सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने वित्त वर्ष 2010-11 के राष्ट्रीय आय और चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2010-11) के लिए सकल घरेलू उत्पाद के तिमाही संशोधित अनुमान 31 मई 2011 को जारी किए. दोनों अनुमान (2004-05) और वर्तमान मूल्यों पर स्थिर हैं
वित्तवर्ष 2010-11 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रही, जो वित्तवर्ष 2009-10 में 8 प्रतिशत थी. इस वृद्धि का प्रमुख कारण कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि, निर्माण गतिविधियों में तेजी और वित्तीय सेवा क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन है. वित्तवर्ष 2010-11 में कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों की विकास दर 6.6 प्रतिशत रही, जबकि वित्तवर्ष 2009-10 यह 0.4 प्रतिशत थी.
विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2010-11 में कम होकर 8.3 प्रतिशत रह गई, जो वित्तवर्ष 2009-10 में 8.8 प्रतिशत थी. विनिर्माण और खनन क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण वित्तवर्ष 2010-11 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रह गई, जो वित्तवर्ष 2009-10 की इसी अवधि में यह 9.4 प्रतिशत थी. इससे इन आशंकाओं को बल मिला है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ़्तार घटी है.
31 मार्च 2011 को समाप्त हुई चौथी तिमाही के दौरान विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रही, जो वित्तवर्ष 2009-10 की इसी तिमाही में 15.2 प्रतिशत थी. परन्तु कृषि उत्पादन में बहुत सुधार हुआ और वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रही, जो वित्तवर्ष 2009-10 की इसी अवधि में 1.1 प्रतिशत थी.
इस बीच, वित्तवर्ष 2010-11 की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के आंकड़ों में संशोधन करके इसे 9.3 प्रतिशत किया गया है, जबकि इससे पहले 8.9 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया था. तीसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों में भी संशोधन करके इसे 8.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.3 प्रतिशत कर दिया गया.
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