शुक्र को अक्सर पृथ्वी का जुड़वां कहा जाता है। इसका कारण यह है कि आकार, द्रव्यमान और बनावट में यह पृथ्वी के सबसे करीब है। दोनों चट्टानी ग्रह हैं और उनका व्यास और बनावट भी एक जैसी है। शुक्र का व्यास लगभग 12,104 किलोमीटर है, जबकि पृथ्वी का व्यास 12,742 किलोमीटर है। इस वजह से वे आकार में लगभग एक समान हैं। उनकी अंदरूनी बनावट भी मिलती-जुलती है, जिसमें एक धातु का कोर और चट्टानी मेंटल होता है। इन्हीं समानताओं के कारण वैज्ञानिक अक्सर शुक्र को पृथ्वी की बहन या जुड़वां ग्रह कहते हैं, हालांकि इसका वातावरण पृथ्वी से बहुत अलग है।
पृथ्वी और शुक्र के बीच अंतर
हालांकि, शुक्र की भौतिक विशेषताएं पृथ्वी से मिलती-जुलती हैं, लेकिन इसका वायुमंडल और सतह के हालात बहुत कठोर हैं। इस ग्रह का वायुमंडल ज्यादातर कार्बन डाइऑक्साइड से बना है। यहां सल्फ्यूरिक एसिड के घने बादल हैं, जो गर्मी को बाहर नहीं निकलने देते।
शुक्र की सतह का तापमान लगभग 465 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। यह इसे सौर मंडल का सबसे गर्म ग्रह बनाता है। यहां तक कि यह बुध से भी ज्यादा गर्म है। यहां हवा का दबाव पृथ्वी से लगभग 90 गुना ज्यादा है और यह उल्टी दिशा में घूमता है। इस घटना को रेट्रोग्रेड रोटेशन (retrograde rotation) के रूप में जाना जाता है।
आसमान का सबसे चमकीला ग्रह
चंद्रमा के बाद, शुक्र रात के आकाश में सबसे चमकीली प्राकृतिक चीज है। यह सूर्योदय से ठीक पहले और सूर्यास्त के ठीक बाद दिखाई देता है। इसी वजह से इसे "भोर का तारा" और "सांझ का तारा" भी कहा जाता है। इसके घने और चमकीले बादल सूरज की रोशनी को वापस अंतरिक्ष में भेज देते हैं। इसी कारण यह इतना ज्यादा चमकता है और सदियों से खगोलविदों को आकर्षित करता रहा है।
शुक्र ग्रह के बारे में कुछ मजेदार बातें
-सूर्य से दूसरा ग्रह: शुक्र सूर्य से लगभग 108 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर परिक्रमा करता है। यह पृथ्वी का सबसे करीबी ग्रह है।
-सबसे गर्म ग्रह: बुध की तुलना में सूर्य से अधिक दूर होने के बावजूद, शुक्र का घना CO₂ (कार्बन डाइऑक्साइड) वाला वायुमंडल गर्मी को रोक लेता है। यही वजह है कि यह सौर मंडल का सबसे गर्म ग्रह है।
-उल्टी दिशा में घूमना: शुक्र बाकी ग्रहों के विपरीत, घड़ी की दिशा में (clockwise) घूमता है, जबकि ज्यादातर ग्रह घड़ी की उलटी दिशा में (counterclockwise) घूमते हैं। इसका मतलब है कि शुक्र पर सूरज पश्चिम में उगता है और पूर्व में डूबता है।
-सबसे लंबा दिन: शुक्र पर एक दिन पृथ्वी के 243 दिनों के बराबर होता है, जबकि इसका एक साल केवल 225 दिनों का होता है। इसका मतलब है कि यहां एक दिन एक साल से भी लंबा होता है।
-अत्यधिक दबाव: इसकी सतह पर दबाव पृथ्वी की तुलना में लगभग 90 गुना ज्यादा है। यह इतना ज्यादा है कि किसी भी अंतरिक्ष यान को मिनटों में कुचल सकता है।
-सल्फ्यूरिक एसिड के बादल: इस ग्रह के घने बादलों में सल्फ्यूरिक एसिड की बूंदें होती हैं। इस वजह से सूरज की रोशनी सीधे सतह तक नहीं पहुंच पाती है।
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