US body puts India under Watch List on religious freedom. वर्ष 2011 की धार्मिक स्वतंत्रता निगरानी सूची (Watch List on religious freedom) में अफगानिस्तान, बेलारूस, क्यूबा, मिस्र, इंडोनेशिया, लाओस, रूस, सोमालिया, ताजकिस्तान,वेनेजुएला और तुर्की के साथ भारत को भी शामिल किया गया. अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी आयोग(US Commission on International Religious Freedom, यूएससीआईआरएफ) द्वारा तैयार यह सूची 28 अप्रैल 2011 को जारी की गई. इस सूची में शामिल करने का कारण वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे, वर्ष 2002 के गुजरात सांप्रदायिक दंगे और 2007 में उड़ीसा में हुई हिंसा के पीडि़तों को मिलने वाले न्याय की गति धीमी अथवा निष्प्रभावी होना है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ, USCIRF) का भारत को निगरानी सू़ची(Watch List on religious freedom) में डालने का निर्णय आयोग में सर्वसम्मति से नहीं लिया गया. संस्था के दो सदस्यों ने इसका विरोध किया. विरोध करने वालों में आयोग के आयुक्त फेलिस गेयर और विलियम शा ने वर्ष 2011 में भारत को ऐसी सूची में डालना अनुचित बताया. वर्ष 2010 में अयोध्या मामले में आए निर्णय की संस्था ने प्रशंसा की है. यूएससीआइआरएफ (USCIRF) ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी प्रशासन से आग्रह किया है कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित चिंताओं और मानवाधिकारों का मामला उठाएं. हालांकि रिपोर्ट में यह स्वीकार किया गया कि वर्ष 2008 के बाद से भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कोई हिंसा नहीं हुई.
विदित हो कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी आयोग (US Commission on International Religious Freedom यूएससीआईआरएफ) एक स्वतंत्र संघीय संस्था है जो विदेश में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामलों की निगरानी करने के साथ ही इस संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति को सिफारिश करती है.
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