केंद्र सरकार ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय कानून में संशोधन करने का निर्णय किया है. इसके लिए केंद्रीय योजना आयोग ने प्रख्यात शिक्षाविद् प्रो. एनआर माधव मेनन की अध्यक्षता में दस सदस्यीय समिति का गठन किया. इसके अलावा नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए बुनियादी सुविधाओं की निगरानी हेतु योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय निगरानी समिति भी गठित की गई.
नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति गोपा सभरवाल के अनुसार विश्वविद्यालय के कामकाज को सुचारू ढंग से चलाने हेतु कानून में संशोधन किया जा रहा है. योजना आयोग की विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एनआर माधव मेनन की अध्यक्षता में गठित समिति नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय कानून-2010 में संशोधन करेगी ताकि विश्वविद्यालय को वित्तीय, प्रशासनिक तथा शैक्षणिक स्वायत्ता मिल सके. प्रो. एनआर माधव मेनन समिति सर्वप्रथम विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जारी अध्यादेश तथा कानून एवं नियमावली का भी अध्ययन करेगी ताकि कानून को संशोधित करते समय उसमें कोई कमी न रहे. आइआइएम बंगलूरू के निदेशक प्रो. पंकज चंद्रा और नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति डा. गोपा सबरवाल और लेडी श्रीराम कालेज की प्रिंसिपल डा. मीनाक्षी गोपीनाथ भी इसके सदस्य बनाए गए हैं.
नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के ढांचागत विकास और सुविधाओं पर निगरानी के लिए योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की अध्यक्षता में राष्ट्रीय निगरानी समिति का गठन किया गया. राष्ट्रीय निगरानी समिति में अहलूवालिया के अतिरिक्त दस सदस्य होंगे. इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, सदस्य (मानव संसाधन) योजना आयोग, सदस्य (अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था), विदेश सचिव, सचिव मानव संसाधन विकास मंत्रालय, सचिव (व्यय) वित्त मंत्रालय, कुलपति नालंदा विश्वविद्यालय, नालंदा विश्वविद्यालय निदेशक मंडल से नामित व्यक्ति डा. अरोमेर रवि, निदेशक भारतीय इतिहास अध्ययन संस्थान और सलाहकार (उच्च शिक्षा) योजना आयोग इस समिति के सदस्य होंगे.
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