यूपी बोर्ड हिंदी कक्षा 10 प्रश्न पत्र 2025 PDF & Answer Key: यहां डाउनलोड करें

UP Board Exam 2025: आज से यूपी बोर्ड की वार्षिक परीक्षा शुरू हो गयी है जो 2024-25 मैं लिए गए ज्ञान को परखा जायेगा| आज UP बोर्ड माध्यमिक कक्षा 10 हिंदी का पेपर था| जाने केसा रहा आज का एग्जाम और डाउनलोड करें कुएस्शन पेपर एंड आंसर की पीडीऍफ़.

Feb 25, 2025, 10:59 IST
  • 7
UP Board Exam 2025: यूपी बोर्ड हिंदी प्रश्न पत्र PDF & Answer Key Download.
UP Board Exam 2025: यूपी बोर्ड हिंदी प्रश्न पत्र PDF & Answer Key Download.

UP Board 10th Question Paper And Answer Key: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी 2025 से शुरू हो गई हैं। 10वीं बोर्ड की परीक्षा सुबह की पाली में 8:30 बजे से 11:45 बजे तक आयोजित की गई। पहला पेपर हिंदी का था। UP Board Hindi Question Paper 2025 PDF और Answer Key डाउनलोड करने की पूरी जानकारी दी गयी है| यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 के विद्यार्थियों के लिए यह हिंदी प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी (Answer Key) बहुत महत्वपूर्ण हैं।

यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं परीक्षा 2025: हिंदी प्रश्न पत्र क्यों महत्वपूर्ण है?

यूपी बोर्ड परीक्षा में हिंदी एक प्रमुख विषय है, जिसमें अच्छे अंक लाने से आपका कुल प्रतिशत बेहतर हो सकता है। हिंदी प्रश्न पत्र से आपको परीक्षा पैटर्न, महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर लेखन शैली को समझने में मदद मिलती है।

यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं हिंदी प्रश्न पत्र 2025 PDF

अब जबकि UP Board 10th का हिंदी एग्जाम ख़तम हो चूका तो छात्र जान सकते हैं की उनका पेपर केसा गया और उनके कितने अंक मिल सकते हैं| इसके लिए यहाँ दिए गए प्रश् पत्र की पीडीऍफ़ डाउनलोड करें और आंसर की से मैच करके अपने अंक कैलकुलेट करें. UP Board Class 10 हिंदी कुएस्शन पेपर की पीडीऍफ़ का लिंक नीचे दिया हुआ है|

डाउनलोड | यूपी बोर्ड 10th हिंदी प्रश्न पत्र 2025 PDF 2025

यूपी बोर्ड 10th हिंदी Answer Key 2025

अब जबकि आपके पास प्रश्न पत्र की पीडीऍफ़ तो आप अपने उत्तर जो अपने बोर्ड एग्जाम मई लिखे उन्हें मैच कर सकते हैं| इससे आपको पता चलेगा की आपके कितने अंक बनते हैं| यह दिए गए उत्तर भले हे आपके लिखे उत्तरो से हूबहू मैच न करें पर ये आपको समझना देंगे की क्या सही उत्तर होगा जो आपको अचे अंक दिला सकता है|

1. 'क्या भूलूं क्या याद करूं' रचना की विधा है :

उत्तर: (B) आत्मकथा

2. 'लिखि कागद कोरे' रचना के लेखक हैं :

उत्तर: (B) कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर'

3. रामचंद्र शुक्ल की रचना है :

उत्तर: (C) 'प्रबंध के पथ पर'

4. हिंदी साहित्य का प्रथम मौलिक उपन्यास माना जाता है :

उत्तर: (A) 'दिव्यावती'

5. शुक्लयुगीन लेखक :

उत्तर: (C) जयशंकर प्रसाद

6. 'मीतबचन व्याख्यान' के कवि हैं :

उत्तर: (B) घनानंद

7. रीतिकालीन कवियों ने काव्यभाषा के रूप में प्रतिष्ठित किया :

उत्तर: (B) ब्रजभाषा को

8. छायावादी युग के कवि हैं :

उत्तर: (A) अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'

9. 'कुरुक्षेत्र' के रचयिता हैं :

उत्तर: (D) धर्मवीर भारती

10. 'नई कविता युग' के कवि हैं :

उत्तर: (C) शिवमंगल सिंह 'सुमन'

11. हास्य रस का स्थायीभाव है :
उत्तर: (C) रति

12. 'जहां उपमेय में उपमान की समानता व्यक्त की जाती है' वहां होता है :

उत्तर: (A) रूपक अलंकार

13. 'सोरठा' छंद के द्वितीय चरण में कितनी मात्राएं होती हैं ?

