UP Board Class 9th Mathematics Syllabus 2019-2020

Here you will get UP Board class 9th complete Mathematics syllabus for the academic session 2019-2020. This syllabus is completely based on NCERT book.

Mathematics Syllabus
Mathematics Syllabus

UP Board class 9th syllabus of Maths subject gives all the details of course curriculum which is quite essential for smooth learning and preparations of annual exams. Syllabus can be considered as an instructive tool which describes the course goals and suggest suitable activities which are required for students to learn the material.

We are providing here the latest UP Board syllabus for class 9 Maths. This syllabus has been designed completely in sync with the NCERT content which was made mandatory for UP Board students from last year. Board has made many changes in the syllabus of this year. So, every student must know the latest syllabus to start with effective and well planned study.

The latest UP Board Class 9th Maths syllabus is as follows:

कक्षा – 9

गणित

समय – 3 घंटा

इसमें 70 अंक की लिखित परीक्षा एवं 30 अंक का प्रोजेक्ट कार्य होगा|

Career Counseling

इकाई

इकाई का नाम

अंक

1. संख्या पद्दति

 

 

07

2. बीजगणित

 

 

20

3. निर्देशांक ज्यामित

 

 

05

4. ज्यामिति

 

20

5. मेंसुरेशन

 

 

10

6. सांखियकी तथा प्रायिकता

 

08

 

योग

70

इकाई-1: संख्या पद्धति

1. वास्तविक संख्याएँ प्राकृतिक संख्याएँ, पूर्णांकों, परिमेय संख्याओं का संख्या रेखा पर निरूपण की समीक्षा। क्रमिक वृद्धि द्वारा सांत / असांत आवर्ती दशमलव का संख्या रेखा पर निरूपण। आवर्ती / सांत दशमलव के रूप में परिमेय संख्याएँ । वास्तविक संख्याओं पर संक्रियाएँ ।

2. अनावर्ती / असांत दशमलव के उदाहरण। अपरिमेय संख्याओ जैसे का अस्तित्व  का अस्तित्व और उनका संख्या रेखा पर निरूपण। प्रत्येक वास्तविक संख्या का संख्या रेखा पर एक विशिष्ट बिन्दु के रूप में निरूपण की व्याख्या करना और विपरीत भी सिद्ध करना उदाहरण संख्या रेखा के प्रत्येक बिन्दु का एक विशिष्ट वास्तविक संख्या में निरूपण।

3. वास्तविक संख्या के nth root की परिभाषा।

4. दिये गये वास्तविक संख्या X के लिए  का अस्तित्व और ज्यामितीय व्याख्या के साथ इसका संख्या रेखा पर निरूपण।

5.  तथा  तरह के वास्तविक संख्याओं का परिमेयीकरण (संक्षिप्त अर्थों में) जहाँ x और y प्राकृतिक संख्याएँ हैं और a और b पूर्णांक है।

6. पूर्ण घात वाले घातांकों के नियम का पुनः स्मरण (पुनरावलोकन) करना। धन वास्तविक आधार वाले परिमेय घातांक (विशेष स्थितियों में ही, सामान्य नियमों की जानकारी रखना)

इकाई - 2 : बीजगणित

1. बहुपद - एक चर वाले बहुपदों की परिभाषा उदाहरण तथा प्रतिउदाहरण के साथ। बहुपद के गुणांक, बहुपद | के पद और शून्य बहुपद। एकपदीय, द्विपदीय तथा त्रिपदीय। गुणनखण्ड और गुणक। बहुपद के गुणक। शेषफल प्रमेय | का कथन उदाहरण सहित। गुणखण्डन प्रमेय का कथन और सत्यापन।  का गुणनखण्ड जहाँ a, b | और c वास्तविक संख्याएँ हैं और गुणनखण्ड प्रमेय द्वारा त्रिघात बहुपद का गुणनखण्ड।

बीजगणितीय व्यंजक और सर्वसमिकाओं का पुनः स्मरण। सर्वसमिकाओं का सत्यापन और बहुपद के गुणनखण्ड में इनका उपयोग।

2. दो चर राशियों में रैखिक समीकरण

एक चर राशि में रैखिक समीकरण, दो चरों में रैखिक समीकरण की जानकारी। ax + by + c = 0 प्रकार के रैखिक समीकरण पर विशेष ध्यान। सिद्ध करना कि दो चर वाले रैखिक समीकरण के अनन्ततः अनेक हल होते हैं और उनके वास्तविक संख्याओं के क्रमिक युग्म में लिखे जाने की परख करना, उनका निरूपण तथा रेखा पर उनका अंकन। दो चर राशियों में रैखिक समीकरण का ग्राफ खींचना। वास्तविक जीवन से संबंधित उदाहरण तथा समस्या प्रश्न । अनुपात तथा समानुपात से संबंधित प्रश्न तथा इनका बीजगणितीय तथा ग्राफीकल हल।

इकाई-3 : निर्देशांक ज्यामिति -

कार्तीय तल, किसी बिन्दु के निर्देशांक, कार्तीय तल से सम्बन्धित नाम तथा पारिभाषिक शब्द (ज्मतउ), संकेतन, तल पर बिन्दुओं को दर्शाना।

