भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के प्रमुख न्यायमूर्ति एच एल दत्तू को मार्च 2016 में अंतर्राष्ट्रीय समन्वय समिति ब्यूरो, राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था (जेनेवा) के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया.
न्यायमूर्ति एच एल दत्तू के अंतर्राष्ट्रीय समन्वय समिति ब्यूरो के सदस्य के रूप में नियुक्त होने के साथ ही एनएचआरसी (भारत) अब राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था (जेनेवा) में मंगोलिया, कतर और ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगा.
न्यायमूर्ति एच एल दत्तू से संबंधित मुख्य तथ्य:
• न्यायमूर्ति दत्तू 28 सितंबर 2014 से 2 दिसंबर 2015 तक भारत के प्रधान न्यायाधीश थे. दत्तू केरल और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं. 23 फरवरी 2016 को उन्हें भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष चुना गया.
• वर्ष 1950 में कर्नाटक के चिकमगलुरू जिले में जन्मे न्यायमूर्ति दत्तू ने बेंगलुरू में एलएलबी की पढ़ाई की और 23 अक्तूबर, 1975 को एक वकील के तौर पर कर्नाटक बार काउंसिल में पंजीकरण कराया.
• उन्होंने दीवानी, फौजदारी, संवैधानिक और कराधान मामलों में वकालत की.
• उन्हें 18 दिसंबर, 1995 को कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 12 फरवरी, 2007 को वह छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने.
• 8 मई 2007 को उनका तबादला कर उन्हें केरल उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
• उन्हें 17 दिसंबर, 2008 को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया और 28 सितंबर, 2014 को वह देश के प्रधान न्यायाधीश बने.
• 2 दिसंबर 2015 को वह सेवानिवृत्त हो गए.
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