मल्टीनेशनल कंपनियों में मिलने वाली आकर्षक सैलॅरी व पर्क्स के बावजूद युवाओं में सिविल सर्विसेज का क्रेज बरकरार है। आज भी एक आम छात्र का सपना यही होता है कि वह आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसे कैडर का अधिकारी बन कर प्रशासनिक जिम्मेदारी संभाले। इस लक्ष्य को हासिल करने के इरादे से एक बार फिर छात्र सिविल सेवा परीक्षा-2009 की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं। प्रारंभिक परीक्षा में अगर आपने वैकल्पिक विषय के रूप में लोक प्रशासन विषय का चुनाव किया है, तो हमारे एक्सपर्ट की राय आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। आइए, लोक प्रशासन की तैयारी के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में करें पडताल..
कितना पॉपुलर है लोक प्रशासन
प्रारंभिक परीक्षा में वैकल्पिक विषयों के रूप में लोक प्रशासन तीसरा सबसे लोकप्रिय विषय माना जाता है। दरअसल, छात्रों में लोक प्रशासन सब्जेक्ट की लोकप्रियता इस कारण भी है, क्योंकि इसका सिलेबस अन्य विषयों की अपेक्षा काफी छोटा है और इस विषय को समझना भी काफी आसान है। लोक प्रशासन विषय की खासियत यह है कि किसी भी शैक्षणिक बैकग्राउंड के छात्र इसकी तैयारी आसानी से कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण अध्याय
सिलेबस के अनुसार, लोक प्रशासन में छात्रों को 12 अध्याय की पढाई करनी पडती है। इसमें चार अध्याय काफी महत्वपूर्ण हैं- इंट्रोडक्शन, बेसिक कॉन्सेप्ट ऐंड प्रिंसिपल्स, थ्योरी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, एडमिनिस्ट्रेटिव सिस्टम और यूनियन गवर्नमेंट ऐंड एडमिनिस्ट्रेशन इन इंडिया। इन अध्यायों पर छात्रों को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए।
तैयारी की स्ट्रेटेजी
सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता के लिए तैयारी की स्ट्रेटेजी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लोक प्रशासन की तैयारी के लिए सबसे पहले बेसिक बुक्स पढना जरूरी है। साथ ही, माइक्रो-नोट्स भी बनाने होंगे, क्योंकि इससे रिवाइज करने में आसानी होती है। जाहिर है, किसी भी अध्याय को एक बार पढने से आप सफल नहीं हो सकते हैं। माइक्रो-नोट्स को अपडेट्स करना भी जरूरी है। समसामयिक प्रश्नों के लिए अखबार, पत्रिका और जर्नल्स को देखते रहना चाहिए। लोक प्रशासन में सिद्धांत से संबंधित प्रश्नों के लिए गहन अध्ययन बेहद जरूरी है।
बदलाव से रहें अवगत
हाल के वर्षो में इनडायरेक्ट प्रश्नों की संख्या में बढोत्तरी हुई है। यानी प्रश्नों को उलझाकर या विश्लेषणात्मक टाइप के प्रश्न पूछे जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, प्रश्न में कई तरह के स्टेटमेंट दिए जाते हैं। इन प्रश्नों के उत्तर के लिए विकल्प निम्न होते हैं- 1 और 2 सही है, 2 और 3 सही है आदि।
टाइम मैनेजमेंट है जरूरी
परीक्षा के दौरान पहले राउंड में ऐसे प्रश्नों को ही हल करें, जिनके प्रति आप पूरी तरह आश्वस्त हैं। दूसरे राउंड में शंका वाले प्रश्नों को ध्यान से पढें और उसे हल करें। और अंत में वैसे प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें, जिनके प्रति आप पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं।
ख्ास प्रश्नों पर दें विशेष ध्यान
यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में वैकल्पिक विषय से 120 प्रश्न पूछे जाते हैं। 80-85 प्रश्न सिलेक्शन के लिए कट-ऑफ माना जाता है। खास बात यह है कि लोक प्रशासन के 120 प्रश्नों में करीब 10 से 15 प्रश्न ऐसे होते हैं, जो सामान्य से अलग और अपेक्षाकृत कठिन होते हैं। दरअसल, ये प्रश्न ही सिलेक्शन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। ऐसे प्रश्न सामान्यत: समसामयिक, जैसे- संविधान में हुए संशोधन, कमिटियां बनने और इनकी सिफारिशें आदि से होते हैं।
कोचिंग संस्थानों की भूमिका
सिविल सेवा की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों पर पूरी तरह निर्भर होना परीक्षार्थियों के लिए खतरनाक हो सकता है। हालांकि इन संस्थानों से काफी फायदे भी होते हैं, जैसे- तैयारी की अवधि कम हो जाती है, सही दिशा में मार्गदर्शन मिलता है, संस्थानों द्वारा लिए जाने वाले टेस्ट छात्रों के आत्मविश्वास को बढाता है आदि।
चुनिंदा पुस्तकें :
शर्मा व सदाना
अवस्थी व महेश्वरी
अरोरा व गोयल
अवस्थी व अवस्थी
प्रशासन चिंतक - प्रसाद व प्रसाद
भारतीय संविधान- डी.डी. बसु
लोक प्रशासन- एम. लक्ष्मीकांत
की फैक्टर
कभी भी सभी यानी 120 प्रश्नों के उत्तर देने की कोशिश न करें।
पढाई में निरंतरता जरूरी है।
लोक प्रशासन सब्जेक्ट लेने वालों में 95 प्रतिशत छात्र ऐसे भी होते हैं, जो अलग-अलग शैक्षणिक बैकग्राउंड से होते हैं।
प्रस्तुति : अमरेन्द्र कुमार
(चाणक्य आईएएस एकेडमी में लोक प्रशासन के अध्यापक डॉ. प्रशांत नारनवरे से बातचीत पर आधारित)
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