प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 फरवरी 2018 को दिल्ली के विज्ञान भवन में विश्व सतत विकास सम्मेलन (डब्ल्यूएसडीएस 2018) का उद्घाटन किया. डब्लूएसडीएस, द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) का प्रमुख मंच है जो टिकाऊ विकास, ऊर्जा और पर्यावरण क्षेत्र से जुड़े वैश्विक नेताओं और विचारकों को एक साथ लाने का प्रयास करता है.
प्रमुख तथ्य
• इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय ‘पार्टनरशिप फॉर ए रेजिलिएंट प्लैनेट’ था.
• डब्लूएसडीएस 2018 द्वारा जलवायु परिवर्तन की पृष्ठभूमि में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष मौजूद कुछ सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक ‘एक्शन फ़्रेमवर्क’ बनाने का प्रयास किया गया.
• शिखर सम्मेलन में विभिन्न प्रकार के मुद्दों पर चर्चा की गई जिनमें भूक्षरण रेाकने, शहरों को कचरे के ढेर से मुक्त बनाने के लिए प्रभावी कचरा निबटान प्रबंधन प्रणाली विकसित करने, प्रभावी ढंग से वायु प्रदूषण का मुकाबला करने, संसाधन और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के उपाय करने, स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने का रास्ता बनाने तथा जलवायु परिवर्तन शमन के लिए वित्तीय तंत्र बनाने जैसी बातें शामिल थीं.
• डब्ल्यूएसडीएस 2018 में आयोजित की गई ग्रीनोवेशन प्रदर्शनी में सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में हुई नवीनतम तकनीकी प्रगति की झलक दिखाई दी.
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डब्ल्यूएसडीएस 2018 का महत्व
इस सम्मेलन में दुनिया भर के नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, विचारकों, राजनयिकों और कंपनियों सहित, 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया. इसके साथ ही ऊर्जा और संसाधनों का अधिक कुशल तरीके से उपयोग करने के तौर तरीकों पर भी चर्चा की गयी. डब्ल्यूएसडीएस 2018 में इन विषयों के अतिरिक्त कार्बन मार्केट और मूल्य निर्धारण, टिकाऊ परिवहन, लचीले शहरों, सौर ऊर्जा और प्रशीतन प्रौद्योगिकियों सहित सतत टिकाऊ विकास से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
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