उत्तर: (B) 8

14. 'उत्तर' शब्द में प्रप्रत्यय उपसर्ग है :

उत्तर: (C) उप

15. 'निभृत' में समास है :

उत्तर: (B) द्विगु

16. 'अर्थ' का तद्भव शब्द है :

उत्तर: (A) ओथ

17. 'पुखराज' शब्द के समांगी पर्यायवाची का रूप है :

उत्तर: (A) तब

18. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद हैं :

उत्तर: (C) छह

19. 'छात्र विद्यालय में खेलते हैं' कर्तृवाच्य वाक्य का कर्मवाच्य वाक्य होगा :

उत्तर: (B) 'छात्रों द्वारा विद्यालय में खेला जाता है।'

20. वे अविकारी शब्द जिनमें पुरुष, लिंग, वचन, कारक आदि के कारण परिवर्तन नहीं होता, उन्हें कहा जाता है :

उत्तर: (C) अव्यय पद

खंड - "ब" (वर्णनात्मक प्रश्न)

1. निम्नलिखित गद्यांशों पर आधारित दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

(i) अनुच्छेद गद्यांश का संदर्भ लिखिए।
(ii) हमारे देश का प्राण क्या है?
(iii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

गद्यांश:
"संस्कृति अथवा सामूहिक चेतना ही हमारे देश का प्राण है। इसी नैतिक चेतना के सूत्र से हमारे नगर और ग्राम, हमारे प्रदेश और सम्प्रदाय, हमारे विभिन्न धर्मों और जातियों आपस में बंधे हैं। जहां इनमें और अन्य तरह की विभिन्नताएं, वहां अब सब में एकता है।"

गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर:

(i) संदर्भ: प्रस्तुत गद्यांश में भारतीय संस्कृति और उसकी एकता की भावना पर प्रकाश डाला गया है।
(ii) हमारे देश का प्राण: हमारे देश का प्राण संस्कृति अथवा सामूहिक चेतना है।
(iii) व्याख्या: नैतिक चेतना के सूत्र से हमारे नगर, ग्राम, प्रदेश, धर्म और जातियां आपस में बंधे हैं। इसी कारण विविधता के बावजूद हमारे देश में एकता बनी रहती है।


2. निम्नलिखित पद्यांशों पर आधारित दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

(i) उपर्युक्त पद्यांश का संदर्भ लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) श्रीकृष्ण को कौन और क्यों नहीं भूलता है?

पद्यांश:
"उधो मोहिं ब्रज बिसरत नाहीं।
बृन्दावन गोपिन बृज ऊबर समय कुंज की छाँही॥
प्रात समय माता जसुमति अन्ह, नंद देखि मुख पावत।
माखन रोटी दधि दधुआ, अरु हित साख खवावत॥
गोपी नन्द लाल देखी लला, हंसत हंसत सिखावत।
सुधासर हंस धनि ब्रजधाम, जिनसैं हंस जनावत॥"

पद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर:

(i) संदर्भ: यह पद्यांश ब्रजवासियों की श्रीकृष्ण के प्रति गहरी भावना को दर्शाता है।
(ii) व्याख्या: ब्रज की गोपियां श्रीकृष्ण के बचपन की स्मृतियों को भुला नहीं पातीं। उनके दैनंदिन जीवन में श्रीकृष्ण की यादें गहराई से समाई हुई हैं।
(iii) श्रीकृष्ण को कौन और क्यों नहीं भूलता है?: ब्रजवासी श्रीकृष्ण को नहीं भूलते, क्योंकि उनके साथ बिताए गए बचपन के क्षण अमिट स्मृतियां बन चुके हैं।


3. निम्नलिखित संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का संदर्भ-सहित हिंदी में अनुवाद कीजिए:

(i) गद्यांश 1:
"दुर्नीवेरक काष्ठानि सिज्जति। तद्विधि कर्म। इति अस्या। उदघोषः। पूर्वं कर्म तत्करणम्। अस्माकं मुख्य कर्त्तव्यम्।"

(ii) गद्यांश 2:
"नागरिकः बहुकालं यावत् अनिच्छतः, परं प्रहेलिकायाः। उत्तरं दातुं स्पृहः न अभवत्, अतः ग्रामिणम् अब्रवीत्, अहम् अस्याः प्रहेलिकायाः उत्तरं न जानामि। इदं श्रुत्वा ग्रामिणः अकथयत्, यदि भवन उत्तरं न जानाति, तर्हि ददातु दशसहस्रकाणि।"

संस्कृत गद्यांश का हिंदी अनुवाद:

(i) गद्यांश 1:
"दुर्नीवेरक काष्ठानि सिज्जति। तद्विधि कर्म। इति अस्या। उदघोषः। पूर्वं कर्म तत्करणम्। अस्माकं मुख्य कर्त्तव्यम्।"
अनुवाद: "दुर्व्यवहार में प्रयुक्त लकड़ियाँ जल जाती हैं। यह हमारे कर्म का परिणाम होता है। अतः पहले कर्म करना ही हमारा मुख्य कर्तव्य है।"

(ii) गद्यांश 2:
"नागरिकः बहुकालं यावत् अनिच्छतः, परं प्रहेलिकायाः। उत्तरं दातुं स्पृहः न अभवत्, अतः ग्रामिणम् अब्रवीत्, अहम् अस्याः प्रहेलिकायाः उत्तरं न जानामि। इदं श्रुत्वा ग्रामिणः अकथयत्, यदि भवन उत्तरं न जानाति, तर्हि ददातु दशसहस्रकाणि।"
अनुवाद: "नागरिक बहुत समय से इस पहेली का उत्तर देने में असमर्थ था। अतः उसने एक ग्रामीण से कहा कि मैं इस पहेली का उत्तर नहीं जानता। यह सुनकर ग्रामीण ने कहा, यदि आप उत्तर नहीं जानते, तो दस हजार मुद्राएं प्रदान करें।"


4. निम्नलिखित श्लोकों में से किसी एक श्लोक का संदर्भ-सहित हिंदी में अनुवाद कीजिए:

(i) श्लोक 1:
"हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम्।
तस्मादुत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चयः॥"

(ii) श्लोक 2:
"माता गुरुतरा भूमेः ख्यात्पिता उच्चतरस्तथा।
मनः शीघ्रतरं वातात्तस्मात् बहुगति गुणाः॥"

श्लोक का हिंदी अनुवाद:

(i) श्लोक 1:
"हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम्।
तस्मादुत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चयः॥"

अनुवाद: "यदि तुम युद्ध में मारे गए, तो स्वर्ग प्राप्त करोगे, और यदि तुम विजय प्राप्त करोगे, तो पृथ्वी का राज्य भोगोगे। इसलिए, हे कौन्तेय (अर्जुन), युद्ध के लिए तैयार हो जाओ।"

(ii) श्लोक 2:
"माता गुरुतरा भूमेः ख्यात्पिता उच्चतरस्तथा।
मनः शीघ्रतरं वातात्तस्मात् बहुगति गुणाः॥"

अनुवाद: "माता भूमि से भी भारी होती है, पिता उससे भी ऊँचे स्थान पर होते हैं, और मन वायु से भी अधिक तीव्रगामी होता है। इसीलिए इनके गुण अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं।"

बाकि उत्तर यहां अपडेट किए जाएंगे|.....

अद्धिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक्स को चेक करें|

यह भी देखें|

Atul Rawal
Atul Rawal

Executive

Meet Atul, he is a Master of Science in the field of biotechnology. He has a counting experience in the field of Ed-tech and is proficient in content writing. Atul is a creative person and likes to color his ideas on canvas. He is a graduate of the University of Delhi in Biochemistry. Constant learning is one of his traits and he is devoted to the school section of Jagran Josh. His belief is to help students in all possible ways. He can be reached at atul.rawal@jagrannewmedia.com

... Read More

आप जागरण जोश पर सरकारी नौकरी, रिजल्ट, स्कूल, सीबीएसई और अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड के सभी लेटेस्ट जानकारियों के लिए ऐप डाउनलोड करें।

Trending

Latest Education News