इकाई4:

(1) यूक्लिड की ज्यामिति का परिचय -

भारत में ज्यामिति तथा यूक्लिड की ज्यामिति । इतिहास, यूक्लिड की परिभाषाएँ, अभिग्रहीत और अभिधारणाएँ।। यूक्लिड के पाँच अभिधारणाएँ। पाँचवीं अभिधारणा का समान संस्करण। अभिधारणा और प्रमेय के बीच सम्बन्ध, उदाहरण

(अभिधारणा) 1. दिए हुए दो भिन्न बिन्दुओं से होकर एक अद्वितीय रेखा खींची जा सकती है।

(प्रमेय) 2. (सिद्ध करना) दो भिन्न रेखाओं में एक से अधिक बिन्दु उभयनिष्ट नहीं हो सकते।

2  रेखा और कोण

(1) यदि एक किरण एक रेखा पर खड़ी हो, तो इस प्रकार बने दोनों आसन्न कोणों का योग 180° होता ।

है और विपरीत भी सत्य हो।

(2) यदि दो रेखाएँ परस्पर प्रतिच्छेद करती हैं, तो शीर्षाभिमुख कोण बराबर होते हैं। (सिद्ध करना है)

(3) जब दो समान्तर रेखाओं को एक तिर्यक रेखा काटती है तो संगत कोणों, एकान्तर कोणों तथा । आन्तरिक कोणों पर आधारित परिणाम सिद्ध करना।

(4) वे रेखाएँ जो एक ही रेखा के समान्तर हों, परस्पर समान्तर होती हैं।

(5) एक त्रिभुज के तीनों अन्तःकोणों का योग 180° होता है।

(6) यदि एक त्रिभुज की एक भुजा बढ़ाई जाए, तो इस प्रकार बना बहिष्कोण दोनों अंतःअभिमुख (विपरीत) कोणों के योग के बराबर होता है।

3.   त्रिभुज

(1) दो त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं यदि एक त्रिभुज की दो भुजाएँ और उनके बीच का कोण, दूसरे त्रिभुज ।

की दो भुजाएँ और उनके बीच के कोण के बराबर हों। (SAS सर्वांगसमता)

(2) दो त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं, यदि एक त्रिभुज के दो कोण और उनकी अन्तर्गत भुजा दूसरे त्रिभुज के । दो कोणों और उनकी अन्तर्गत भुजा के बराबर हों। ( ASA सर्वांगसमता )।

(3) यदि एक त्रिभुज की तीनों भुजाएँ एक अन्य त्रिभुज की तीनों भुजाओं के बराबर हों, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं। (SSS सर्वांगसमता )

(4) यदि दो समकोण त्रिभुजों में, एक त्रिभुज का कर्ण और एक भुजा क्रमश: दूसरे त्रिभुज के कर्ण और । एक भुजा के बराबर हों, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं। (RHS सर्वांगसमता )

(5) किसी त्रिभुज की बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।

(6) किसी त्रिभुज में समान कोणों के सामने की भुजाएँ बराबर होती हैं।

(7) त्रिभुजों में असमता तथा त्रिभुज की भुजाओं और कोण के बीच असमता सम्बन्ध का अध्ययन।

4.  चतुर्भुज

(1) किसी समान्तर चतुर्भुज का एक विकर्ण उसे दो सर्वांगसम त्रिभुजों में विभाजित करता है।

(2) एक समान्तर चतुर्भुज में सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं और विपरीत भी सत्य है।

(3) एक समान्तर चतुर्भुज में सम्मुख कोण बराबर होते हैं और विपरीत भी सत्य है।

(4) यदि एक चतुर्भुज की सम्मुख भुजाओं का प्रत्येक युग्म समान्तर हो, तो वह एक समान्तर चतुर्भुज । होता है।

(5) समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को (परस्पर) समद्विभाजित करते हैं और विपरीत भी सत्य है।

(6) एक त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं के मध्य बिन्दुओं को मिलाने वाला रेखाखण्ड तीसरी भुजा के समान्तर होता है तथा विपरीत भी सत्य है।

5. क्षेत्रफ़ल –

क्षेत्रफ़ल की अवधारणा तथा आयत के क्षेत्रफ़ल का पुन: स्मरण

(1) एक ही आधार और एक ही समांतर रेखाओं के बीच स्थित समान्तर चतुर्भुज क्षेत्रफ़ल में बराबर होते हैं|

(2) एक ही आधार (या बराबर आधार) और एक ही समान्तर रेखाओं के बीच स्थित त्रिभुज  का क्षेत्रफ़ल बराबर होता है|

UP Board Class 9th Social Science Syllabus 2018-19

6. वृत-

वृत्त की परिभाषा निम्न अच्धारणा उदाहरण सहित-त्रिज्या, परिधि, व्यास, जीवा, चाप, वृत्तखण्ड, त्रिज्यखंड, अंतरित कोण|

