केंद्र सरकार ने भारत से पाकिस्तान की ओर प्रवाहित होने वाली नदियों पर लंबित पड़ी 6 हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट बनाने की अनुमति राज्य सरकार को दी है. इन परियोजनाओं पर 15 बिलियन डॉलर लागत आने का अनुमान है.
इन परियोजनाओं में सावलकोट, क्वार, पाकल दुल, बरसर और किरथइ I और II हैं. इन परियोजनाओं को हाल के महीनों में तकनीकी तौर पर अनुमति प्रदान की गयी. हाइड्रोपावर स्टेशन से अवरोध पैदा होने के कारण पाकिस्तान ने इन परियोजनाओं पर विरोध व्यक्त किया है.
हाइड्रोपावर की क्षमता बढ़ेगी-
- भारत के जल संसाधन मंत्रालय और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार पिछले तीन माह में कश्मीर राज्य में छह हाइड्रोप्रोजेक्ट ने या तो व्यवहार्यता परीक्षण पास किया है या अधिक उन्नत पर्यावरण और वन विशेषज्ञ की मंजूरी प्राप्त की है.
- सिंधु की सहायक नदी चिनाब पर इन परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद जम्मू कश्मीर राज्य में हाइड्रोपावर की क्षमता तीन गुना हो जाएगी.
- वर्तमान जम्मू कश्मीर राज्य में हाइड्रोपावर क्षमता 3,000 मेगावाट है.
- जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार ‘पिछले 50 सालों में भारत ने कुल क्षमता का मात्र छठवां हिस्से के बराबर ही विकास किया.
- पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या में बढ़ोतरी और खेती के पुराने तकनीक के कारण वहां का जल प्रवाह घट रहा है.
- इस योजना में शामिल सबसे बड़ा प्लांट 1856 मेगावाट वाले ‘सावलकोट प्लांट’ को पूरा होने में सालों का समय लग जाएगा.
अन्य लाभ-
- इन परियोजनाओं के सामूहिक प्रभाव से भारत का जल भंडारण पर्याप्त हो जाएगा.
- इससे महत्वपूर्ण मौके पर पाकिस्तान को जल की आपूर्ति को सीमित किया जा सकता है.
सशर्त जलमार्ग बंटवारा-
पाकिस्तान द्वारा जारी आतंकी गतिविधियों और तानव के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष जलमार्ग बंटवारा का सशर्त सुझाव दिया. सुझाव के अनुसार पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकवादियों को शरण न दिया जाए. इसके बाद ही सालों से लंबित पड़े प्रोजेक्ट पर अनुमति की मुहर लगायी गयी.
पाकिस्तान का आरोप-
- पाकिस्तान ने ऐसे परियोजनाओं का विरोध किया. पाकिस्तान के अनुसार सिंधु व सहायक नदियों के बंटवारे पर वर्ल्ड बैंक मध्यस्थता वाली संधि का उल्लंघन किया गया है.
- सिंधु व सहायक नदियों के जल पर पाकिस्तान की 80 फीसद कृषि निर्भर है.
पाक का इंकार-
- कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से पाकिस्तान ने इंकार किया है. भारत से क्षेत्र के भविष्य के निर्णय के लिए अपने आग्रह को दोहराया है.
- पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, नफीस जकारिया के अनुसार वजह प्रस्तावित भारतीय प्रोजेक्ट पर भारत के जल संसाधन व ऊर्जा मंत्रालय से बात करेंगे.
- उन्होंने कहा कि इस माह लाहौर में सिंधु आयोग की नियमित बैठक में भारत भी शामिल होगा.
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