कोर्स मौजूद हैं. 12वीं के बाद आप इसमें एक साल से लेकर 3 साल तक की अवधि के कोर्स कर सकते हैं.
एनिमेशन
एनिमेटेड फिल्मों तथा विज्ञापनों का कारोबार भारत सहित पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है. देश में टीवी, फिल्मों का दायरा बढ़ने से इसमें एनिमेशन तकनीक के जानकारों के लिए नौकरी के काफी अवसर बढ़े हैं. ऐसे में यदि आपका बैकग्राउंड ड्राइंग या फाइन आर्ट का है, तो एनिमेशन इंडस्ट्री में आप बेहतर करियर बना सकते हैं. 12वीं के बाद एनिमेशन कोर्स में एंट्री ले सकते हैं. आप किसी भी अच्छे एनिमेशन ट्रेनिंग संस्थान से अपनी आवश्यकतानुसार लॉन्ग या शॉर्ट टर्म कोर्स करके इसमें अपनी प्रतिभा निखार सकते हैं.
वीडियो प्रोडक्शन
फिल्मों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और ऐड एजेंसीज का काम दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए वीडियो प्रोडक्शन और नॉन-लीनियर एडिटिंग से संबंधित कोर्स संचालित किए जा रहे हैं. इसमें छात्रों को स्क्रिप्टिंग, कैमरा हैंडलिंग, वीडियो एडिटिंग, प्री-प्रोडक्शन, प्रोडक्शन, पोस्ट प्रोडक्शन जैसी जानकारी दी जाती है. 12वीं और ग्रेजुएशन के बाद वीडियो प्रोडक्शन से जुड़े सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है.
फैशन डिजाइनिंग
फैशन डिजाइनिंग का क्षेत्र काफी विस्तृत है. यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां गार्मेंट डिजाइनिंग, फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइनिंग जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने की अपार गुंजाइश है. फैशन की दुनिया में जाने के लिए 12वीं के बाद फैशन से संबंधित किसी भी पाठ्यक्रम में एडमिशन ले सकते हैं. फैशन डिजाइनिंग से संबंधित संस्थानों में यह कोर्स 6 माह से लेकर एक वर्ष की अवधि के हैं. कुछ संस्थानों में 3 साल का डिग्री कोर्स भी संचालित हो रहा है. कोर्स पूरा करने के बाद आपको सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की गार्मेंट कंपनियों, फैशन ब्राडों, टेक्सटाइल मिलों व फैशन संस्थानों में रोजगार मिल सकता है. स्वरोजगार के तौर पर रेडीमेड गार्मेंट बुटीक खोलकर भी कमाई की जा सकती है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नेशनल वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट़्यूट फॉर वुमेन के अलावा पॉलीटेक्नीक संस्थानों में भी यह कोर्स कराया जाता है.
हेयर स्टाइलिस्ट
इन दिनों महिला-पुरुष सभी अपने हेयर स्टाइल के प्रति काफी सजग हो गए हैं. युवाओं में नए-नए हेयर कट को लेकर कुछ ज्यादा ही क्रेज है. यही वजह है कि बाजार में हेयर स्टाइलिंग की संभावनाओं को देखते हुए कुछ संस्थानों ने इससे जुड़े कोर्स भी कराने शुरू कर दिए हैं. आप 10वीं या 12वीं के बाद इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. यह कोर्स भी 3 से 6 माह की अवधि का है. इसे करने के बाद चाहें, तो अपने लिए किसी सैलून पर नौकरी तलाश सकते हैं या फिर अपने शहर-कस्बे में खुद का सैलून खोल सकते हैं.
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