प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 फरवरी 2016 को छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव जिले के कुरुभात नामक स्थान से राष्ट्रीय रूर्बन मिशन का शुभारंभ किया.
रूर्बन मिशन की विशेषताएं
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार रूर्बन मिशन ‘ग्रामीण आत्मा और शहरी सुविधाओं’से युक्त् कलस्टर आधारित विकास करने में सक्षम होगा.
• यह योजना स्मार्ट गांवों का निर्माण करके स्मार्ट शहरों की पहल की पूरक बनेगी.
• रूर्बन केन्द्रों द्वारा आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा जिससे आसपास के गांव में जीवन की गुणवत्ता में सुधार आएगा.
• रुर्बन मिशन के लिए प्रदेश के चार जिलों धमतरी, कबीरधाम, बस्तर और राजनांदगांव का चयन किया गया है, जहां चार ग्राम समूह बनाए जाएंगे.
• देश में 300 रूर्बन केंद्र शुरू किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिनमें से वर्ष 2016 में 100 केंद्र शुरू कर दिए जाएंगे.
• इसके अतिरिक्त, इन समूहों को सुनियोजित लेआउट द्वारा विधिवत तरीके से राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों में चिन्हित किया जाएगा. यह योजनाएं जिला योजनाओं / मास्टर प्लान के साथ एकीकृत की जा सकेंगी.
• केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा तैयार कार्यान्वयन के तहत राज्य इन क्लस्टरों के लिए एकीकृत क्लस्टर कार्य योजनाएं तैयार करेंगे.
• यह क्लस्टर भौगोलिक रूप से 25000 से 50000 आबादी वाले गावों (मैदानी इलाके) की ग्राम पंचायतों से जुड़े होंगे. मरूस्थल, पहाड़ी अथवा जनजातीय क्षेत्रों में जनसंख्या 5000 से 15000 होगी.
• आदिवासी और गैर आदिवासी जिलों में समूहों के चयन के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपनाया जायेगा.
• ग्राम समूह प्रशासनिक इकाइयों के माध्यम से ग्राम पंचायतों का अभिसरण करेंगे.
• मिशन के सुचारू कार्यान्वयन हेतु राज्य और केंद्र में दोनों संस्थागत व्यवस्था की परिकल्पना की गयी है.
• इस मिशन में अनुसंधान, विकास एवं क्षमता निर्माण के लिए विशेष बजट दिया गया है.
मिशन के लिए वित्त पोषण
• रुर्बन क्लस्टर के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं द्वारा वित्त पोषण किया जायेगा.
• एसपीएमआरएम द्वारा प्रति क्लस्टर परियोजना लागत का 30 प्रतिशत अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगा.
• क्रिटिकल गैप फंडिंग के अतिरिक्त मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए गए हैं जिसमें परियोजना के विकास की दिशा में राज्य सरकार के समर्थन द्वारा पर्याप्त बजट प्रावधान एवं क्षमता विकास शामिल हैं.
रुर्बन मिशन के चौदह घटक
• आर्थिक गतिविधियों से जुड़े कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम
• कृषि प्रसंस्करण / कृषि सेवा / संग्रहण और भण्डारण
• डिजिटल साक्षरता
• स्वच्छता
• साफ़ पानी की आपूर्ति का प्रावधान
• ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन
• गांव की सड़क और नालियां
• स्ट्रीट लाइट
• पूरी तरह से सुसज्जित मोबाइल हेल्थ यूनिट
• उन्नयन स्कूल / उच्च शिक्षा की सुविधा
• इंटर-गांव सड़क संपर्क
• नागरिक केंद्रित सेवाओं / ई-ग्राम कनेक्टिविटी की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी के लिए नागरिक सेवा केंद्र
• सार्वजनिक परिवहन
• एलपीजी गैस कनेक्शन
निष्कर्ष
इसका उद्देश्य क्षेत्र का समग्र विकास है तथा इससे क्षेत्र एवं देश के विकास के लिए एक संतुलन स्थापित किया जाएगा जिससे शहरी एवं ग्रामीण दोनों स्थानों को लाभ प्राप्त होगा.
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