रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड ने टावर इन्फ्रास्ट्रक्चर साझा करने के लिए इंडस टावर्स के साथ मास्टर सेवा समझौते (एमएसए) पर 22 सितंबर 2014 को हस्ताक्षर किए. इंडस टावर्स के साथ किए गए इस समझौते से रिलायंस जियो देशभर के 288000 दूरसंचार टावरों का इस्तेमाल कर सकेगा.
इससे पहले वर्ष 2013 में, रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने प्रमुख दूरसंचार कपंनी रिलायंस कम्युनिकेशंस, वायोम नेटवर्क और भारती इंफ्राटेल के साथ दूरसंचार बुनियादी ढांचे का साझा इस्तेमाल करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
मास्टर सेवा समझौते की मुख्य विशेषताएं
समझौते के तहत, रिलायंस जियो देशभर में अपनी सेवाएं शुरू करने के लिए इंडस टावर्स द्वारा प्रदान की जा रही दूरसंचार टावर बुनियादी सेवाओं का उपयोग करेंगी. यह इंडस टावर्स के 113,490 टावरों का उपयोग करेगी. मूल्य का निर्धारण प्रचलित बाजार दर के आधार पर किया जाएगा.
इस समझौते से बुनियादी ढांचे के दोहराव से बचने और पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी. यह इंडस टावर्स के विश्व स्तर के टावर बुनियादी सुविधाओं के माध्यम से रिलायंस जियो ग्राहकों को निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करेंगे.
इंडस टावर्स के बारे में
• इंडस टावर्स की स्थापना वर्ष 2007 में की गई थी. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है.
• इंडस टावर्स लिमिटेड एक स्वतंत्र प्रबंधित कंपनी है जो सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों को बुनियादी सेवाओं प्रदान करती है.
• इंडस टावर्स वोडाफोन समूह (42%), भारती इन्फ्राटेल (42%) और आदित्य बिड़ला समूह (16%) का संयुक्त उद्यम है.
• इंडस भारत के 15 प्रमुख दूरसंचार सर्किलों में मौजूद है और दूरसंचार टॉवर उद्योग में पहली बार विश्व स्तर पर 237562 हासिल किया है.
• इंडस टावर्स को प्रतिष्ठित गैलप ग्रेट वर्कप्लेस अवार्ड 2014 से सम्मानित किया गया है.
रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के बारे में
• रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड (आरजेआईएल) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की एक सहायक कंपनी है.
• आरजेआईएल भारत में सभी 22 सेवा क्षेत्रों के लिए एकीकृत लाइसेंस प्राप्त करने वाला पहला टेलीकॉम ऑपरेटर है. यह लाइसेंस आरजेआईएल को वॉयस टेलीफोनी सहित सभी दूरसंचार सेवाओं की पेशकश करने की अनुमति देता है.
• आरजेआईएल ने 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में रेडियोवेव्स प्राप्त किया जो 2जी स्पेक्ट्रम के रूप में जाना जाता है. वर्तमान में इसका प्रयोग दुनिया भर में 4जी सेवाओं के लिए किया जाता है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation