मिस्र की एक अदालत ने 28 अप्रैल 2014 को मुस्लिम ब्रदरहुड के शीर्ष नेता मुहम्मद बादी और उनके 682 समर्थकों को मौत की सजा सुनाई.
विश्व के आधुनिक इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अपराधियों को एकसाथ मौत की सजा सुनाई गई है.
वर्ष 2013 में मुस्लिम ब्रदरहुड समर्थक तत्कालीन राष्ट्रपति मुहम्मद मुर्सी को सेना द्वारा अपदस्थ करने के बाद देश में भड़की हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए थे. जिसके बाद से देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई. सजा पाए इन 683 दोषियों को 14 अगस्त 2013 को दक्षिणी मिस्त्र के मिनया में भड़की हिंसा में कई पुलिसकर्मियों की हत्या के प्रयास में लिप्त पाया गया. 683 दोषियों में 50 हिरासत में हैं जबकि बाकी जमानत पर या फिर फरार चल रहे हैं. 70 वर्षीय मुहम्मद बादी ने वर्ष 2010 में मुस्लिम ब्रदरहुड पार्टी की अगुवाई करनी शुरू की थी.
विदित हो कि मिस्र के सैन्य तानाशाह होस्नी मुबारक को वर्ष 2011 में भड़के जनविद्रोह के बाद पद से हटना पड़ा था. इसके बाद हुए चुनाव में मुस्लिम ब्रदरहुड पार्टी ने भारी जीत हासिल की थी.
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