Cobra Warrior 2022: भारतीय वायु सेना 06 मार्च से 27 मार्च 2022 तक इंग्लैंड के वैडिंगटन में ‘एक्स कोबरा वारियर 22’ नामक एक बहु राष्ट्र वायु सेना युद्धाभ्यास में भाग लेगी. भारतीय वायु सेना के लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस इंग्लैंड एवं अन्य शीर्ष वायु सेनाओं के लड़ाकू विमानों के साथ इस युद्धाभ्यास में भाग लेंगे.
भारतीय वायुसेना के मुताबिक इस युद्ध कौशल प्रदर्शन में पांच स्वदेशी एलसीए तेजस लड़ाकू विमान भाग लेंगे, जबकि एक सी-17 विमान परिवहन सहायता प्रदान करेगा. इस Cobra Warrior युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना अपना ताकत दिखाएगी.
IAF will participate in multi-nation air exercise #CobraWarrior at Royal Air Force base, Waddington, UK from 6-27 March. Five indigenous LCA Tejas fighter aircraft will participate in the exercise while a C-17 aircraft will provide transport support: Indian Air Force
— ANI (@ANI) February 23, 2022
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इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भाग लेने वाली वायु सेनाओं के मध्य परिचालन प्रदर्शन करना और श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करना है. इससे युद्ध क्षमता को बढ़ाना और मित्रता के बंधन को मजबूत बनाना है. यह एलसीए तेजस के लिए अपनी गतिशीलता एवं परिचालन क्षमता का प्रदर्शन करने वाला एक मंच होगा.
रॉयल इंडियन एयरफोर्स की संपत्ति
विभाजन के दौरान रॉयल इंडियन एयरफोर्स की संपत्ति को भारत एवं पाकिस्तान के बीच विभाजित कर दिया गया. भारतीय वायुसेना को साल 1950 तक रॉयल एयर फोर्स के नाम से ही जाना गया. लेकिन जनवरी 1950 में ब्रिटिश राष्ट्रकुल के तहत भारत के गणतंत्र बनने पर रॉयल एयरफोर्स के आगे से रॉयल उपसर्ग हटाकर इंडियन एयरफोर्स (भारतीय वायुसेना) कर दिया गया.
कई देशों की वायु सेना शामिल
भारतीय वायु सेना के अनुसार, इस वायु अभ्यास में कई देशों की वायु सेना भाग ले रही है. इसके लिए भारत को भी न्यौता मिला था, जिसे स्वीकार किया गया. बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना के पांच लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस लड़ाकू विमान शामिल होंगे. वहीं, एक सी-17 एयरक्राफ्ट ट्रांसपोर्टे सपोर्ट मुहैया कराएगा.
पचास से अधिक एयरक्राफ्ट शामिल
इस कार्यक्रम में अलग-अलग तरह और अलग-अलग देशों के पचास से अधिक एयरक्राफ्ट शामिल होंगे. कार्य़क्रम के लिए जर्मनी, इटली एवं इजराइल की वायु सेना वेडिंगटन पहुंच चुकी है. आपको बता दें कि यह कार्यक्रम इसलिए भी काफी अहम हो जाता है क्योंकि इसमें इजराइल, इटली औऱ जर्मनी जैसे मजबूत देश शामिल हो रहे हैं. इनके साथ मिलकर अभ्यास करने से वायु सेना को फायदा ही होगा.
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