केंद्र सरकार ने 21 मार्च 2014 को एक्सिस बैंक के अपने 9 फीसदी हिस्सेदारी का विनिवेश कर दिया. इससे सरकार को 5500 करोड़ रुपये की आमदनी हुई. स्पेसिफायड अंडरटेकिंग ऑफ द यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (एसयूयूटीआई) के न्यास कोष के माध्यम से भारत सरकार ने एक्सिस बैंक की शेयर पूंजी का 4226 मिलियन शेयर या 9 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी.
एक्सिस बैंक भारत का तीसरा सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक है और इसमें भारत सरकार संपत्ति के लिहाज से 20.7 फीसदी की हिस्सेदारी रखती है. शेयर की यह बिक्री सरकार द्वारा राजस्व बढ़ाने और 31 मार्च 2014 को खत्म हो रहे वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने वाले सरकारी अभियान का एक हिस्सा है. भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने 42.26 करोड़ शेयरों में से 1122 करोड़ रुपयों की लागत से 85.46 लाख शेयर या 20.23 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है.
सिटिग्रुप ग्लोबल ने 503 करोड़ रुपयों के निवेश के साथ 38.23 लाख शेयर खरीदा. इसके बाद प्रमुख शरीदारों में न्यू वर्ल्ड फंड (26.88 लाख शेयर) और गोल्डमैन सैक्स सिंगापुर (23.50 लाख शेयर) रहे.
अब, 11.72 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ एसयूयूटीआई एक्सिस बैंक का सबसे बड़ा शेयरधारक हो गया है. इसके बाद एलआईसी का स्थान है.
सिटीग्रुप इंक, जेपी मोर्गन चेस एंड कंपनि और जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड को सरकार ने इस बिक्री प्रक्रिया के प्रबंधन के लिए जनवरी 2014 में नियुक्त किया था.
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