Cyrus Mistry: मशहूर बिजनेसमैन साइरस मिस्त्री का निधन, टाटा विवाद सहित, जानें उनके बारे में
Cyrus Mistry: मशहूर बिजनेसमैन और टाटा संस के पूर्व प्रमुख साइरस मिस्त्री का निधन. साइरस मिस्त्री एक भारतीय मूल के आयरिश व्यवसायी थे. वह प्रसिद्ध भारतीय अरबपति कंस्ट्रक्शन व्यवसायी पालोनजी मिस्त्री के छोटे बेटे थे.

Cyrus Mistry: मशहूर बिजनेसमैन और टाटा संस के पूर्व प्रमुख साइरस मिस्त्री का महाराष्ट्र के पालघर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर एक कार दुर्घटना में निधन हो गया है. 54 वर्षीय मिस्त्री तीन अन्य लोगों के साथ गुजरात से मुंबई जा रहे थे. कार में उनके साथ मुंबई की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अनाहिता पंडोले और उनके पति डेरियस पंडोले थे जो दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये है. यह हादसा सूर्या नदी पर बने चरोती पुल पर हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके असामयिक निधन पर दुख व्यक्त किया है.
कैसे हुई दुर्घटना?
साइरस मिस्त्री अपने तीन अन्य साथियों के साथ अहमदाबाद से मुंबई के लिए अपनी मर्सिडीज कार में निकले थे, एक पुलिस अधिकारी ने बताया की घटना दोपहर लगभग 3.15 बजे की है. उनकी कार रोड डिवाइडर से टकरा गयी, जिससे यह हादसा हुआ. यह घटना सूर्या नदी के पुल पर हुई. जिसमे साइरस मिस्त्री की मृत्यु हो गयी और अन्य घायलों को गुजरात के एक अस्पताल में भर्ती कार्य गया है. बताया यह भी जा रहा था कि घटना के वक्त मिस्त्री ने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी. उद्योग जगत की हस्तियों ने उनके निधन पर गहरा दुःख व्यत्क किया है.
The untimely demise of Shri Cyrus Mistry is shocking. He was a promising business leader who believed in India’s economic prowess. His passing away is a big loss to the world of commerce and industry. Condolences to his family and friends. May his soul rest in peace.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2022
साइरस मिस्त्री के बारे में:
- साइरस मिस्त्री एक भारतीय मूल के आयरिश व्यवसायी थे. उनका पूरा नाम साइरस पालोनजी मिस्त्री था. उनका जन्म 4 जुलाई 1968 को हुआ था. वह टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष थे. मिस्त्री का जन्म मुंबई के एक पारसी परिवार में हुआ था.
- वह प्रसिद्ध भारतीय अरबपति कंस्ट्रक्शन व्यवसायी पल्लोनजी मिस्त्री के छोटे बेटे थे. पालोनजी मिस्त्री शापोरजी पालोनजी ग्रुप के चेयरपर्सन थे. इस वर्ष 28जून को साइरस मिस्त्री के पिता का भी निधन हुआ था.
- उन्होंने वर्ष 1992 में प्रसिद्ध वकील इकबाल चागला की बेटी रोहिका चागला मिस्त्री से शादी की थी. मिस्त्री के पास, उनके पिता की तरह ही आयरिश नागरिकता थी, लेकिन साइरस मिस्त्री अधिकतर भारत में ही रहते थे.
- उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में हुई. उन्होंने स्नातक लंदन के इंपीरियल कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में पूरी की. और बाद में लंदन बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट में मास्टर्स की डिग्री हासिक की.
- शिक्षा पूरी करने के बाद वह बिज़नेस में आ गये और वर्ष 1991 में शापोरजी पालोनजी एंड कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में अपनी जगह बनायीं. उन्होंने 1994 में कंपनी (शापोरजी पालोनजी ग्रुप) के मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किये गये.
पूरा नाम | साइरस पालोनजी मिस्त्री |
जन्म | 4 जुलाई 1968 (मुंबई) |
शिक्षा | इंपीरियल कॉलेज लंदन, लंदन बिजनेस स्कूल |
नागरिकता | आयरिश |
पेशा | बिजनेसमैन |
माता-पिता | पात्सी पेरिन दुबाश- शापोरजी पालोनजी |
संतान | फिरोज और जहान |
टाटा के साथ था पुराना रिश्ता:
टाटा और साइरस दोनों परिवार पारसी समुदाय से सम्बंधित थे, लेकिन वे अलग-अलग पृष्ठभूमि से आते थे. साइरस मिस्त्री के दादा ने पहली बार 1930 के दशक में टाटा संस में शेयर ख़रीदा था. जो आगे बढ़ते हुए मिस्त्री के पिता, पल्लोनजी से होते हुए उनको मिली थी. 38 वर्ष की उम्र में वह टाटा संस के बोर्ड में शामिल हुए थे. बाद में वह टाटा पॉवर के डायरेक्ट भी बने. उनका यह सफर टाटा के साथ चलता रहा आगे चलकर वह टाटा की विभिन्न उपक्रमों में भी उच्च पदों पर रहे थे. वर्ष 2012 में वह टाटा संस के चेयरपर्सन बने, हालांकि उनका यह सफर आसान नहीं था. और वर्ष 2016 में उन्हें इस पद से हटा दिया गया.
टाटा के साथ उनका विवाद:
जब टाटा संस के अध्यक्ष रतन टाटा 75 वर्ष की उम्र में पद से रिटायर हुए तो साइरस मिस्त्री को चयन समिति द्वारा अगला चेयरपर्सन चुना गया, इसके बाद रतन टाटा के साथ उनके रिश्ते धीरे-धीरे बिगड़ने शुरू हो गये. क्योकि खबर यह आने लगी थी कि मिस्त्री अपने फैसलों में रतन टाटा के बातों को स्थान नहीं देते थे और एकतरफा फैसला करने लगे थे जिस कारण यह विवाद सामने आया. अंततः 24 अक्टूबर, 2016 को, साइरस को बिना किसी नोटिस के औपचारिक रूप से अध्यक्ष पद से हटा दिया गया.
टाटा इस तरह के विवाद से अपनी छवि को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहता था लेकिन यह विवाद बढ़ते बढ़ते नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) तक जा पहुंचा और साइरस ने टाटा संस पर अनियमितता बरतने का आरोप लगाया. NCLT ने उनकी कंपनी द्वारा लगाये गये आरोपों को ख़ारिज कर दिया. वर्ष 2018 में ट्रिब्यूनल ने फैसला टाटा संस के पक्ष में दे दिया.
क्या आया फैसला?
हालांकि ट्रिब्यूनल ने बाद में टाटा संस के अध्यक्ष के मुद्दे पर फैसला साइरस के पक्ष में दिया और उन्हें पद पर बहाल करने का आदेश दिया. लेकिन टाटा ने यह पक्ष रखा की टाटा बोर्ड में साइरस अपना विश्वास खो चुके है और मामला सुप्रीमकोर्ट कोर्ट पहुंचा और सुप्रीमकोर्ट ने फैसला टाटा संस के पक्ष में सुनाया और इस तरह इस हाई प्रोफाइल केस का निपटारा हुआ.
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