चीन की महिला एकल टेनिस खिलाड़ी ली ना ने फ्रेंच ओपेन 2011 का खिताब 4 जून 2011 को जीता. इस जीत के साथ ही वह टेनिस के ग्रैंड स्लैम इतिहास में पहली एकल एशियाई खिलाड़ी बनीं, जिसने कोई ग्रैंड स्लैम खिताब जीता हो. महिला एकल टेनिस में छठी वरीयता प्राप्त ली ना ने वर्ष 2010 की चैंपियन और पांचवीं वरीयता प्राप्त इटली की फ्रांसिस्का शिवोन को पेरिस में खेले गए फ्रेंच ओपेन के महिला सिंगल्स के फाइनल मुकाबले में 6-4, 7-6 से सीधे सेटों में मात देते हुए इतिहास रच दिया.
29 वर्षीय ली ना लगातार दूसरी बार ग्रैंडस्लैम के फाइनल में पहुंचीं. ली ना वर्ष 2006 में विंबलडन के क्वार्टर फाइनल में भी पहुंची थीं. ली ना ने वर्ष 2010 में ऑस्ट्रेलियन ओपेन के फाइनल में जगह बनाई थी. पिछले 21 वर्षों में यह दो सबसे उम्रदराज खिलाडि़यों की जंग थी. दोनों खिलाडि़यों की उम्र का योग 60 साल और 79 दिन था.
ज्ञातव्य हो कि इटली की फ्रांसिस्का शिवोन ने वर्ष 2010 का फ्रेंच ओपेन खिताब जीत कर ऐसा करने वाली इटली की एकमात्र महिला खिलाड़ी बनने का रिकार्ड बनाया था.
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