केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 जनवरी 2019 को घरेलू कामगारों की भर्ती में सहयोग के लिए भारत और कुवैत के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने को मंजूरी दे दी है. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.
मंत्रिमंडल की बैठक में घरेलू कामगारों की भर्ती में सहयोग के लिये भारत और कुवैत के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.
यह समझौता ज्ञापन घरेलू कामगारों से संबंधित मामलों में सहयोग के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान करता है. कुवैत में नियोजित महिला कामगारों सहित सभी भारतीय घरेलू कामगारों के लिए मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है.
समझौता ज्ञापन की अवधि:
प्रारंभ में यह समझौता ज्ञापन पांच वर्षों की अवधि के लिए वैध है और इसमें स्वतः नवीकरण का प्रावधान निहित है.
समिति का गठन:
इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत, इस समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन पर अनुवर्ती कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा.
प्रमुख प्रभाव:
यह समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच घरेलू कामगारों से संबंधित मामलों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगा. कुवैत में लगभग 3,00,000 भारतीय घरेलू कामगार नियोजित हैं. उनमेंसे लगभग 90,000 महिला घरेलू कामगार हैं.
भारत और कुवैत के संबंध:
भारत और कुवैत में परंपरागत मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं जो इनकें साझा इतिहास में निहित हैं और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं. भौगोलिक निकटता, ऐतिहासिक व्यापारिक संबंध, सांस्कृतिक समानताएं और भारतीय प्रवासियों की एक बड़ी संख्या की उपस्थिति निरंतर जारी हैं और लंबे समय से चली आ रही रिश्ते को पोषित कर रही है.
भारत कुवैत का एक प्राकृतिक व्यापारिक भागीदार और उच्च शिक्षा के लिए एक गंतव्य है. वर्ष 1961 तक, भारतीय रुपया कुवैत में कानूनी निविदा था.
कुवैत को भारत से निर्यात प्रमुख मद एक विस्तृत श्रृंखला को सम्मिलित करता हैं जिसमें खाद्य पदार्थ, अनाज, कपड़ा, वस्त्र, बिजली और इंजीनियरिंग उपकरण, कार, ट्रक, बस, टायर, रसायन, आभूषण, हस्तशिल्प, धातु उत्पाद, लोहा व स्टील आदि मद सम्मिलित हैं.
दूसरी तरफ वहीं कुवैत, सऊदी अरब और इराक के बाद भारत को कच्चे तेल का एक विश्वसनीय और तीसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता रहा है.
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