रक्षा मंत्रालय ने 21 नवम्बर 2017 को कहा कि वीरता पुरस्कार विजेताओं की विधवाओं को पुनर्विवाह के बाद भी उनका भत्ता जारी रहेगा. अभी तक यह नियम था कि विधवा यदि शहीद के भाई से शादी करती थी, तो ही उसे भत्ता दिया जाता था.
वीरता पुरस्कार विजेताओं को आर्थिक भत्ता पाने की मौजूदा शर्तो के अनुसार, भत्ता पुरस्कार प्राप्तकर्ता को दिया जाता है और उसकी मृत्यु पर उसकी विधवा को दिया जाता है.
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मुख्य तथ्य:
• रक्षा मंत्रालय के मौजूदा मानदंडों के अनुसार, अगर महिला की मृत्यु हो जाती है या वे भाई को छोड़ किसी और से विवाह कर लेती है तो ऐसी स्थिति सरकारी सहायता का भुगतान बंद हो जाता था.
• रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि काफी लोगों की इस प्रावधान के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई थी इसलिए हमनें इस प्रवाधान को हटाने का फैसला किया है.
• वीरता पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं को वर्ष 1972 के मंत्रालय के नोट के मुताबिक आर्थिक भत्ता दिया जाता है.
• रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 1972 के नोट को वर्ष 1995 के रक्षा मंत्रालय के एक पत्र के जरिए बदला गया और वक्त-वक्त पर इसमें संशोधन किया जाता है.
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