पृथ्वी से टकरा सकता है सौर तूफ़ान: नासा रिपोर्ट

May 7, 2018, 18:09 IST

नासा द्वारा जारी चित्र में बताया गया है कि यह कोरोनल छिद्र उस स्थान पर है जहां सूर्य का चुम्बकीय क्षेत्र खुलता है ताकि यहां से गैसीय पदार्थ बाहर निकल सकें.

NASA Confirmed A G1 Solar Storm Will Strike Earth
NASA Confirmed A G1 Solar Storm Will Strike Earth

अमेरिकी अन्तरिक्ष संगठन नासा द्वारा हाल ही में जारी एक घोषणा में कहा गया कि सूर्य से उठने वाले तेज हवाओं के तूफ़ान (solar storm) का पृथ्वी पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा. वैज्ञानिकों के अनुसार यह सोलर स्टॉर्म पृथ्वी के बड़े हिस्से पर अपना प्रभाव छोड़ेगा.

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि चूंकि यह इस महीने की पहली घटना होगी, इसलिए कुछ समय के लिए ब्लैकआउट की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. सूर्य पर हो रहे बदलावों से कारण ऐसा होगा तथा इस संबंध में नासा द्वारा एक चित्र भी जारी किया गया है.

नासा द्वारा जारी जानकारी

•    नासा द्वारा जारी सूचना के अनुसार सूर्य में एक कोरोनल छिद्र खुलेगा, जिसके कारण सूरज से भारी मात्रा में ऊर्जा का उत्सर्जन होगा, जिसमें कॉस्मिक कण भी मौजूद होंगे.

•    सोलर डिस्क के लगभग आधे हिस्से को काटते हुए एक बड़ा का छेद बनेगा, जिसके कारण सूर्य के वातावरण से पृथ्वी की ओर बेहद गर्म हवा का एक तूफान आएगा.

•    नासा द्वारा जारी चित्र में बताया गया है कि यह कोरोनल छिद्र उस स्थान पर है जहां सूर्य का चुम्बकीय क्षेत्र खुलता है ताकि यहां से गैसीय पदार्थ बाहर निकल सकें. सूर्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक गर्म होने पर यह भाग काला भी दिखाई देता है.

•    नेशनल ओशन एंड एटमॉस्फियर एसोसिएशन ने कहा है कि जब ये तूफान आएगा तो उत्तर और दक्षिण में प्रकाश नजर आएगा.


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सौर तूफ़ान (Solar Storm) का पृथ्वी पर प्रभाव

नासा के अनुसार इस सौर तूफान का पृथ्वी के वातावरण पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. इसके कारण उपग्रह आधारित टेक्नोलॉजी ब्लैकआउट हो सकती है. इस तूफ़ान में रेडियोएक्टिव किरणें भी हो सकती हैं जिससे अन्तरिक्ष में मौजूद उपग्रहों तथा सिग्नलों आदि पर इसका प्रभाव पड़ने की आशंका है. इसका अर्थ है कि यदि ऐसा होता है तो इससे तमाम उपग्रह आधारित सेवाएं यानी मोबाइल सिग्नल, केबल नेटवर्क, जीपीएस नैविगेशन और सैटेलाइट आधारित तकनीक प्रभावित हो सकती है.

सौर तूफ़ान अथवा चुंबकीय तूफान

चुंबकीय तूफान को सौर तूफान भी कहते हैं, जो सूर्य की सतह पर आए क्षणिक बदलाव से उत्पन्न होते हैं. इन्हें पांच श्रेणी जी-1, जी-2, जी-3, जी-4 और जी-5 में बांटा गया है. ऐसा माना जाता है कि जी-5 श्रेणी का तूफान पृथ्वी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.सूर्य के धरातल पर गैसीय विस्फोट होने पर अत्यधिक उर्जा उत्पन्न होती है जिससे सूर्य का वह हिस्सा असीम उर्जा उत्पन्न करता है. इस उर्जा से तूफ़ान जैसी स्थिति उत्पन्न होती है तथा इसे ही सौर तूफ़ान कहा जाता है. मौजूदा तूफ़ान जी-1 श्रेणी में होगा जिससे पृथ्वी पर अधिक नुकसान नहीं होगा.

 

 

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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