(1) वृत्त की बराबर जीवाएँ केन्द्र पर बराबर कोण अंतरित करती है तथा विपरीत भी सत्य है|

(2) एक व्रत के केंद्र से एक जीवा पर डाला गया लम्ब जीवा को समद्विभाजित करता है| वृत्त के केंद्र से जीवा को समद्विभाजित करने के लिए खिचीं गयी रेखा जीवा पर लम्ब होती है|

(3) तीन असंरेख बिन्दुओं से एक और केवल एक वृत्त खीचा जा सकता है|

(4) एक वृत्त की ( या सर्वागसम वृतों की) बराबर जिवाएं केंद्र से ( केन्द्रों से) समान दुरी पर होती है| विपरीत भी सत्य है|

(5) एक चाप द्वारा केंद्र पर अनरित कोण वृत्त के शेष भाग के किसी बिंदु पर अंतरित कोण का दुगुना होता है|

(6) एक ही वृत्तखण्ड के कोण बराबर होते हैं|

(7) यदि दो बिन्दुओं को मिलाने वाला रेखाखण्ड, उसको अंतविर्ष्ट करने वाली रेखा के एक ही ओर स्थित दो अन्य बिन्दुओं पर समान कोण अंतरित करें, तो चारों बिंदु एक वृत्त पर स्थित होते हैं| (अर्थात वे चक्रीय होते हैं)

(8) चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों के प्रत्येक युग्म का योग 180o होता है| विपरीत भी सत्य है|

रचनाएँ –

(1) रेखाखण्ड के लम्ब समद्विभाजक कोण 600, 900, 450 इत्यादि के समद्विभाजक तथा समबाहु त्रिभुज की रचना करना|

(2) दिये हुए आधार, एक आधार कोण तथा अन्य दो भुजाओं के योग / अन्तर से त्रिभुज की रचना करना|

(3) एक त्रिभुज की रचना कीजिए जिसका परिमाप तथा दोनों आधार कोण दिये हों|

इकाई – 5 : मेंसुरेशन

1. क्षेत्रफल – हीरोन के सूत्र का प्रयोग करके त्रिभुज का क्षेत्रफल निकालना (बिना सिद्ध किए) और इसका अनुप्रयोग चतुर्भुज का क्षेत्रफल निकालने के के लिए|

2. पृष्ठीय क्षेत्रफल तथा आयतन- घन, घनाभ, गोला (अर्द्धगोला सहित) और लम्ब वृत्तिय बेलन/ शंकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल तथा आयतन|

इकाई – 6 : सांखियकी तथा प्रायिकता

1. सांखियकी – सांखियकी का परिचय, आकड़ों का संग्रह, आकड़ों का प्रस्तुतिकरण – सारणीकृत, अवार्गिकृत/ वर्गीकृत, बारम्बारता ग्राफ, बारम्बारता बहुभुज, माध्य, माध्यिका तथा अवर्गीकृत आंकड़ो का बहुलक|

2. प्रायिकता – इतिहास, प्रायिकता के परिपेक्ष्य में परिक्षण का दुहराव तथा प्रेक्षित बारम्बारता| आनुभविक प्रायिकता पर ध्यान केन्द्रित करना| (संकल्पना को प्रेरित करने के लिए समूह तथा व्यक्तिगत क्रिया-कलापों पर ज्यादा समय का समपर्ण| परीक्षणों को वास्तविक जीवन से सम्बन्धित तथा साख्यिकी के अंतर्गत दिए गए अध्याय के उदाहरणों से लिया जाए)

प्रोजेक्ट कार्य

कक्षा – 9

नोट – निम्नलिखित में से कोई तीन प्रोजेक्ट प्रत्येक छात्र से तैयार करायें| अध्यापक विषय से सम्बन्धित अन्य प्रोजेक्ट  अपने स्तर से भी दे सकते हैं|

(1) विभिन्न ज्यामितीय आकृतियों की वास्तुकला एवं निर्माण में भूमिका का अध्ययन करना|

(2) मध्यकाल के किसी एक भारतीय गणितज्ञ ( आर्यभट्ट, श्रीधराचार्य, महावीराचार्य आदि) के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालना|

(3) Ω (पाई) की खोज|

(4) अपने घर के आय – व्यय का बजट बनाना|

(5) बीजगणितय सर्वसमिकाओं जैसे  का क्रियात्मक निरूपण करना|

(6) बैंक में खोले जाने वाले विभिन्न प्रकार के खातों एवं उनकी ब्याज दरों का अध्ययन करना|

(7) समतल या गत्ता काटकर विभिन्न ठोस आकृतियाँ बनाना एवं उनकी विशेषतायें लिखना|

(8) परिमेय संख्याओं का संख्या रेखा पर निरूपण|

(9) अपनी कक्षा के छात्रों की ऊँचाई और भार का सर्वे कीजिए तथा भार और ऊँचाई में सम्बन्ध बताइए|

(10) समाचार पत्र के माध्यम से किन्ही तीन गल्ला मण्डियों के अनाज भाव का तुलनात्मक अध्ययन करना|

UP Board Class 9th Science Syllabus 2018-19

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