रेल मंत्री ममता बनर्जी ने वित्तीय वर्ष 2011-12 का रेल बजट 25 फरवरी 2011 को पेश किया. वित्तीय वर्ष 2011-12 के रेल बजट के लिए रेलवे की वार्षिक योजना 57630 करोड़ रुपये की रखी गई. 236 नए आदर्श स्टेशन, 45 बजट होटल व बहुउद्देश्यीय परिसरों के अलावा 25 नई लाइनों, 6 अमान परिवर्तन और 23 दोहरीकरण परियोजनाओं के प्रस्ताव के साथ उनके क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय संगठन बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया. वित्तीय वर्ष 2011-12 के दौरान 107 नई लाइनों, 4 अमान परिवर्तन, 16 दोहरीकरण परियोजनाओं के सर्वेक्षण की भी योजना बनाई गई.
रेल बजट 2011-12 में यात्री किराए और माल भाड़ा में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई. बजट में ऑनलाइन एसी बुकिंग में 10 फीसदी और सामान्य सीट की बुकिंग में 5 फीसदी की छूट दी गई. 9 नए दूरंतो ट्रेनों के साथ 3 नई शताब्दी, 4 कविगुरु, 4 विवेक एक्सप्रेस तथा 56 अन्य एक्सप्रेस भी चलाये जाने की घोषणा की गई. जयपुर-दिल्ली और अहमदाबाद-मुंबई एसी डबल डेकर, 13 पैसेंजर, 22 डेमू और 8 मेमू सेवाओं की भी घोषणा की गई. साथ ही 33 गाड़ियों के मार्ग और 17 के फेरे बढ़ाए गए हैं.
16 हजार पूर्व सैनिकों समेत लगभग 2 लाख नए कर्मचारियों की भर्ती की घोषणा रेल बजट 2011-12 में की गई. सिंगूर में मेट्रो रेल के लिए कोच फैक्टरी, उड़ीसा में माल डिब्बा कारखाना तथा जम्मू-कश्मीर में ब्रिज फैक्ट्री व इंजीनियरिंग केंद्र की स्थापना की भी घोषणा की गई. मणिपुर में डीजल रेल इंजन केंद्र, कोलार और अलापुझा में दो वैगन काररखाने तथा बुनियादपुर में एक वैगन इकाई स्थापित की जाएगी। दार्जिलिंग में सेंटर आफ एक्सीलेंस इन साफ्टवेयर की स्थापना को प्रस्तावित किया गया। रेल बजट 2011-12 में न्यू जलपाईगुड़ी, आद्रा, जेल्लिंघन और कुलटी में रेल आधारित उद्योगों को प्रारंभ करने का संकल्प व्यक्त किया गया। ज्ञातव्य हो कि रेल मंत्रालय को केंद्र सरकार द्वारा 15 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजटीय समर्थन दिया गया है.
रेल बजट 2011-12 में नक्सल प्रभावित राज्यों को रेल के सुचारु प्रशासन हेतु प्रोत्साहन स्वरूप रेल सेवाएं ठीक-ठाक चलाने पर उन राज्यों को अतिरिक्त गाड़ियां और डिब्बे देने का वादा किया गया. पर्यावरण संरक्षण का ख्याल रखते हुए ग्रीन रेलवे पर भी जोर दिया गया. इस हेतु बजट में रेलवे द्वारा 2011-12 को हरित ऊर्जा वर्ष के रूप में मनाने तथी इंजनों और कारखानों में बायोडीजल, सीएनजी और एलएनजी के उपयोग का संकल्प व्यक्त किया गया.
रेल बजट 2011-12 में रेलवे कर्मियों, खिलाड़ियों, शौर्य पदक विजेताओं, पत्रकारों आदि को रियायतें बढ़ा दी गईं. रेल बजट 2011-12 में रेल पटरियों के किनारे रहने वाले लोगों के लिए सुखी गृह योजना के माध्यम से छोटे-छोटे आश्रय मुहैया कराने की व्यवस्था की गयी। सुखी गृह योजना के तहत पायलट आधार पर मुंबई, तिरुचिरापल्ली, सियालदह, सिलीगुड़ी आदि स्थानों पर 10000 आवासीय इकाइयां मुहैया कराई जानी हैं। हालांकि छठे वेतन आयोग की वजह से भारतीय रेलवे पर कुल 76 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ आ गया है. तमाम खर्च और योजनाओं के बावजूद रेल मंत्रालय ने अनुमान व्यक्त किया कि वित्तीय वर्ष 2011-12 में भारतीय रेलवे को एक लाख करोड़ से ज्यादा की कमाई होनी है. भारतीय रेल को अति आधुनिक बनाने की आवश्यकता, सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्टेशनों को नई तकनीकों से लैस किया जाना, माल व यात्री भाड़ा में कोई बढ़ोतरी नहीं आदि को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेल को मुनाफे की ओर भी देखना होगा.
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