यहाँ हम आपको UP Board कक्षा 10 विज्ञान के 18th जीवन की प्रक्रियाएँ (activities of life or processes) के 2nd पार्ट का स्टडी नोट्स उपलब्ध कर रहें हैं| हम इस चैप्टर नोट्स में जिन टॉपिक्स को कवर कर रहें हैं उसे काफी सरल तरीके से समझाने की कोशिश की गई है और जहाँ भी उदाहरण की आवश्यकता है वहाँ उदहारण के साथ टॉपिक को परिभाषित किया गया है| इस लेख में हम जिन टॉपिक को कवर कर रहे हैं वह यहाँ अंकित हैं:
1. पोषण
1. पाचन
2. यान्त्रिक पाचन
3. रासायनिक पाचन
4. पाचक रस
5. अग्न्याशयिक रस
6. प्रोटीन पाचक एन्जाइम
7. ट्रिप्सिन
8. काइमोट्रिप्सिन
9. कार्बोहाइड्रेट पाचक एन्जाइम
10. वसा पाचक एन्जाइम
11. न्यूक्लिएजेज
12. विटामिन
13. मनुष्य की प्रमुख पाचन ग्रन्थियाँ
पाचन (Digestion) - जटिल अघुलनशील कार्बनिक भोज्य पदार्थों को सरल घुलनशील इकाइयों में बदलने की क्रिया पाचन (digestion) कहलाती है। पाचन के फलस्वरूपशरीर की कोशिकाएँ भोज्य पदार्थों का प्रयोग कर पाती हैं।
भोजन का पाचन दो प्रकार से होता है - 1. याचिक पाचन 2. रासायनिक पाचन|
1. यान्त्रिक पाचन - भोजन को चबाना, आमाशय में भोजन की लुगदी बनना, आहार नाल में क्रमाकुंचन गति के कारण भोजन का आगे खिसकना आदि।
2. रासायनिक पाचन - पाचक एन्जाइप्स जटिल अघुलनशील भोज्य पदार्थों को सरल घुलंनशील इकाइयों में तोड़ देते है।
पाचक रस (Digestive juice) - भोज़न के पाचन में लार, जठर रस, पित्त रस, अग्न्याशयिक रस तथा आंत्रीय रस भाग लेते हैं।
अग्न्याशयिक रस (pancreatic juice) की पाचन में भूमिका :
यह पूर्ण पाचक रस होता है। यह ग्रहणी में पहुँचकर भोजन का पाचन करता है। क्षारीय अग्न्याशयी रस में 96% जल तथा पाचक एन्जाइम व लवण होते हैं।
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : जीवन की प्रक्रियाएँ, पार्ट-I
1. प्रोटीन पाचक एन्जाइम (Proteolytic enzymes) -
(i) ट्रिप्सिन (Trypsin) - इसका स्त्रावण निक्रिय ट्रिप्सिनोजन (trypsinogen) के रूप में होता है। यह आंत्रीय एंटेरोरोकाइनेज की उपस्थिति में सक्रिय ट्रिप्सिन में बदल जाता है।
3. वसा पाचक एन्जाइम (Lipolytic enzymes) - अग्नयाशयी रस में अग्न्याशयी लाइपेज या स्टीएप्सिन (Pncreatic lipase or steapsin) एन्जाइम होता है। यह एन्जाइम इमल्सीकृत वसा का पाचन करता हैं।
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विटामिन (Vitamins) - विटामिन शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग फूंक ने किया। विटामिन लैटिन भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है| - vita - life (जीवन); amine – essential (आवश्यक), जिसका अर्थ है, "जीवन के लिए आवश्यक पदार्थ|
विटामिन्स जटिल कार्बनिक पदार्थ हैं| ये शरीर की उपापचयिक क्रियाओं के लिए आवश्यक होते हैं| इन्हें बृद्धिकारक (growth factors) भी कहते है| इनकी कमी से अपूर्णता रोग (deficiency diseases) हो जाते हैं|
(A) जल में घुलनशील विटामिन; जैसे - विटामिन "बी', "सी'।
(B) वसा में घुलनशील विटामिन; जैसे - विटामिन 'ए', 'डी' "ईं', 'के' आदि।
मनुष्य की प्रमुख पाचन ग्रन्थियाँ (Main Digestive glands of Human) :
1 यकृत (Liver)
2 अग्न्याशय (Pancreas)
3 लार ग्रन्थियाँ (Salivary glands)
4 आमाशय (Stomach)
5 क्षुद्रान्त्र (Ileum)
1. यकृत (Liver) - इससे स्त्रावित पित्त रस (bile juice) वसा का इमल्सीकरण करके इसके पाचन को सुगम बनाता है।
2. अग्न्याशय (Pancreas) - इससे पूर्ण पाचक रस स्त्रावित होता है। इसमें पस्थित एमाइलेज़, एन्जाइम काबोंहाइड्रेटूस का ट्रिप्सिन एवं काइमोट्रिप्सिन प्रोटीन्स का; लाइपेज वसा का; न्यूविलएजेज एन्जाइम न्यूक्लिक अम्लों का पाचन करते हैं।
3. लार ग्रन्थियाँ (Salivary glands) - इसमेँ उपस्थित टायलिन एन्जाइम मण्ड के आंशिक पाचन में सहायक होता है।
4. आमाशय (Stomach) - इससे जठर रस स्त्रावित होता है। जठर रस में प्रोटीन पाचक एन्जाइम पेप्सिन; वसा पाचक लाइपेस तथा दूध की केसीन प्रोटीन के पाचन में सहायक रेनिन एन्जाइम होते है।
5. क्षुद्रान्त्र (ileum) - इससे आंत्रिय रस स्त्रावित होता है। इसमें मध्यक्रम की प्रोटीन्स का पाचन करने वाले इरेप्सिन एन्जाइमं; डाइसैकेराइड्स का पाचन करने वाले माल्टेज, सुक्रेज, लैक्टेज एन्जाइम्स, वसा पाचक लाइपेज तथा न्यूक्लियोटाइडस पाचक न्यूक्लियोटाइडेजेज एवं न्यूक्लियोसाइडेजेज एन्जाइम्स होते हैं।
जन्तुओं में भोजन चाहे कुछ भी हो (मासाहारी अथवा शाकाहारी); पोषण की सापान्यत: अग्रलिखित पाँच अवस्थाएँ अथवा चरण होते है-
(1) अन्तग्रहण
(2) पाचन,
(3) अवशोषण
(4) स्वांगीकरण
(5) मल विसर्जन या बहि: क्षेपण
पोषण की उपर्युक्त अवस्थाएँ विभिन्न श्रेणी के जन्तुओं में भिन्न-भिन्न प्रकार से चलती रहती है|
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : मानव शरीर की संरचना, पार्ट-VI
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : मानव शरीर की संरचना, पार्ट-VII
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