सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कुमारी सैलजा ने विकलांगजनों के लिए सहायता एवं सहायक यंत्रों के राष्ट्रीय मेले 'स्वावलंबन' का नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में 25 जुलाई 2013 को उद्घाटन किया. विकलांगजन मामलों के विभाग द्वारा आयोजित यह अपनी किस्म का पहला चार दिवसीय (25- 28 जुलाई 2013) मेला है. इस मेले के आयोजन में भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एएलआईसीएमओ) का भी काफी योगदान रहा है.
मेले का उद्देश्य
आधुनिक जीवन शैली के कारण होने वाली बहुत सी अन्य विकलांगताओं का पता लगाने और विकलांगजनों के लिए उचित सहायक तकनीक विकसित करने की आवश्यकता है. इन बातों को ध्यान में रखकर मंत्रालय ने देश में उपलब्ध विभिन्न सहायक उपकरणों का एक राष्ट्रीय व्यापार मेला आयोजित करने का निर्णय किया. इससे इस क्षेत्र के विभिन्न साझेदारों की उपलब्धता के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने और उनका आकलन करने में मदद प्राप्त होनी है. इससे निर्माताओं और इन उपकरणों के इस्तेमाल करने वालों के बीच वैचारिक आदान प्रदान और क्षेत्र से जुड़े़ उद्योगों को आकर्षित करने में भी मदद प्राप्त होनी है.
भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एएलआईसीएमओ)
एएलआईसीएमओ एक गैर-लाभकारी निर्माण उद्योग है, जो पिछले चार वर्षों से कार्य कर रहा है. यह विकलांगजनों के लिए सहायता और सहायक यंत्रों का निर्माण और आपूर्ति करने के अलावा उन्हें उपकरण देने के लिए शिविर भी आयोजित करता है. अब तक यह 40 लाख से अधिक विकलांगजनों को सहायता और सहायक यंत्र प्रदान कर चुका है. पिछले दो वर्षों में इसने उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ शिविर लगाने में भी कई गुणा वृद्धि की है.
भारत में विकलांगजनों की स्थिति
विकलांगजन राष्ट्रीय नीति-2006 के अंतर्गत विकलांगजनों को मूल्यवान मानव संसाधन माना गया और इस नीति में उनके शारीरिक, आर्थिक और शैक्षिक पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया गया. वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार देश में 2.19 करोड़ विकलांगजन हैं. विकलांगता के शिकार छात्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सभी स्तरों पर छात्रवृत्तियां शुरू की गई हैं, जो मैट्रिक पूर्व/मैट्रिक बाद, उच्च शिक्षा, सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में शिक्षा के लिए प्रदान की जानी है. यह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को दी जाने वाली इस तरह की सुविधाओं की तर्ज पर होगी. यूजीसी के द्वारा उच्च शिक्षा हेतु राजीव गांधी राष्ट्रीय फैलोशिप शुरू की गई है.
असिस्टेंस टू डिसेबल्ड पर्सन्स स्कीम (एडीआईपी)
यह विकलांगजनों के पुनर्वास के लिए एक योजना है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद विकलांगजनों को टिकाऊ, अत्याधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से निर्मित आधुनिक सहायक यंत्र उपलब्ध कराना है. इन उपकरणों से उनके शारीरिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पुनर्वास में मदद मिलेगी और उनमें विकलांगता का अहसास कम होगा तथा कमाने के अवसर बढेंगे. इस समय इस योजना के अंतर्गत चलने-फिरने में अक्षम, दृष्टिबाधित, बधिर, मानसिक रूप से अक्षम लोगों के लिए सहायता एवं सहायक यंत्र प्रदान किए जाते हैं.
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